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भुवनेश्वर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा में चक्रवात ‘फोनी’ के कारण हुई क्षति का आकलन करने के लिए सोमवार को हवाई सर्वेक्षण किया और राज्य में राहत कार्यों के लिए 1000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त केंद्रीय सहायता मुहैया कराने की घोषणा की। मोदी ने चक्रवात से पहले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की व्यापक मुहिम के लिए नवीन पटनायक सरकार की प्रशंसा की। उन्होंने मृतकों के परिजन के लिए दो-दो लाख रुपए और चक्रवात के कारण घायल हुए लोगों के लिए पचास-पचास हजार रुपए के मुआवजे की घोषणा की। इससे पहले भी केंद्र ने राज्य के लिए 381 करोड़ रुपए जारी किए थे। राज्य में चक्रवात ने भारी तबाही मचाई है और इसके कारण कम से कम 34 लोगों की मौत हो गई है।

मोदी ने हवाई सर्वेक्षण के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘पटनायक नीत सरकार ने जनहानि से बचने के लिए तटीय क्षेत्रों से लोगों को निकालने में सराहनीय काम किया। चक्रवात के कारण हुए नुकसान का जायजा के लिए एक केंद्रीय दल जल्द ही राज्य का दौरा करेगा।’’ राज्य सरकार ने चक्रवात से निपटने की तैयारियों के तहत तटीय क्षेत्रों के करीब 12 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया था।

भुवनेश्वर: ओडिशा में चक्रवाती तूफान ‘फोनी’ की चपेट में आकर मरने वालों की संख्या शनिवार को बढ़कर 16 पर पहुंच गई है। राज्य के लगभग 10,000 गांवों और 52 शहरी क्षेत्रों में युद्धस्तर पर राहत एवं पुनर्वास कार्य प्रारंभ कर दिये गए हैं और इस तूफान से करीब एक करोड़ लोग प्रभावित हुये हैं। यह चक्रवाती तूफान अत्यधिक शक्तिशाली माना जा रहा है और तटीय क्षेत्र पुरी में शुक्रवार को टकराया था। माना जा रहा है कि यह चक्रवात ग्रीष्म कालीन चक्रवातों में ‘दुर्लभ से दुर्लभतम’ श्रेणी का है और बीते 43 सालों में पहली बार ओडिशा पहुंचने वाला पहला और बीते 150 सालों में आये तीन सबसे ताकतवर तूफानों में से एक है।

अधिकारियों ने बताया कि 240 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहे इस भीषण चक्रवाती तूफान की वजह से शुक्रवार को पुरी में तेज बारिश और आंधी आयी। तूफान के कमजोर पड़ने और पश्चिम बंगाल में प्रवेश करने से पहले इसकी चपेट में आये कस्बों और गांवों में बहुत से घरों की छतें उड़ गयीं और कई मकान पूरी तरह से नष्ट हो गये।

नई दिल्ली: शुक्रवार को चक्रवाती तूफान फेनी ने ओडिशा में भीषण तबाही मचाई। राज्य के कई इलाके जलमग्न हो गए। तूफान से अब तक 8 लोगों के मारे जान की खबर है, जबकि 150 से ज्यादा संख्या में लोग घायल हुए हैं। पुरानी इमारतों, कच्चे घरों, अस्थायी दुकानों को भारी नुकसान पहुंचा है। बिजली और टेलिकॉम सेवा पूरी तरह से ठप पड़ी हुई है। भारी बारिश के कारण प्रभावित इलाकों में स्थित घर डूब गये। वहीं, भुवनेश्वर में एयरपोर्ट तथा एम्स में काफी नुकसान हुआ है। तूफान के कारण एम्स भुवनेश्वर में एक इमारत की छत का एक हिस्सा टूट गया, लेकिन सभी छात्र, स्टॉफ और मरीज सुरक्षित बताए गए हैं। 'फेनी' के चलते भुवनेश्वर में एम्स पीजी 2019 परीक्षा को रद्द कर दिया गया है।

वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक अब तक कम से कम आठ लोग मृत बताए जा रहे हैं। कई इलाकों से सूचना का इंतजार है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पुरी जिले में एक किशोर सहित तीन लोगों,भुवनेश्वर और आसपास के इलाकों में तीन लोगों के मारे जाने की खबर है।

भुवनेश्वर/कोलकाता: भारी बारिश और 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से प्रचंड हवाओं के साथ चक्रवाती तूफान ‘फोनी’ ने शुक्रवार सुबह ओडिशा तट पर दस्तक दे दी जिसमें कम से कम तीन लोग मारे गये । तूफान के कारण कई पेड़ उखड़ गये और झोपड़ियां तबाह हो गयीं। साथ ही कई शहर और गांव जलमग्न हो गये। अत्यधिक प्रचंड चक्रवाती तूफान फोनी ने सुबह करीब आठ बजे पुरी में दस्तक दी। फोनी का अर्थ है ‘सांप का फण’। भारी बारिश के साथ प्रचंड हवा ने तीर्थ नगरी में झोपड़ियों को लील लिया। भारी बारिश के कारण प्रभावित इलाकों में स्थित घर डूब गये।

विशेष राहत आयुक्त बी. पी. सेठी ने कहा कि पुरी, नयागढ़ और केंद्रपाड़ा जिलों में तीन लोगों के मरने की खबर है। पुरी में एक किशोर लड़के के ऊपर पेड़ के गिर जाने से उसकी मौत हो गयी। नयागढ़ में कंक्रीट के बने एक ढांचे से उड़ रहे मलबों की चपेट में आने से एक महिला की मौत हो गयी जबकि केंद्रपाड़ा जिले में एक राहत शिविर में दिल का दौरा पड़ने से बुजुर्ग महिला की मौत हो गयी। बिस्वास ने बताया कि चक्रवात का केंद्र करीब 28 किलोमीटर दूर है और वह 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है।

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