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रांची: झारखंड के बोकारो जिले के डुमरी विहार स्टेशन पर नक्सलियों ने गुरुवार देर रात हमला किया है। ये हमला रात करीब साढ़े ग्यारह बजे हुआ। नक्सलियों रेलवे स्टेशन के सिग्नल और एक मालगाड़ी के इंजन में आग लगा दी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नक्सलियों की संख्या 50-60 के बीच थी। इनके साथ महिलाओं का भी दस्ता भी शामिल था। डुमरी विहार स्टेशन बरकाकान-गोमिया रूट पर है। नक्सलियों ने इस स्टेशन में भी भारी उत्पात मचाया है। इसके साथ ही स्टेशन के परिसर में कई जगह पर पोस्टर भी लगाए हैं। इतना ही नहीं मालगाड़ी के चालक से वॉकी टॉकी भी छीन लिया गया है। बताया जा रहा है कि नक्सलियों ने इस हमले में रेलवे की संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचाया है। इस हमले के बाद से पूरे इलाके में सर्च अभियान शुरू कर दिया है। घटना के बाद से रेलों की आवाजाही बंद कर दी गई है। मौके पर सीआरपीएफ डुमरी विहार स्टेशन पहुंच गई है।

हजारीबाग: झारखंड की हजारीबाग कोर्ट ने राजद नेता और पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह और उनके भाइयो दीनानाथ सिंह और रितेश सिंह को पूर्व विधायक अशोक सिंह की हत्‍या के मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई है। साथ में 40- 40 हज़ार का अर्थदंड भी लगाया । एडीजे 9 सुरेन्द्र शर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से यह सजा सुनाई । बहुचर्चित केस और हाइप्रोफाइल मामले को देखते हुए सुरक्षा कारणों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का सहारा लिया गया ।पिछले गुरुवार को प्रभुनाथ सिंह को 22 वर्ष पुराने हत्या के इस मामले में दोषी करार दिया गया था। हजारीबाग जिले की अतिरिक्त जिला एवं सत्र अदालत ने प्रभुनाथ सिंह, उनके भाई दीनानाथ सिंह और रितेश सिंह को इस मामले में दोषी ठहराया था। लंबी कानूनी प्रक्रिया, 22 से अधिक गवाहों के गुजरते गुजरते 22 साल बीत गए । गवाहों के बयान और साक्ष्यों को देखते हुए कोर्ट ने हत्या और एक्सप्लोसिव एक्ट में उन्हे यह सजा सुनाई । अशोक सिंह 1995 में बिहार में मशरक निर्वाचन क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए थे। उन्होंने प्रभुनाथ सिंह को हराया था। इस चुनावी जीत के 90 दिन बाद ही उनकी हत्या कर दी गई। 1995 में प्रभुनाथ सिंह जनता दल में थे और बाद में वह जनता दल (युनाइटेड) शामिल हो गए। मौजूदा समय में वह राजद में हैं। अशोक सिंह के भाई तारकेश्वर सिंह ने मीडिया को बताया कि उनके भाई ने 1995 में प्रभुनाथ सिंह को चुनाव में हरा दिया था।

रांची: झारखंड की एक अदालत ने पूर्व सांसद और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता प्रभुनाथ सिंह को 22 वर्ष पुराने हत्या के एक मामले में गुरुवार को दोषी करार दिया। उन पर विधायक अशोक सिंह की हत्या का मामला चल रहा था। अदालत के दोषी करार दिए जाने के बाद प्रभुनाथ सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। हजारीबाग जिले की अतिरिक्त जिला एवं सत्र अदालत ने प्रभुनाथ सिंह, उनके भाई दीनानाथ सिंह और रितेश सिंह को इस मामले में दोषी ठहराया। अशोक सिंह 1995 में बिहार में मशरक निर्वाचन क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए थे। उन्होंने प्रभुनाथ सिंह को हराया था। इस चुनावी जीत के 90 दिन बाद ही उनकी हत्या कर दी गई। 1995 में प्रभुनाथ सिंह जनता दल में थे और बाद में वह जनता दल (युनाइटेड) में शामिल हो गए। मौजूदा समय में वह राजद में हैं। अशोक सिंह के भाई तारकेश्वर सिंह ने मीडिया को बताया कि उनके भाई ने 1995 में प्रभुनाथ सिंह को चुनाव में हरा दिया था। इसके बाद प्रभुनाथ ने खुले तौर पर कहा था कि अशोक सिंह के विधायक बनने के 90 दिनों के भीतर उसकी हत्या कर दी जाएगी और 90 दिन बाद 3 जुलाई, 1995 को पटना में उनके सरकारी आवास में बम मार कर उनकी हत्या कर दी गई। अशोक सिंह की हत्या के बाद उनकी पत्नी चांदनी देवी ने प्रभुनाथ सिंह और उनके दो भाइयों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया था।

रांची: कुख्यात माओवादी नेता कुंदन पाहन ने आज पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की हत्या समेत 128 मामलों का सामना कर रहे माओवादी पर 15 लाख रुपये का इनाम घोषित था। भाकपा (माओवादी) झारखंड का ‘क्षेत्रीय समिति सचिव’पाहन विशेष शाखा के निरीक्षक फ्रांसिस इंदवर की वर्ष 2008 में हत्या और आईसीआईसीआई बैंक के नकदी वैन से पांच करोड़ रूपये की लूट के मामले में आरोपी है। रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कुलदीप द्विवेदी ने बताया कि वह सारंडा में घात लगाकर हमला और वर्ष 2008 में डीएसपी प्रमोद कुमार की हत्या में कथित तौर पर संलिप्त था। पाहन ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आर के मलिक, पुलिस महानिरीक्षक (सीआरपीएफ) संजय लठकर, डीआईजी ए वी होमकर और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया। इस मौके पर माओवादी के परिवार के सदस्य भी उपस्थित थे। मलिक ने पाहन को मुख्यधारा में शामिल होने के लिए मनाने और वामपंथी उग्रवाद के नियंत्रण में लगातार सफलता के लिए पुलिस दल को बधाई दी। कुंदन पाहन ने कहा कि उसको यह बात समझ में आ गयी है कि उसने अपने 20 वर्ष ‘बर्बाद’ कर दिए और अब वह राज्य के विकास कार्य में मदद करेगा। उसने कहा, ‘प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से मैं घटनाओं की जिम्मेदारी लेता हूं।

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