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केदारनाथ: देवभूमि उत्तराखंड के चार धामों में 11 वें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ धाम की यात्रा शुरू हो गई है। बाबा केदार की उत्सव डोली रविवार दोपहर ही ऊखीमठ स्थित श्री ओंकारेश्वर मंदिर से श्री केदारनाथ मंदिर पहुंच गई थी। सोमवार सुबह से मंदिर में विधि विधान से भगवान केदारनाथ की पूजा अर्चना शुरू हो गई। इस अवसर पर रावल भीमाशंकर लिंग ने श्रद्धालुओं ने श्री केदारनाथ मंदिर के बारे में बताया। उन्होंने मंदिर के महत्व, मान्यता और परंपरा की जानकारी दी। इसके बाद शुभ मुहूर्त सुबह सात बजे रावल भीमाशंकर लिंग, मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग तथा श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के सीईओ बीडी सिंह की उपस्थिति में मंदिर के कपाट खोल दिए गए। राज्यपाल डॉ. केके पॉल ने भी श्रीकेदारनाथ मंदिर पहुंचकर भगवान के दर्शन किए। कपाट खुलने के दौरान पूरी केदारनगरी जय बाबा केदार और जय भोले भंडारी के जयकारों से गूंज उठी। श्रद्धालुओं ने भगवान केदारनाथ से देश और विश्व की शांति, खुशहाली और समृद्धि की कामना की। इस दौरान देशभर से आए यात्री दर्शनों के लिए कतार में लगे रहे। यात्रियों के गौरीकुंड से पैदल मार्ग से होते हुए केदारपुरी पहुंचने का सिलसिला जारी है।

देहरादून: कांग्रेस की उत्तराखंड इकाई ने कहा कि राज्य की राजनीति को कुछ उत्तराखंड विरोधी ताकतों ने कलंकित किया है। साथ ही पार्टी ने इसके लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की लोकतंत्र विरोधी सोच को जिम्मेदार ठहराया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा, ‘‘कुछ उत्तराखंड विरोधी ताकतों ने जिस तरह से उत्तराखंड की राजनीति को कलंकित किया, वह निंदनीय है। एक गहरा जख्म दिया गया है जिसे भरने में काफी समय लगेगा। हम इसके लिए भाजपा की लोकतंत्र विरोधी सोच को जिम्मेदार ठहराते हैं।’’ कांग्रेस नेता ने भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पर उत्तराखंड की राजनीति में जहर भरने का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें राज्य की राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। उत्तराखंड के राज्यपाल के. के. पॉल और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखे पत्रों में उपाध्याय ने कहा है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता (विजयवर्गीय) को राज्य की मर्यादा और लोकतंत्र के वास्ते उत्तराखंड की किसी भी राजनीतिक गतिविधि में शामिल होने से हर हाल में रोका जाए। विजयवर्गीय मध्य प्रदेश से ही विधायक हैं। उपाध्याय ने कहा, ‘‘हम राज्यपाल से विजयवर्गीय को राज्य की राजनीति में भाग लेने पर रोक लगाने और मुख्यमंत्री चौहान से उन्हें वापस अपने राज्य में बुलाने की मांग करते हैं।’’

देहरादून: उत्तराखंड में फ़्लोर टेस्ट से पहले राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। हरीश रावत ने इस बीच भाजपा पर आरोप लगाया है कि उनके विधायकों को धमकी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि उनका फोन भी टैप किया जा रहा है। वहीं, अंतिम रणनीति तय करने के लिए भाजपा ने भी विधायकों की बैठक बुलाई। उत्तराखंड में हरीश रावत को 10 मई को बहुमत सिद्ध करना है, तभी राज्य में कांग्रेस की सरकार बचेगी। इस बीच राजनीतिक रूप से आरोप-प्रत्यारोप और पोल खोल अभियान भी जोरों से जारी है। हरीश रावत ने कहा, मैं बहुमत सिद्ध कर लूंगा। मेरे खिलाफ कितने भी षड्यंत्र क्यों न चलाये जा रहे हों। इसके अलावा रावत ने कहा, मैंने सोच लिया है कि परिणाम आने के बाद मैं इन धमकी देने वालों के खिलाफ जंग छेड़ दूंगा। वहीं कांग्रेस के किशोर उपाध्याय ने कहा, हमने भाजपा के मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर कहा है कि कैलाश विजयवर्गीय को वापस बुला लें। मप्र से एक शक्स आकर उत्तराखंड की फिजा खराब कर रहा है। इस बीच खबर आ रही है कि कल कांग्रेस के विधायकों की बैठक होगी। इसमें वरिष्ठ सांसद गुलाम नबी आजाद के भी शामिल होने की आशंका है।उत्तराखंड विधानसभा में मंगलवार को होनेवाले फ़्लोर टेस्ट से पहले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भाजपा पर सरकार बनाने की नापाक कोशिश का आरोप लगाया है।

नैनीताल: हाइकोर्ट ने बर्खास्त विधायकों के मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है। 9 मई को सुबह 10:15 बजे फैसला सुनाया जाएगा। न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की एकलपीठ में दोनों पक्षों के वकीलों ने शनिवार को बहस पूरी की। स्पीकर की ओर से कपिल सिब्बल व अमित सिब्बल तथा बर्खास्त विधायकों की ओर से सीए सुंदरम व दिनेश दिवेदी ने पक्ष रखा। बर्खास्त विधायकों के मामले में शनिवार को न्यायमूर्ति यू सी ध्यानी में सुनवाई हुई। बर्खास्त विधायकों के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता सीए सुंदरम का कहना था कि एक तरफ हरक सिंह रावत द्वारा मनी बजट में अपने विभाग का बजट पारित कराने की बात की जा रही है। लेकिन दूसरी ओर उन्हें विरोध करने का दोषी बताया जा रहा है। राज्यपाल के यहां सामूहिक रूप से जाने के लिए बस का इंतजाम प्रशासन ने किया था। दिल्ली जाने के लिए कमर्शियल जेट का उपयोग किया गया है। इसमें 56 सवारी थी। दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान रहती हैं। विधायक मुख्यमंत्री और स्पीकर के खिलाफ जानकारी देने दिल्ली गए थे। बर्खास्त विधायकों ने स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी। एक अप्रैल को दायर याचिका में लगातार बहस चल रही है। इस मामले में स्पीकर की ओर से बहस पूरी हो चुकी है।

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