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चेन्नई: तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने जेल में बंद राज्य के बिजली और आबकारी मंत्री वी. सेंथिल बालाजी को बर्खास्त कर दिया है। बताया जाता है कि इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री से कोई परामर्श नहीं लिया। राज्यपाल के इस कदम से प्रदेश की द्रमुक सरकार और राज्यपाल के बीच चल रहे गतिरोध को और बढ़ावा मिल सकता है।

राजभवन ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया कि सेंथिल बालाजी "नौकरी के बदले में नकदी लेने और धन शोधन समेत भ्रष्टाचार के कई मामलों में गंभीर आपराधिक कार्रवाई का सामना कर रहे हैं।" अभी वह एक आपराधिक मामले में न्यायिक हिरासत में हैं, जिसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है।

विज्ञप्ति में कहा गया है, "इन परिस्थितियों के तहत राज्यपाल ने सेंथिल बालाजी को तत्काल प्रभाव से मंत्रिपरिषद से बर्खास्त कर दिया है।"

सूत्रों ने बताया है कि तमिलनाडु सरकार इस कदम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की योजना बना रही है।

चेन्नई: तमिलनाडु की स्टालिन सरकार के मंत्री वी सेंथिल बालाजी को प्रवर्तन निदेशालय की ओर से गिरफ्तार किए जाने के बाद से केंद्र सरकार और डीएमके के बीच जुबानी जंग जारी है। इस बीच तमिलनाडु के मंत्री के पोनुमुडी ने गुरुवार (15 जून) को राज्यपाल आरएन रवि को निशाना पर ले लिया।

मंत्री बोले- बीजेपी के एजेंट की तरह न करें व्यवहार

डीएमके सरकार की ओर से तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि को सेंथिल बालाजी के मंत्रालयों का प्रभार किसी अन्य को देने के लिए फाइल भेजी गई थी। जिसे उन्होंने लौटा दिया था। स्टालिन सरकार के मंत्री पोनुमुडी ने राज्यपाल आरएन रवि पर हमला करते हुए उनसे बीजेपी के एजेंट की तरह व्यवहार न करने को कहा।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्री पोनुमुडी ने कहा कि राज्यपाल ने सीएम एमके स्टालिन की ओर से बालाजी के मंत्रालयों का प्रभार अन्य मंत्रियों को देने की फाइल को लौटा दिया। उन्होंने कहा कि बालाजी की मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में गिरफ्तारी और अस्पताल में भर्ती होने के बाद ये जरूरी था।

चेन्नई: सहयोगी महिला पुलिस अधिकारी का यौन उत्पीड़न करने के दोषी तमिलनाडु के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजेश दास को शुक्रवार को तीन साल कैद की सजा सुनाई गई है। विल्लुपुरम की एक अदालत ने निलंबित आईपीएस अधिकारी को महिला अधिकारी का यौन उत्पीड़न करने का दोषी ठहराया और तीन साल के सश्रम कारावास की सज़ा सुनाई।

महिला आईपीएस अधिकारी ने फरवरी, 2021 में अपने वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि वरिष्ठ अधिकारी ने उस समय उनका यौन उत्पीड़न किया था, जब वे तत्कालीन मुख्यमंत्री एदापद्दी के. पलानीसामी की सुरक्षा के लिए ड्यूटी करने जाते वक्त सफ़र कर रहे थे।

अन्नाद्रमुक सरकार ने राजेश दास को निलंबित कर दिया था और जांच के लिए छह.सदस्यीय समिति का गठन किया था। अभियोजन टीम के एक सदस्य ने बताया, "अभियोजन पक्ष ने पुलिसकर्मियों सहित 68 लोगों के बयान दर्ज किए थे... अब अधिकारी के पास अपील करने तथा तत्काल ज़मानत की अर्ज़ी देने का अधिकार है।"

नई दिल्ली: तमिलनाडु सरकार ने भी बिना इजाजत राज्य में सीबीआई की एंट्री पर रोक लगा दी है। एम के स्टालिन की सरकार ने बुधवार को फैसला लिया है कि तमिलनाडु में किसी भी जांच के लिए आने से पहले सीबीआई को अब राज्य सरकार से इजाजत लेनी होगी। तमिलनाडु से पहले 9 राज्य जिनमें पश्चिम बंगाल, राजस्थान, केरल, मिजोरम, पंजाब, तेलंगाना भी शामिल है की सरकारों की तरफ से ऐसे फैसले लिए जा चुके हैं। हाल के दिनों में सीबीआई द्वारा विपक्षी नेताओं पर की जा रही कार्रवाई के बाद इन राज्यों के द्वारा केंद्रीय जांच ब्यूरो को मिलने वाली जांच के लिए आम सहमति वापस ले गई है।

गौरतलब है कि डीएमके सरकार ने यह फैसला राज्य सरकार के मंत्री वी. सेंथिल बालाजी पर मंगलवार को हुई कार्रवाई के बाद उनके तबीयत बिगड़ने के बाद ली है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन के एक मामले की जांच के तहत मंगलवार को तमिलनाडु के बिजली मंत्री वी सेंथिल बालाजी और कुछ अन्य लोगों के परिसरों पर छापे मारे थे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इरोड के अलावा बालाजी के गृह जिले करूर में भी तलाशी ली गई थी।

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