ताज़ा खबरें
संसद में अडानी और संभल पर हंगामा,दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित
किसान आंदोलन: एसकेएम नेता डल्लेवाल को पुलिस ने हिरासत मे लिया
कन्नौज में एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटना, सैफई में तैनात पांच डॉक्टरों की मौत
दिल्ली-यूपी में बढ़ी ठंड, हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी; तमिलनाडु में तूफान

बेंगलुरू: कर्नाटक सरकार ने कहा कि वह अगले आदेश तक तमिलनाडु को प्रतिदिन 2000 क्यूसेक पानी छोड़ने के संबंध में राज्य को उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देश का पालन करेगी। राज्य के कानून एवं संसदीय मामलों के मंत्री टीबी जयचंद्र ने मंत्रिमंडल की बैठक में हुई चर्चा की मीडिया को जानकारी दिए जाने से इतर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘हम उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन करेंगे। मैं इससे अधिक और कुछ नहीं कहना चाहता।’ उच्चतम न्यायालय ने कल तमिलनाडु को अगले आदेश तक प्रतिदिन 2000 क्यूसेक पानी छोड़ने के संबंध में दिए गए अपने निर्देश को बरकरार रखा था और दोनों राज्यों से शांति और सौहार्द सुनिश्चित रखने को कहा था।

 

बेंगलुरू: उच्चतम न्यायालय के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि राज्य के जलाशयों में पानी नहीं है। उच्चतम न्यायालय ने कावेरी से रोजाना 2,000 क्यूसेक पानी तमिलनाडु के लिए अगले आदेश तक छोड़ने को कहा है। मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, ‘हमारे जलाशयों में पानी नहीं है, मैंने अभी तक आदेश की प्रति नहीं देखी है। मैं उसे देखने के बाद वकीलों से बात करूंगा।’ उच्चतम न्यायालय ने अपना निर्देश बरकरार रखते हुए कर्नाटक से अगले आदेश हर दिन 2,000 क्यूसेक पानी तमिलनाडु के लिए छोड़ने को कहा। इसके साथ ही अदालत ने दोनों राज्यों से शांति व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा, ‘अदालत कर्नाटक सरकार के धर्य की परीक्षा लेने के लिए 2,000 क्यूसेक पानी छोड़ने का आदेश दे सकती है..अगर वह दोबारा कल आदेश देंगे तो हम इसे अस्वीकार कर सकते हैं। जब खुद पीने के लिए भी पानी नहीं हो तो फसल के लिए पानी छोड़ना धर्म का काम नहीं है।’

संयुक्त राष्ट्र: भारत ने पाकिस्तान पर पलटवार करते हुए कहा कि विश्व निकाय में उस देश द्वारा कश्मीर पर किए जा रहे वादे पर कोई भी समर्थन नहीं है जिस देश ने खुद को आतंकवाद के वैश्विक केंद्र के तौर पर स्थापित किया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने संरा महासभा में ‘रिपोर्ट ऑफ सेक्रेटरी जनरल ऑन दी वर्क ऑफ दी ऑर्गेनाइजेशन’ पर बहस के दौरान पाकिस्तानी दूत महीला लोधी द्वारा कश्मीर पर की गई टिप्पणियों को सिरे से खारिज कर दिया। अकबरूद्दीन ने कहा, ‘कुछ समय पहले ही हमने इकलौती ऐसी आवाज सुनी थी जिसमें मेरे देश के अभिन्न हिस्से के बारे दावे किए जा रहे थे। यह आवाज उस देश से आ रही है जिसने खुद को आतंकवाद का वैश्विक केंद्र बना लिया है।’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्वारा कश्मीर पर किए जा रहे दावों को अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में कोई समर्थन नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भी संरा महासभा में अपने संबोधन में कश्मीर मुद्दा उठाया था लेकिन उन्हें भी कोई समर्थन नहीं मिला। अकबरूद्दीन ने कहा, ‘दस से भी कम दिन पहले महासभा का हॉल इस बात का गवाह बना था कि पाकिस्तान के आधारहीन दावों का एक भी देश ने समर्थन नहीं किया था। और कुछ कहने की जरूरत ही नहीं है।’ अकबरूद्दीन ने जोर देकर कहा कि भारत पाकिस्तान को एक समान प्रतिक्रिया ही दे रहा है। उन्होंने कहा, ‘अपनी बेकार की लालसा छोड़ दो। जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और हमेशा रहेगा।

नई दिल्‍ली: तमिलनाडु को कावेरी का पानी छोड़ना सुनिश्चित करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए कर्नाटक विधानसभा ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें सरकार को सिंचाई उद्देश्य के लिए पानी प्रदान करने के राज्य के किसानों की मांग को पूरा करने के 'समुचित' निर्णय करने का आज अधिकार दिया गया। पिछले 10 दिनों के भीतर दूसरी बार विशेष सत्र के दौरान विधानमंडल के दोनों सदनों ने यह निर्णय किया। यह निर्णय ऐसे समय में सामने आया है जब उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक सरकार से कल दोपहर तक यह बताने को कहा है कि 30 दिसंबर के निर्देश के अनुरूप क्या वह तमिलनाडु को पानी छोड़ रहा है या नहीं। सरकार की ओर से पेश प्रस्ताव में तमिलनाडु को कावेरी को पानी छोड़े जाने या उच्चतम न्यायालय के आदेश का कोई उल्लेख नहीं है, लेकिन उसने 23 सितंबर के प्रस्ताव में संशोधन किया है, जिसमें कावेरी बेसिन के चार जलाशयों से केवल पीने के उद्देश्य से जल निकालने के साथ सिंचाई के लिए भी उपयोग करने की अनुमति दी गई है। 30 सितंबर को शीर्ष अदालत ने कर्नाटक को निर्देश दिया था कि वह 1 से 6 अक्तूबर तक 6000 क्यूसेक पानी छोड़े।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख