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चेन्नई: तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक ने भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के साथ अपना रिश्ता खत्म कर लिया है। पार्टी के उपसमन्वयक केपी मुनुसामी ने इसका आधिकारिक एलान किया। उन्होंने कहा कि अन्नाद्रमुक ने बैठक में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया। अन्नाद्रमुक आज से भाजपा और एनडीए गठबंधन से सभी संबंध तोड़ रही है। भाजपा का राज्य नेतृत्व लगातार पिछले एक साल से हमारे पूर्व नेताओं, हमारे महासचिव ईपीएस और हमारे कैडर के बारे में अनावश्यक टिप्पणी कर रहा है।

इससे पहले अन्नाद्रमुक ने कहा था कि उनका भाजपा के साथ कोई गठबंधन नहीं है और गठबंधन को लेकर चुनाव के समय विचार किया जाएगा। एआईएडीएमके के वरिष्ठ नेता डी जयकुमार ने यह बयान दिया था। उन्होंने साफ किया था कि यह उनका निजी बयान नहीं है, बल्कि उनकी पार्टी का स्टैंड है। जयकुमार ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई पर निशाना साधा था। उन्होंने आरोप लगाया था कि अन्नामलाई ने द्रविड़ राजनीति के दिग्गज नेता सीएन अन्नादुरई की आलोचना की और उनकी पार्टी के कार्यकर्ता यह बर्दाश्त नहीं करेंगे।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट सनातन धर्म पर टिप्पणी के मामले में तमिलनाडु सरकार के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ एफआईआर की याचिका पर सुनवाई को तैयार है। सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार, उदयनिधि स्टालिन, सीबीआई, ए राजा अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी किया है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच याचिकाओं के साथ जोड़ने से इंकार किया है।

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट तमिलनाडु सरकार के मंत्री उदयनिधि स्टालिन और सनातन धर्म उन्मूलन सम्मेलन के आयोजकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा था। दायर याचिका में यह घोषणा करने की मांग की गई कि 2 सितंबर को आयोजित सनातन धर्म उन्मूलन सम्मेलन में राज्य के मंत्रियों की भागीदारी असंवैधानिक थी और यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का उल्लंघन है। इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई है।

तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने पिछले दिनों विवादस्पद बयान दिया था। दरअसल, तमिलनाडु में 'संतानम उन्मूलन सम्मेलन' आयोजित किया गया था, जिसमें कई बड़े नेता शामिल हुए थे।

चेन्नई: संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन लोकसभा में पेश किए गए महिला आरक्षण बिल से इतर आरक्षण नीति को लेकर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर हमला बोला है।

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, सामाजिक न्याय सम्मेलन में मंगलवार (19 सितंबर) को सीएम स्टालिन ने कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार आरक्षण नीति को ठीक से लागू नहीं कर रही है। उन्होंने मांग की कि राज्यों को आरक्षण का अनुपात तय करने की अनुमति मिलनी चाहिए।

'आरक्षण को 50 फीसदी तक सीमित नहीं किया जाना चाहिए'

सीएम स्टालिन ने जोर दिया कि रोजगार और शिक्षा में आरक्षण को 50 फीसदी तक सीमित नहीं किया जाना चाहिए। उदाहरण के तौर पर तमिलनाडु में अधिकतम 69 फीसदी आरक्षण था और इसे 50 प्रतिशत तक सीमित नहीं किया जाना चाहिए।

चेन्नई: तमिलनाडु में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)और ऑल इण्डिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की राहें अलग हो गई हैं। एआईएडीएमके नेता डी जयकुमार ने सोमवार को जानकारी दी कि भगवा संगठन भाजपा के साथ फिलहाल कोई गठबंधन नहीं है। चुनावी समझौते पर कोई भी निर्णय केवल चुनाव के दौरान ही तय किया जाएगा।

डी जयकुमार बोले- गठबंधन पर चुनाव के वक्त करेंगे फैसला

एआईएडीएमके के वरिष्ठ नेता डी जयकुमार ने 2024 के महत्वपूर्ण लोकसभा चुनावों से पहले राजनीतिक गठबंधन पर स्पष्टीकरण देते हुए सोमवार को संवाददाताओं से कहा, "गठबंधन के बारे में हम चुनाव के दौरान ही फैसला करेंगे। यह मेरा निजी विचार नहीं है। यह हमारी पार्टी का रुख है।"

डी जयकुमार ने कहा, "तमिलनाडु में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई कुप्पुसामी एआईएडीएमके के साथ गठबंधन की इच्छा नहीं रखते हैं। हालांकि, भाजपा कार्यकर्ता ऐसा चाहते हैं। अन्नामलाई हमारे नेताओं के खिलाफ बयान दे रहे हैं। वो बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बनने योग्य नहीं हैं।"

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