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गोलपाड़ा: असम के गोलपाड़ा जिले में तेज तूफान के कारण सबोन नदी में चार नौका पलटने से 10 लोगों की मौत हो गई। जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) नूर हुसैन ने बताया कि जिले के कम से कम 50 लोग चार नौकाओं में सवार हो कर सबोन गांव में नौका दौड़ देखने गए थे।

रविवार शाम लौटते वक्त तूफान से उनकी नौका जोरियाबील में पलट गई। हुसैन ने बताया कि रात में ही नौ शवों को बरामद कर लिया गया था और एक व्यक्ति का शव आज बरामद किया गया। अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि स्थानीय लोगों द्वारा और भी लोगों के लापता होने का दावा करने के बाद एसडीआरएफ बचाव टीमों को क्षेत्र में भेजा गया है और तलाश अभियान जारी है।

उन्होंने बताया कि मृतकों के परिजन को नियम के अनुसार अनुग्रह राशि दी जाएगी।

गुहावटी: रोहिंग्या मुसलमानों के लिए दया का भाव दिखाने वाली असम बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य बेनजीर अरफां को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। 2012 से बीजेपी के साथ जुड़ी बेनजीर का कहना है कि गुरुवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रंजीत कुमार दास ने उन्हें पार्टी से निष्कासित करते हुए व्हाट्सएप पर सस्पेंसन लेटर भेजा।

बेनजीर का कहना है कि इस तरह से पार्टी से निकालना मेरी बेइज्जती करना है, इस मुद्दे पर मैं पार्टी हाईकमान से शिकायत करूंगी। बेनजीर अरफां का कहना है कि उन्होंने रोहिंग्या मुसलमानों के समर्थन में एक मीटिंग में हिस्सा लिया था, जिसके चलते उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया गया। रोहिंग्या मुसलमानों के समर्थन में इस मीटिंग का आयोजन यूनाइटेड माइनॉरिटी पिपुल्स फोरम द्वारा किया गया था। 

मीडिया से बात करते हुए बेनजीर अरफां ने कहा कि जो सस्पेंसन लेटर उन्हें मिला है, उसमें लिखा गया है- किसी दूसरी संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम जो कि रोहिंग्या मुसलमानों के समर्थन के लिए था, उसमें आपने बिना पार्टी की मर्जी से हिस्सा लेकर पार्टी के नियमों को तोड़ा है

गुवाहाटी: असम विधानसभा में शुक्रवार को बुजुर्ग लोगों से जुड़ा एक बेहद अहम बिल पास किया गया है। इस बिल के मुताबिक, सरकारी कर्मचारियों के लिए ये जरूरी होगा कि वो अपने माता-पिता और दिव्यांग भाई-बहनों की सही तरीके से देखभाल करें। बिल के मुताबित अगर किसी सरकारी कर्मचारी द्वारा ऐसा नहीं किया जाता है, तो राज्य सरकार उसके वेतन में से हर महीने एक तय रकम काट लेगी। काटा हुआ पैसा उस कर्मचारी के माता-पिता या दिव्यांग भाई-बहनों पर खर्च किया जाएगा। खास बात ये है कि असम देश का ऐसा पहला राज्य है, जहां इस तरह का कानून बनाया गया है। इस कानून पर शुक्रवार को विधानसभा में चर्चा हुई और इस दौरान राज्य के वित्त मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार को ये मंजूर नहीं कि कोई भी शख्स अपने बुजुर्ग मां-बाप को वृद्धाश्रम में छोड़कर जाए। ठीक इसी तरह दिव्यांग भाई-बहनों के मामले में भी हम यही चाहते हैं। शर्मा के मुताबिक, शुरुआत में इस कानून के दायरे में सिर्फ सरकारी कर्मचारियों को रखा गया है। लेकिन जल्द ही प्राईवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों को भी इसमें शामिल किया जाएगा।

दिसपुर: असम राज्य में बतद्रोवा विधानसभा सीट से एमएलए और नार्थ ईस्ट की फिल्म इंडस्ट्री की मशहूर एक्ट्रेस रहीं अंगूरलता डेका इन दिनों अपनी एक मांग को लेकर खासी चर्चा बटोर रही हैं। उन्होंने असम विधानसभा की इमारत में ब्रेस्ट फीडिंग रुम की मांग की है। दरअसल अंगूरलता अगस्त के पहले हफ्ते में ही मां बनी हैं। उन्होने 4 सितंबर को शुरु हुए विधानसभा सत्र में ये मांग उठाई है क्योंकि उन्हें हर घंटे अपने बच्चे को दूध पिलाने के लिए सत्र की कार्रवाई को बीच में ही छोड़कर घर जाना पड़ रहा है। अंगूरलता चाहती हैं कि सरकार, सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों के दफ्तरों में भी महिलाओं के लिए स्पेशल रूम बनाया जाए। आपको बता दें कि अंगूरलता भाजपा ज्वाइन करने से पहले एक मशहूर एक्ट्रैस भी रह चुकी हैं। बाद में साल 2015 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत भी गईं। इससे पहले वो कई बंगाली और असमिया फिल्मों में काम कर चुकी हैं। असम के थिएटर के लिए वो बेनजीर भूट्टो का किरदार भी निभा चुकी हैं।

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