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गुवाहाटी: असम में सेना के जवानों ने तीन लोगों को भीड़ से बचा लिया है। ये लोग साधु के वेश में थे भीड़ उन्हें बच्चा चोर समझ रही थी। स्थानीय लोगों ने इन तीनों लोगों को घेर लिया था। अगर सेना के जवान दखल न देते तो बाकी और राज्यों में अफ़वाह के चलते जिस तरह हिंसक भीड़ हत्याएं कर रही हैं ऐसा ही कुछ यहां भी हो सकता था। ये घटना असम के डीमा हसाओ इलाके की है। इन तीन लोगों में से दो उत्तर प्रदेश से हैं जबकि एक गुजरात से है। इन लोगों को बाद में सेना के महुर कैंप ले जाया गया जहां इनसे पूछताछ भी की गई।

सेना के अधिकारियों की माने तो ये लोग असम में होने वाले मेले में भाग लेने के लिए यहां आए थे। गौरतलब है कि त्रिपुरा में हाल ही में एक फेक न्यूज की वजह से हुई हिंसा 4 लोगों की जान चली गई है। मृतकों में सुकांत चक्रवती नाम का एक वो शख्स भी शामिल है जिसे पुलिस ने फेक न्यूज के खिलाफ जागरुकता अभियान में शामिल कर रखा था।

गुवाहाटी: बांग्लादेशी घुसपैठ पर शुक्रवार को ऑल असम स्टुडेंट यूनियन (एएएसयू)के नेता समुज्जल भट्टाचार्य ने बड़ा बयान दिया है। अपने हालिया बयान में भट्टाचार्य ने कहा कि असम में अवैध रूप से रह रहे हिन्दू या मुसलमान बांग्लादेशी असम छोड़कर चले जाएं यह प्रदेश बांग्लादेशियों के लिए डंपिंग ग्राउंड नहीं है। उन्होंने कहा कि जो कानून बनाया गया है वह बिल्कुल सही है सन् 1971 से पहले जो यहां आकर बस गए वे तो यहां के नागरिक कहलाएंगे लेकिन जो सन् 71 के बाद यहां आए हैं वे अवैध हैं वे मुसलमान हों चाहे वे हिन्दू हों। असम की राजनीति में इस बयान को बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है।

आपकी जानकारी में असम विगत कई वर्षों तक बांग्लादेशी नागरिकों के अवैध घुसपैठ को लेकर अशांत रहा है। हालांकि इस मुद्दे पर आज भी असम में कुछ खास गुट के लोग हथियार उठाए हुए हैं और भारतीय सुरक्षा बलों के लिए चुनौती खड़ी कर रहे हैं। असम में उल्फा नामक संगठन आज भी आतंक का पर्याय बना हुआ है। यह संगठन असम से गैर असमियों को भगाने और राज्य में पूर्ण रूपेण असमियों की सत्ता स्थापित करने के लिए संघर्ष कर रहा है। अभी वर्तमान में असम के अंदर भारतीय जनता पार्टी और असम गण परिषद् की गठबंधन सरकार चल रही है।

गुवाहाटी: राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में भ्रूण हत्या के चलते लड़कियों की संख्या कम है। इसके चलते बड़ी संख्या में युवकों की शादी नहीं हो पा रही। शादी के लिए लड़कियां नाकाफी हुईं तो लोग खरीद कर लाने लगे। यह सिलसिला दिनोंदिन बढ़ रहा है और घर बसाने के लिए दूसरे राज्यों की लड़कियों की खरीद-फरोख्त हो रही है। शादी नहीं होने के कारण अब मानव तस्करी के जरिए ऊंची कीमत पर लड़कियां खरीदी जा रही है। पिछले एक साल में अकेले चूरू जिले में ऐसे ही करीब एक दर्जन मामले सामने आ चुके हैं। जो मामले उजागर नहीं हुए हैं उनकी संख्या इनसे कई गुना अधिक बताई जा रही है।

इसी कड़ी में मंगलवार को फिर चूरू जिले में मानव तस्करी का मामला सामने आया है। चाइल्ड हेल्प लाइन और मानव तस्कर विरोधी यूनिट ने कार्रवाई करते हुए असम की 15 साल की बालिका को गांव आसलखेडी से रेस्क्यू किया है। इस नाबालिग को दलालों ने असम से अगवा किया था आैर चूरू जिले के गांव आसलखेड़ी में बेच दिया था। चूरू एसपी राहुल बारहट को सूचना मिलने के बाद चाइल्ड हेल्प लाइन और मानव तस्कर विरोधी यूनिट ने बालिका को रेस्क्यू कर उसे बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया।

गुवाहाटी: गुवाहाटी एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच के दौरान शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। सुरक्षा अधिकारियों ने एक महिला को कपड़े उतारने के लिए मजबूर कर दिया क्योंकि वो यह जानना चाहते थे कि महिला गर्भवती है या नहीं। चौंकाने वाली बात यह है कि पीड़ित दंपत्ति दिल्ली से हवाई यात्रा करके ही गुवाहाटी आया था एवं यह घटना वापस लौटते समय हुई। पति बार-बार दोहराता रहा कि ऐसा कोई नियम नहीं है और उन्हे दिल्ली से यात्रा की अनुमति दी गई थी, अत: यहां कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए लेकिन उसकी एक नहीं मानी गई। सुरक्षा अधिकारी ने गर्भवती महिला के पेट पर धक्का देकर जांच किया कि अंदर शिशु है या नहीं।

ये घटना रविवार की है जब ये महिला अपने पिता के अंतिम संस्कार में भाग लेने के बाद असम से दिल्ली लौट रही थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रविवार को शिवम सरमा और उनकी पत्नी डॉली गोस्वामी स्पाइस जेट की फ्लाइट संख्या एसजी-169 से दिल्ली जा रहे थे। डॉली 25 हफ्ते से प्रेगनेंट थी और उन्हें कोई परेशानी नहीं थी। उन्होंने कहा, 'मैंने गुवाहाटी एयरपोर्ट पर स्पाइसजेट के स्टाफ से व्हीलचेयर मांगी तो उन्होंने दे दी। हालांकि, एयरलाइन ने बोर्डिंग पास देने से पहले मेरे प्रेगनेंसी को लेकर कई सवाल किए।

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