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भुवनेश्वर/कोलकाता: भारी बारिश और 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से प्रचंड हवाओं के साथ चक्रवाती तूफान ‘फोनी’ ने शुक्रवार सुबह ओडिशा तट पर दस्तक दे दी जिसमें कम से कम तीन लोग मारे गये । तूफान के कारण कई पेड़ उखड़ गये और झोपड़ियां तबाह हो गयीं। साथ ही कई शहर और गांव जलमग्न हो गये। अत्यधिक प्रचंड चक्रवाती तूफान फोनी ने सुबह करीब आठ बजे पुरी में दस्तक दी। फोनी का अर्थ है ‘सांप का फण’। भारी बारिश के साथ प्रचंड हवा ने तीर्थ नगरी में झोपड़ियों को लील लिया। भारी बारिश के कारण प्रभावित इलाकों में स्थित घर डूब गये।

विशेष राहत आयुक्त बी. पी. सेठी ने कहा कि पुरी, नयागढ़ और केंद्रपाड़ा जिलों में तीन लोगों के मरने की खबर है। पुरी में एक किशोर लड़के के ऊपर पेड़ के गिर जाने से उसकी मौत हो गयी। नयागढ़ में कंक्रीट के बने एक ढांचे से उड़ रहे मलबों की चपेट में आने से एक महिला की मौत हो गयी जबकि केंद्रपाड़ा जिले में एक राहत शिविर में दिल का दौरा पड़ने से बुजुर्ग महिला की मौत हो गयी। बिस्वास ने बताया कि चक्रवात का केंद्र करीब 28 किलोमीटर दूर है और वह 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है।

पुरी और आसपास के इलाकों में 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही है जो 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार को छू सकता है।

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के डीआईजी रणदीप राणा ने कहा कि एहतियात बरतने की वजह से अब तक अधिक लोगों के हताहत होने की खबर नहीं है। राज्य प्रशासन ने चक्रवात से दो दिन पहले करीब 10,000 गांवों और 52 शहरी इलाकों से करीब 11 लाख लोगों को हटा लिया था जो देश में प्राकृतिक आपदा के समय संवेदनशील जगहों से लोगों को निकालने का संभवत: अब तक का सबसे विशाल स्तर पर किया गया बचाव कार्य है। ये सभी लोग 4,000 से अधिक शिविरों में ठहरे हुए हैं जिनमें से विशेष रूप से चक्रवात के लिये बनाये गये 880 केंद्र शामिल हैं।

सेठी ने बताया कि चक्रवाती तूफान के दस्तक देने के बाद से यह खुर्दा, कटक, जयपुर, भद्रक और बालेश्वर की ओर बढ़ रहा है। इसके बाद यह पश्चिम बंगाल में दस्तक देगा। उन्होंने कहा कि भुवनेश्वर में 140 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है। राज्य की राजधानी भुवनेश्वर एवं अन्य कई इलाकों में संचार लाइनें बाधित हो गयी हैं। मोबाइल टावर क्षतिग्रस्त हो गये हैं और कई जगहों पर बिजली की आपूर्ति काट दी गयी है। भुवनेश्वर से मिली खबर के अनुसार कई पेड़ टूटकर गिर गये हैं जिससे सड़कें बाधित हो गयी हैं।

ओडिशा में फोनी के दस्तक देने के बाद पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल भी इसके प्रकोप से खुद को बचाने के लिये तैयारी कर रहा है। कोलकाता में बादल घिरे हैं और शुक्रवार सुबह से कई अन्य इलाकों में बारिश से मौसम सुहाना हो गया है, हालांकि इसकी वजह से राज्य की राजधानी के कई हिस्सों में जलजमाव हो गया है। शहर में कई अलग-अलग जगहों से यातायात जाम की खबरें आ रही हैं।

बहरहाल तूफान ने राजनीतिक पारे को कम कर दिया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अगले 48 घंटे के लिये पूर्वनियोजित अपनी सभी चुनावी रैलियों को रद्द कर दिया है और स्थति पर नजर रख रही हैं। मौसम विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, ‘‘चक्रवात सप्ताहांत तक पश्चिम बंगाल में दस्तक दे सकता है। 100 और 110 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी।’’ तटीय इलाकों में रेड अलर्ट जारी किया गया है और मछुआरों को समुद्र नहीं जाने का निर्देश दिया गया है।

पूर्वी और पश्चिमी मिदनापुर सहित कई जिलों, उत्तर और दक्षिण 24 परगना के अलावा हुगली, झारग्राम, कोलकाता और सुंदरबन के भी चक्रवात से प्रभावित होने की संभावना है। इसके बाद बांग्लादेश ओर बढ़ते हुए इसका असर कम होता जायेगा। भुवनेश्वर और कोलकाता में हवाईअड्डे बंद कर दिये गये हैं।

नयी दिल्ली स्थित विमानन नियामक संस्था डीजीसीए ने बताया कि कोलकाता हवाईअड्डे पर शुक्रवार दिन में तीन बजे से शनिवार सुबह आठ बजे तक न तो कोई विमान हवाईअड्डा पर उतरेगा और न ही वहां से उड़ान भरेगा।

नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने शुक्रवार को कई ट्वीट कर बताया कि सभी एयरलाइनों को चक्रवात फोनी से प्रभावित यात्रियों की चिंताओं पर निश्चित रूप से तत्काल जवाब देना चाहिए। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हम सभी चक्रवात फोनी के चलते फंसे हुए जरूरतमंद लोगों को मदद उपलब्ध कराने के लिये तैयार हैं। प्रभावित यात्रियों की सहायता के लिये नियंत्रण कक्ष, हेल्पलाइनें हर समय चालू हैं। सभी एयरलाइनों को निश्चित रूप से यात्रियों की चिंताओं पर तत्काल जवाब देना चाहिए।’’ प्रभु ने यह भी कहा कि राहत एवं बचाव अभियान में प्रभावित राज्यों की मदद के लिये उनका मंत्रालय उन राज्यों की सरकारों से संपर्क में रहेगा। शनिवार तक कोलकाता-चेन्नई मार्ग पर 220 से अधिक ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है।

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