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अगरतलाः त्रिपुरा में भाजपा के अंदर चल रही गुटबाजी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। इसी कड़ी में भाजपा के वरिष्ठ विधायक अरूण चंद भौमिक ने अपने ही शिक्षा मंत्री रतनलाल नाथ को पद से हटाए जाने की मांग की है। इतना ही नहीं उनके खिलाफ सीबीआई जांच की मांग भी की है। उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षा मंत्री ने त्रिपुरा के शिक्षा तंत्र की रीढ़ को ही समाप्त कर दिया है।

दरअसल, वरिष्ठ अधिवक्ता और त्रिपुरा भाजपा विधायक अरूण चंद भौमिक ने आरोप लगाया कि शिक्षा मंत्री के कारण ना तो शिक्षक और ना ही अधिकारी किसी की भी कोई रूचि सेवा में तो रह ही नहीं गई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि स्थानांतरण नीति और शिक्षा मंत्री के बेतुके फैसलों के कारण दक्षिण त्रिपुरा के स्कूल और कॉलेज के बुनियादी शैक्षणिक परिवेश में इसका असर पड़ा है। भौमिक ने कहा कि समय.समय पर बिना जमीनी स्थिति का आकलन किए शिक्षकों का एक स्थान से दूसरे स्थान पर तबादला किया जाता है और हाल ही में बेलोनिया कॉलेज से भौतिकी और शिक्षा के एकमात्र शिक्षकों को पद से हटा दिया गया।

अगरतला: त्रिपुरा में चार विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के लिये रविवार को हुई मतगणना में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीन सीट पर जीत हासिल की, जबकि एक सीट कांग्रेस के खाते में गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

निर्वाचन आयोग ने कहा कि टाउन बोरडोवाली सीट पर मुख्यमंत्री व भाजपा उम्मीदवार माणिक साहा ने 6,104 मतों के अंतर से जीत हासिल की। उन्हें 17,181 मत मिले, जो डाले गए कुल मतों का 51.63 प्रतिशत हैं। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 11,077 मत मिले, जो कुल मतों का 33.29 फीसद है।

अगरतला सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार सुदीप रॉय बर्मन को 3,163 मतों के अंतर से जीत मिली है। उन्हें 17,241 वोट मिले, जो डाले गए कुल वोट का 43.46 प्रतिशत हैं। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा उम्मीदवार अशोक सिन्हा को 14,268 (35.57 प्रतिशत) मत मिले।

इस जीत के साथ ही रॉय बर्मन विधानसभा में कांग्रेस के एकमात्र विधायक बन गए हैं। साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली थी।

अगरतला: भाजपा नेता बिपलव कुमार देव के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद आज त्रिपुरा भाजपा के प्रमुख मानिक साहा मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। रविवार को अगरतला स्थित राजभवन में मानिक ने राज्य का जिम्मा बतौर सीएम संभाला। राज्य के नए मुख्यमंत्री के तौर पर चुने गए मानिक भाजपा के राज्यसभा सांसद हैं। साथ ही त्रिपुरा भाजपा के प्रमुख भी हैं, जहां अगले साल मार्च महीने विधानसभा चुनाव होना है।

बता दें कि ये कोई पहली घटना नहीं है, इससे पहले उत्तराखंड में भी भाजपा के साथ ऐसा हो चुका है। विधानसभा चुनाव से ठीक कुछ महीने पहले सीएम ने इस्तीफा दे दिया था। ऐसे में उत्तरपूर्वी राज्य जहां अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस कड़ी टक्कर देने को तैयार है, डेंटल सर्जरी के प्रोफेसर मानिक से पार्टी को बहुत उम्मीद है। पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री पद का जिम्मा सौंपा ताकि वे पार्टी को मजबूती प्रदान करें, जिससे आने वाले चुनाव में भाजपा की जीत हो। राज्य के 11वें सीएम के रूप में शपथ लेने वाले मानिक साहा का नाम सीएम पद के लिए बिपलव के इस्तीफा देने के कुछ घंटों बाद सामने आया था।

नई दिल्ली: त्रिपुरा में लगातार बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच शनिवार को बिप्लब कुमार देव के इस्तीफे के बाद अब मानिक साहा त्रिपुरा के अगले मुख्यमंत्री बनेंगे। गौरतलब है कि बिप्लब देब की कार्यशैली से कई विधायक नाराज रहे हैं, तीन विधायकों ने इस कारण इस्तीफा दे दिया था। मानिक साहा को एक महीने पहले ही राज्यसभा के लिए चुना गया था। उनके मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद राज्य में एक राज्यसभा सीट भी खाली होगी। यह भी कहा जा रहा है कि बिप्लब देब को राज्यसभा की इस सीट से उम्मीदवार बनाया जा सकता है।

पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देव ने ट्वीट कर मानिक साहा को बधाई दी है। उन्होंने लिखा है कि बधाई एवं शुभकामनाएं मानिक साहा जी विधायक दल के नेता के रूप में चुने जाने पर।

भाजपा नेता भूपेंदर यादव ने तस्वीर ट्वीट कर मानिक साहा को बधाई देते हुए लिखा है कि मानिक साहा जी को त्रिपुरा भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने की बहुत-बहुत बधाई। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन और आपके नेतृत्व में त्रिपुरा विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा।

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