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बंगलूरू: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मंगलवार को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर राज्य सरकारों के खिलाफ बदले की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने विपक्ष की उस मांग को भी ठुकरा दिया कि उन्हें हाईकोर्ट के फैसले के बाद पद से इस्तीफा देना चाहिए। राज्यपाल द्वारा उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया। यह मामला मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) के जमीन आवंटन से जुड़ा है।

सिद्धारमैया ने विपक्ष पर अपने और अपनी सरकार के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इन साजिशों का राजनीतिक रूप से सामना करेंगे। उन्होंने कहा कि वे आगे की कानूनी लड़ाई के बारे में फैसला लेंगे। लेकिन इसके लिए वे कानूनी विशेषज्ञों और पार्टी के नेताओं की सलाह लेंगे। उन्होंने आगे कहा, मैंने कोई गलत काम नहीं किया है। इससे पहले, हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने मुकदमा चलाने की राज्यपाल की मंजूरी को चुनौती दी थी।

बेंगलूरू: मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण केस में कर्नाटक हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को राहत नहीं मिली है। हाईकोर्ट ने सीएम सिद्धारमैया पर केस चलने की मंजूरी दे दी है। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि याचिका में बताए गए तथ्यों की जांच करने की जरूरत है।

बता दें कि हाईकोर्ट ने 12 सितंबर को मामले की सुनवाई को पूरा कर अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया था। इस याचिका में सिद्धारमैया ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) मामले में उनके खिलाफ राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा जांच के लिए दी गई मंजूरी को चुनौती दी थी।

मंगलवार को मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण केस पर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि राज्यपाल कानून के हिसाब से केस चला सकते हैं। न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि, राज्यपाल "स्वतंत्र निर्णय" ले सकते हैं और राज्यपाल गहलोत ने "अपने दिमाग का पूरी तरह से इस्तेमाल किया है। इसलिए, जहां तक आदेश (मुख्यमंत्री पर मुकदमा चलाने का) का सवाल है, राज्यपाल के एक्शन में कोई खामी नहीं है।

बेंगलुरु: जेडीएस के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में एसआइटी के तीसरे आरोपपत्र से पता चला है कि वह पीड़िता को अपनी पसंद का इनरवियर पहनने और इस जघन्य कृत्य को अंजाम देते समय हंसने के लिए मजबूर करता था।

मामले की जांच कर रही एसआइटी ने शुक्रवार को जनप्रतिनिधियों की विशेष अदालत में 1,691 पन्नों का आरोपपत्र पेश किया और इसके साथ पीड़िता का बयान संलग्न किया। एसआइटी ने इस मामले में 120 से अधिक गवाहों से पूछताछ की है।

बंदूक की नोक पर किया दुष्कर्म

पीड़िता ने बताया है कि प्रज्वल ने बंदूक की नोक पर उसके साथ बार-बार दुष्कर्म किया, उसका वीडियो बनाया और वीडियो के स्क्रीनशाट लिए। वह इस बात पर जोर देता था कि पीड़िता को यौन उत्पीड़न के दौरान रोना नहीं चाहिए और उसे पूरे समय हंसना चाहिए। पुलिस सूत्रों के अनुसार, प्रज्वल ने 2020 से 2023 तक पीड़िता के साथ बार-बार दुष्कर्म किया। हर बार जब वह अपराध करता था, तो उसका वीडियो रिकार्ड कर लेता था।

बेंगलुरू: कर्नाटक के मांड्या में गणपति विसर्जन के दौरान दो समुदायों में हुई झड़प के बाद 52 लोगों की गिरफ्तार किया गया है। कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने इसकी जानकारी दी। बताया गया कि गणेश विसर्जन के जुलूस के दौरान हुई हिंसा में दोनों समुदायों की तरफ से एक-दूसरे पर पथराव किया गया और पेट्रोल बम भी फेंके गए।

कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने बताया कि हिंसा के बाद इलाके में 48 घंटे का कर्फ्यू लगाया गया था और अब स्थिति काबू में हैं। बेंगलुरू में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति पर काबू पाया, 52 लोगों को गिरफ्तार करके इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था की गई हैं।

अधिकारियों ने बताया कि बुधवार (11 सितंबर) देर रात नागमंगला कस्बे में तनाव की स्थिति देखी गई, जहां दो पुलिसकर्मियों समेत कुछ लोग पथराव में मामूली रूप से घायल हो गए। हालांकि, स्थिति पर काबू पा लिया गया है और अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।

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