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बेंगलुरु: कर्नाटक मंत्रिमंडल ने कावेरी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्णय लेने के लिए 3 अक्टूबर को विधानमंडल का सत्र बुलाने का शनिवार रात फैसला किया। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सर्वदलीय बैठक के बाद राज्य का रूख संवाददाताओं के सामने रखा। बैठक में सभी दलों ने सरकार से सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार तमिलनाडु को कावरी का 6000 क्यूसेक पानी किसी भी कीमत पर नहीं जारी करने एवं बोर्ड के गठन का विरोध करने को कहा। सिद्धरमैया ने कहा, ‘सर्वदलीय बैठक ने हमसे पानी नहीं छोड़ने को कहा है। हमें विधानमंडल में जाना होगा। जहां तक पानी छोड़ने की बात है तो हम सोमवार को विधानसभा में वापस जाएंगे।’ उन्होंने कहा कि विधानमंडल ने 23 सितंबर को प्रस्ताव पारित किया था कि पानी का उपयोग बस पीने के लिए, न कि किसी अन्य उद्देश्य के लिए किया जाना चाहिए। अपने आदेशों की बार बार अवज्ञा किये जाने पर कर्नाटक की कड़ी खिंचाई करते हुए एवं उसे अंतिम मौका देते हुए उच्चतम न्यायालय ने कल उससे एक अक्तूबर से छह अक्तूबर तक 6000 क्यूसेक पानी छोड़ने को कहा था अन्यथा कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी थी। अदालत ने केंद्र को चार अक्तूबर तक कावेरी जल प्रबंधन बार्ड गठित करने का निर्देश दिया था।

सिद्धरमैया ने कहा, ‘हमने उच्चतम न्यायालय के आदेशों की अवज्ञा नहीं की। यह जानबूझकर अवज्ञा नहीं है।’

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