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सिमडेगा: जिले के नक्सल प्रभावित महाबुआंग थाना क्षेत्र में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में बानो थाना प्रभारी समेत दो पुलिसकर्मी शहीद हो गए। यह मुठभेड़ शनिवार की आधी रात के आसपास हुई। शहीद थाना प्रभारी का नाम विद्यापति सिंह है, जबकि जवान का नाम तरुण बुराली है। शहीद थाना प्रभारी मूल रूप से डालटनगंज के रहनेवाले थे। जानकारी के अनुसार शनिवार को जिला मुख्यालय से करीब 65 किलोमीटर दूर महाबुआंग में प्रशासन ने जनता दरबार का आयोजन किया था। यहां 11 अप्रैल को मुख्य सचिव राजबाला वर्मा का कार्यक्रम होनेवाला है। जनता दरबार और मुख्य सचिव के कार्यक्रम की तैयारी के सिलसिले में थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ उस इलाके में गए थे। वहां से लौटते समय पहले से घात लगाए नक्सलियों ने पुलिस दल पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। पुलिस दल की ओर से भी जवाबी फायरिंग की गई, लेकिन नक्सली अंधेरे का फायदा उठा कर भाग निकले। पुलिस दल में शामिल जिला बल के जवान तरुण बुराली की गोली लगने से घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि थाना प्रभारी गंभीर रूप से जख्मी हो गए। थाना प्रभारी को आनन-फानन में जिला मुख्यालय स्थित बीरू अस्पताल लाया गया। वहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। चिकित्सकों के अनुसार थाना प्रभारी की मौत अत्यधिक रक्तस्राव के कारण हुई।

हजारीबाग: भाजपा नेता यशवंत सिन्हा को मंगलवार सुबह हजारीबाग में नवरात्रि के मौके पर प्रतिबंधित मार्ग से रामनवमी जुलूस निकालने के कारण गिरफ्तार किया गया है। नवरात्र मार्च की अगुवाई यशवंत सिन्हा कर रहे थे। दरअसल यह रूट विवादित है जहां से प्रशासन की जुलूस को लेकर पाबंदी है। महुदी गांव में रामनवमी जुलूस निकाल रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. इससे गुस्साए लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। उन्हें काबू करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा. यशवंत सिन्हा हजारीबाग से बड़कागांव के लिए जुलूस लेकर निकले थे। पुलिस ने कुछ गांववालों को भी गिरफ्तार किया है। गौर हो कि इस रूट पर 1984 से धार्मिक जुलूस पर पाबंदी है। यशवंत सिन्हा को गिरफ्तार करने से पहले जिले के डीसी और एसपी ने उन्हें काफी समझाया. उन्हें हजारीबाग से बड़कागांव वाले रुट से जुलूस नहीं निकालने की अपील की गई लेकिन यशवंत सिन्हा जुलूस निकालने को लेकर अड़े रहे। हजारीबाग से बड़कागांव रूट पर सड़क से 100 मीटर दूर मस्जिद है.जिले के बड़कागांव स्थित महूदी से रामनवमी जुलूस निकालने को लेकर लंबे समय से विवाद रहा है। दशकों से मार्ग विवाद के कारण रामनवमी जुलूस बाधित होता रहा है।

धनबाद: यहाँ सरायढेला के स्टील गेट के पास करीब सात बजे शार्प शूटरों ने अंधाधुंध गोलियां बरसा कर सिंह मेंशन से जुड़े पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह और उनके तीन लोगों की हत्या कर दी। इसे धनबाद का अब तक का सबसे बड़ा गैंगवार बताया जा रहा है। वारदात से पूरे धनबाद में तनाव और दहशत है। देर रात तक सेंट्रल अस्पताल में 10 हजार से अधिक लोग जमा थे। शाम को नीरज सिंह अपनी फॉर्च्यूनर गाड़ी (जेएच 10-एआर 4500) से अपने आवास लौट रहे थे। गाड़ी उनका ड्राइवर चला रहा था। नीरज अपने सहयोगी अशोक यादव के साथ पिछली सीट पर बैठे थे। बॉडीगार्ड अगली सीट पर था। स्टील गेट के पास गाड़ी जैसे ही धीमी हुई, एके 47 से लैस शूटरों ने उसे चारों तरफ से घेर लिया और फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग में ड्राइवर समेत तीन लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। गंभीर रूप से घायल नीरज सिंह को तत्काल सेंट्रल हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों ने बताया कि नीरज सिंह को इतनी गोलियां लगी थीं कि शरीर में खून ही नहीं बचा था। इलाज करने के लिए कुछ था ही नहीं। सूचना मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। वहां गोलियों से छलनी गाड़ी और उसमें शव पड़े मिले। घटनास्थल पर बड़ी संख्या में खोखे भी मिले।

रांची: झारखंड में गोड्डा जिले के राजमहल कोयला खदान धंसने से 50 लोग एवं वाहन फंस गए हैं। इस हादसे में करीब 50 खनिकों के खदान में फंसे होने की आशंका है और अभी तक चार शव निकाले जा चुके हैं। पुलिस ने आज बताया कि खनन हादसा कल रात हुआ और बचाव अभियान जारी है। मुख्यमंत्री रघुबर दास ने कहा कि उन्होंने बचाव और राहत प्रयासों में तेजी लाने के आदेश दिए हैं। उन्होंने ट्विटर पर कहा कि सभी वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर रहने को कहा गया है। गोड्डा जिले के इसीएल की राजमहल कोल परियोजना के ललमटिया स्थित भोड़ाय साइट में गुरुवार रात खदान धंसने से करीब 50 लोग 300 फीट खाई में दब गए। अभी भी ये लोग खदान में फंसे हुए हैं। खदान में 20 वोलबो, एक डोजर, छह पोकलेन वोलबो, एक बोलेरो भी धंस गया। रात में कोहरे और ठंड के कारण राहत कार्य व्यापक पैमाने पर शुरू नहीं हो सका। एनडीआरएफ की टीम आने के बाद राहत और बचाव कार्य व्यापक पैमाने पर शुरू होंगे। बताया जाता है कि परियोजना के इंजीनियर ने तीन दिन पहले इसीएल के सीजीएम और सर्वेयर को इस खदान में दरार आने की सूचना दी थी, लेकिन उस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया। घटना की सूचना फैलते ही आसपास के इलाकों में हड़कंप मच गया।

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