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तेजपुर: असम में लापता हुए सुखोई-30 फाइटर जेट का मलबा तीन दिन के तलाशी अभियान के बाद आज (शुक्रवार) मिला गया है। एसयू-30 एमकेआई विमान ने मंगलवार को सुबह साढ़े दस बजे तेजपुर सलोनीबाड़ी वायुसेना स्टेशन से उड़ान भरी थी और थोड़ी देर बाद विमान से संपर्क टूट गया था। यह नियमित प्रशिक्षण उड़ान पर था और इसमें चालक दल के दो सदस्य सवार थे । हालांकि अब तक विमान के सवार दो पायलटों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। सुखोई -30 लड़ाकू विमान का मलबा उसी जगह के पास से मिला है जहां से उसका आखिरी बार संपर्क टूटा था। डिफेंस प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल संबित घोष ने बताया, लापता सुखोई..30 लड़ाकू विमान का मलबा विमान की अंतिम अज्ञात स्थिति के पास मिला जो तेजपुर के 60 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में शोणितपुर जिले में थी । उन्होंने कहा कि अभी वहां मौसम बहुत खराब है। इस वजह से परेशानी आ रही है। आपको बता दें कि चीन सीमा के पास तेजपुर एयर फोर्स बेस स्टेशन से मंगलवार सुबह उड़ान भरने के बाद लापता हुआ विमान आखिरी बार 12:30 बजे तक ग्राउंड सपॉर्ट के संपर्क में था। सुखोई- 30 ने एयरफोर्स स्टेशन बेस से दो पायलटों के साथ उड़ान भरी थी। बताया जा रहा है कि विमान नियमित ट्रेनिंग मिशन के तहत उड़ान पर था।

गुवाहाटी: केंद्र की एनडीए सरकार को आज (शुक्रवार) तीन साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असम के गुवाहाटी में एक कार्यक्रम में मौजूद हैं। पीएम मोदी ने आज चीन सीमा के नजदीक ब्रह्मपुत्र नदी पर बने देश के सबसे लंबे धौला-सादिया पुल को देश को समर्पित कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इसका उद्घाटन किया। देश के सबसे लंबे पुल का उद्घाटन करने के बाद पीएम मोदी ने असम के तिनसुकिया में जनता को संबोधित करते हुए कहा कि अनेक वर्षों से जिसकी प्रतीक्षा कर रहे थे, उस पुल की शुरुआत हो गई है। मोदी ने कहा कि आज उत्सव मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर कहा कि अरुणाचल के अदरक किसानों के लिए ये पुल नया रास्ता खोलेगा, पुल के माध्यम से अदरक का ग्लोबल मार्केट तैयार हो सकता है। इस पुल से रोजाना करीब 10 लाख रुपयों की बचत होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये पुल दो राज्यों के बीच विकास की कड़ी बनेगा। गौरतलब है कि मोदी सरकार ने आज 26 मई को सत्ता में अपने तीन साल पूरे कर लिए हैं। इस मौके पर मोदी सरकार ने देश को सबसे लंबे पुल के रूप में तोहफा दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच दशक से आप जिसका इंतजार कर रहे थे वो ब्रिज आपको मिल गया है। पीएम मोदी बोले की इससे समय और खर्च में बचत होगी। डीजत की बचत होने से रोजाना सामान्य नागरिकों का 10 लाख रुपये बच सकेंगे।

डिब्रूगढ़: असम में चीन की सीमा के नजदीक भारत में ब्रहमपुत्र नदी पर बने सबसे लंबे पुल का उद्घाटन 26 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। यह पुल 60 टन वजनी युद्धक टैंक का भार भी वहन करने में सक्षम है। यह पुल चीनी सीमा से हवाई दूरी 100 किलोमीटर से कम है। ब्रहमपुत्र नदी पर बने 9.15 किलोमीटर लंबे धोला-सादिया पुल के उद्घाटन के साथ ही प्रधानमंत्री असम के पूर्वी हिस्से से राजग सरकार के तीन साल पूरे होने का जश्न आरंभ करेंगे। इस पुल को चीन भारत सीमा पर, खास तौर पर पूर्वोत्तर में भारत की रक्षा जरूरतों को पूरा करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। इसके अलावा यह पुल अरुणाचल प्रदेश और असम के लोगों के लिए हवाई और रेल संपर्क के अलावा सड़क संपर्क भी आसान बनाएगा। यह मुंबई में बांद्रा-वर्ली समुद्र संपर्क पुल से 3.55 किलोमीटर लंबा है और इस प्रकार यह भारत का सबसे लंबा पुल है। असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री सामरिक रूप से अहम इस पुल को 26 मई को देश को समर्पित करेंगे। यह पूर्वोत्तर में सड़क संपर्क को भी आसान बनाएगा क्योंकि रक्षा बलों द्वारा बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करने के अलावा पुल का उपयोग असम और अरुणाचल प्रदेश के लोग भी करेंगे। पुल का निर्माण साल 2011 में शुरू हुआ था और परियोजना की लागत 950 करोड़ रुपये थी।

नई दिल्ली/ शिलॉन्ग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि पूर्वोत्तर को दक्षिण पूर्व एशिया का प्रवेशद्वार बनाने का लक्ष्य रखते हुये सरकार ने आज सात राज्यों में सड़कों और राजमार्गों को सुधारने के लिये 40 हजार करोड़ रूपये लागत की परियोजना समेत कई अहम आधारभूत परियोजनाओं की शुरआत की। उन्होंने हालांकि इस बात पर अफसोस भी जताया कि हाल के राष्ट्रव्यापी स्वच्छता सर्वेक्षण में ‘‘50 सबसे स्वच्छ शहरों में सिर्फ गंगटोक :पूर्वोत्तर से: अपनी जगह बना पाया’’। स्वच्छता को क्षेत्र में हर किसी के लिये बड़ी चुनौती करार देते हुये उन्होंने कहा कि स्वच्छता पैमाने पर 100 से 200 स्वच्छ शहरों के बीच पूर्वोत्तर के चार शहर है, जबकि 200 से 300 स्वच्छ शहरों में पूर्वोत्तर के सात शहर आते है जिनमें शिलांग 276वें स्थान पर है। वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये शिलांग में प्रमुख स्वयंसेवी संगठन भारत सेवाश्रम संघ के शताब्दी समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘हमें पूर्वोत्तर को दक्षिणपूर्व एशिया का प्रवेशद्वार बनाना होगा’’ और यह प्रवेश द्वार अगर गंदा होगा तो यह सपना पूरा नहीं होगा। उन्होंने लोगों और संघ जैसे संगठनों से स्वच्छता अभियान के लिये साथ आने को कहा। स्वतंत्रता के कई सालों बाद भी समूचे पूर्वोत्तर का संतुलित विकास नहीं होने का जिक्र करते हुये प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने ‘‘अपने सभी संसाधनों के साथ’’ यहां राज्यों के संपूर्ण और संतुलित विकास की योजना बनाई है।

 

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