देहरादून: उत्तराखंड में फ़्लोर टेस्ट से पहले राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। हरीश रावत ने इस बीच भाजपा पर आरोप लगाया है कि उनके विधायकों को धमकी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि उनका फोन भी टैप किया जा रहा है। वहीं, अंतिम रणनीति तय करने के लिए भाजपा ने भी विधायकों की बैठक बुलाई। उत्तराखंड में हरीश रावत को 10 मई को बहुमत सिद्ध करना है, तभी राज्य में कांग्रेस की सरकार बचेगी। इस बीच राजनीतिक रूप से आरोप-प्रत्यारोप और पोल खोल अभियान भी जोरों से जारी है। हरीश रावत ने कहा, मैं बहुमत सिद्ध कर लूंगा। मेरे खिलाफ कितने भी षड्यंत्र क्यों न चलाये जा रहे हों। इसके अलावा रावत ने कहा, मैंने सोच लिया है कि परिणाम आने के बाद मैं इन धमकी देने वालों के खिलाफ जंग छेड़ दूंगा। वहीं कांग्रेस के किशोर उपाध्याय ने कहा, हमने भाजपा के मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर कहा है कि कैलाश विजयवर्गीय को वापस बुला लें। मप्र से एक शक्स आकर उत्तराखंड की फिजा खराब कर रहा है। इस बीच खबर आ रही है कि कल कांग्रेस के विधायकों की बैठक होगी। इसमें वरिष्ठ सांसद गुलाम नबी आजाद के भी शामिल होने की आशंका है।उत्तराखंड विधानसभा में मंगलवार को होनेवाले फ़्लोर टेस्ट से पहले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भाजपा पर सरकार बनाने की नापाक कोशिश का आरोप लगाया है।
आज (रविवार) एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में रावत ने ये आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि केंद्र यहां बदले की राजनीति कर रहा है और मुझ पर नज़र रखी जा रही है। रावत का यह बयान ऐसे समय में आया है जब एक निजी टेलीविजन चैनल ने एक स्टिंग जारी कर कथित रूप से बागी कांग्रेस विधायक हरक सिंह रावत तथा एक अन्य कांग्रेस विधायक मदन सिंह बिष्ट की बातचीत रिकार्ड की है जिसमें कहा जा रहा है कि रावत किस प्रकार से खनन से जुटाये पैसे का दुरुपयोग करते हुए विधायकों को अपने पक्ष में रहने का प्रलोभन दे रहे हैं। हालांकि, संवाददाताओं द्वारा इस बाबत पूछे जाने पर रावत ने फिलहाल इस बारे में कोई जानकारी होने से इनकार कर दिया। उत्तराखंड भाजपा के मीडिया प्रभारी नलिन कोहली ने कहा, हरीश रावत के पास कोई बहुमत नहीं है। वे विधायकों का समर्थन जुटाने के लिए गैरकानूनी तौर तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। वह अपनी कुर्सी बचाने के लिए किसी हद तक गिर सकते हैं। वह विधायकों को खरीद रहे हैं। शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि मंगलवार को सुबह 11 से दोपहर एक बजे तक शक्ति परीक्षण की कार्यवाही चलेगी। दो घंटे के दौरान जब विश्वास मत पर मतदान होगा तब तक राष्ट्रपति शासन लागू नहीं रहेगा। इस प्रक्रिया के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन फिर बहाल हो जाएगा। जस्टिस दीपक मिश्रा और शिवकीर्ति सिंह की पीठ ने मंगलवार यह आदेश तब दिया जब अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि सरकार शक्ति परीक्षण के लिए तैयार है।