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बेंगलुरु: तमिलनाडु के साथ कावेरी नदी के जल बंटवारे के मुद्दे को लेकर हिंसा भड़क जाने के बाद आज सुबह शहर में एक असहज शांति का माहौल व्याप्त है। साथ ही सिद्धरमैया सरकार ने उपद्रव करने या शांति बाधित करने के प्रयासों के खिलाफ ‘कड़ी’ कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शांति के लिए एक ताजा अपील की है और साथ ही केन्द्रीय बलों के साथ मिल कर शहर की पुलिस विशेषकर तमिल बहुल इलाकों और अन्य ‘संवेदनशील’ इलाकों की कड़ी निगरानी कर रही है। राज्य के लोगों को एक वीडियो संदेश में सिद्धरमैया ने किसी तरह की तोड़फोड़ या शांति भंग करने के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है, ‘कन्नड़ लोगों में इस बात को लेकर पीड़ा है कि कर्नाटक को कावेरी नदी जल बंटवारे को लेकर बार-बार अन्याय का सामना करना पड़ रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘हम भूमि, जल और भाषा के मुद्दे को लेकर संवेदनशील हैं लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हममें मानवता है और मानवीय रिश्ता इस सभी से उपर है।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि तमिलनाडु में कन्नड़भाषियों और उनकी संपत्तियों पर हमला ‘निंदनीय’ है। उन्होंने कहा कि ‘इस मुश्किल घड़ी में हमें गुस्से को हावी नहीं होने देना चाहिए।’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘कर्नाटक और तमिलनाडु दोनों जगह के लोगों को दोनों राज्यों में कानून और व्यवस्था में सहयोग करना चाहिए। मैं किसी तरह की तोड़फोड़ या शांतिभंग करने में लिप्त किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी देता हूं।’

बेंगलुरु: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कानून के छात्रों से संविधान का अध्ययन ठीक से करने का आह्वान करते हुए उनसे कहा कि वे शासन और राज्य से जुड़े सभी मामलों में भागीदारी कर उन परिवर्तनों का माध्यम बनें, जो वे चाहते हैं। प्रणब मुखर्जी ने कहा, 'मैं आप सभी कानून के छात्रों से हमारे संविधान का अध्ययन ठीक से करने का आग्रह करता हूं। हमारी राजनीतिक व्यवस्था समझें, संविधान और कानून के तहत स्थापित उसकी संस्थाओं और प्रक्रियाओं को समझें। देश आज जैसा है, उसके निर्माण के क्रम में अपनाए गए विकल्पों का विश्लेषण करें।' राष्ट्रपति ने यह बात नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (एनएलएसआईयू) के 24वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में कही। उन्होंने कहा, 'शासन और राज्य से जुड़े हुए सभी मामलों में आप जो परिवर्तन चाहते हैं, भागीदारी के माध्यम से बनें। हमारे सुंदर, जटिल, अक्सर कठिन और कई बार शोर-गुल से भरे लोकतंत्र के साथ जुड़ना पसंद करें, हमारी कानूनी और राजनीतिक संस्थाओं को मजबूत और परिष्कृत बनाने में मदद करें।' राष्ट्रपति के भाषण की प्रति के अनुसार उन्होंने कानून के छात्रों से आग्रह किया कि वे बेहतर नागरिक बनाने में राष्ट्र की मदद करें, जो राष्ट्र और समाज की तरफ से मिल रहे तमाम अवसर तक पहुंच पाने में सक्षम हों।

बेंगलुरू: कन्‍नड़ अभिनेत्री और कांग्रेस नेता राम्‍या को अपने एक बयान में पाकिस्‍तान की तारीफ करना महंगा पड़ गया है। पाकिस्‍तान को लेकर दिए गए बयान पर पूर्व सांसद राम्या के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज किया गया है। बता दें कि राम्या ने पाकिस्तान के लोगों को ‘अच्छा और मेहमाननवाज’ बताया था। राम्या के खिलाफ पाक की तारीफ कर देश की जनता के अपमान और उनके भड़काऊ बयान से कर्नाटक में अशांति पैदा करने के आरोप के तहत सेक्शन 200 के तहत केस दर्ज किया गया है। रिपोर्टों के अनुसार, राम्‍या हाल में सार्क कांफ्रेंस में शामिल होने के लिए पाकिस्तान में थीं। देश लौटने के बाद उन्होंने रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर के पाकिस्तान को नर्क बताए जाने के बयान को गलत बताया। कन्नड़ फिल्मों की इस अभिनेत्री ने पार्रिकर के 'पाकिस्तान जाना नर्क जाने जैसा अनुभव रहा' वाले बयान पर कहा था कि, 'पाकिस्तान नर्क नहीं है, वहां के लोग बिल्कुल हमारे जैसे हैं, वो हमारे साथ बहुत अच्छे से पेश आए...'। राम्‍या ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की मेहमानवाजी काफी अच्छी है। राम्‍या के इस बयान की सोशल मीडिया पर काफी आलोचना हुई थी। कुर्ग जिले के एक एडवोकेट ने शिकायत दायर कर अभिनेत्री पर देशद्रोह और भड़काऊ बयानबाजी करने का आरोप लगाया। राम्‍या के बयान को लेकर कर्नाटक के मजिस्ट्रेट कोर्ट में उनके खिलाफ देशद्रोह का केस चलाने की मांग की गई थी। एडवोकेट ने कहा कि उन्होंने राम्या के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज कराया है।

बेंगलुरु: मानवाधिकार की पैरोकारी करने वाली संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्रों को तितर-वितर करने के लिए पुलिस ने ‘हल्का’ लाठीचार्ज किया। एबीवीपी के ये सदस्य यहां एमनेस्टी के एक कार्यक्रम में कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाने वालों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। पुलिस के अनुसार लाठीचार्ज में एबीवीपी के कई कार्यकर्ता घायल हो गए। एक छात्रा बेहोश हो गई जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया गया। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (बेंगलुरु पूर्व) पी हरिशेखरन ने बताया कि पुलिस को प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करना पड़ा क्योंकि वे आवासीय इलाके में पुतला जलाने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने दो बोतल पेट्रोल के साथ एमनेस्टी इंटरनेशनल के कार्यालय के बाहर पुतला जलाने की कोशिश की। हमने उनको पुतला जलाने को लेकर पहले चेतावनी दी थी क्योंकि यह आवासीय इलाका है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पुलिस ने ‘अमानवीय’ ढंग से व्यवहार किया और लाठीजार्च में एबीवीपी के 10 कार्यकर्ता घायल हो गए।

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