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नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने त्रिपुरा में अपनी नेताओं पर हुए 'हमले' और 'झूठे केसों में गिरफ्तारी' को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात का समय मांगा है। टीएमसी राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने सोमवार को ट्वीट करते हुए कहा है कि हम लोग आपके मुलाकात के लिए इंतजार कर रहे हैं। बता दें, त्रिपुरा में रविवार को टीएमसी नेता सायानी घोष को हत्या के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया है। टीएमसी की पश्चिम बंगाल इकाई की युवा शाखा की सचिव सायानी घोष को पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी के दौरे से 24 घंटे पहले हिरासत में लेने के बाद गिरफ्तार किया गया।

तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने आरोप लगाया कि पूर्वी अगरतला महिला पुलिस थाने के बाहर उनके कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा समर्थकों ने धक्का-मुक्की की। हालांकि, भाजपा ने आरोप को खारिज किया है। डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'गृहमंत्री जी, त्रिपुरा में टीएमसी कार्यकर्ताओं पर क्रूर हमले किए जा रहे हैं और यहां तक कि पत्रकारों के साथ भी मारपीट हुई है।

अगरतला/करीमगंज (असम): त्रिपुरा में हिरासत में ली गईं दो महिला जर्नलिस्‍ट को गोमती जिला सीजेएल ने जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। राज्‍य में हालिया सांप्रदायिक घटनाओं पर रिपोर्ट लिखने के लिए त्रिपुरा आई दो महिला पत्रकारों को असम पुलिस ने रविवार को असम-त्रिपुरा सीमा के करीब करीमगंज के नीलम बाजार में हिरासत में ले लिया था। दोनों राज्यों के पुलिस अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की थी। ‘एचडब्ल्यू न्यूज नेटवर्क' की पत्रकार समृद्धि सकुनिया और स्वर्ण झा को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के एक समर्थक की शिकायत के आधार पर रविवार को त्रिपुरा के फातिक्रोय थाने में दर्ज एक प्राथमिकी में नामजद किया गया था। आरोप लगाया गया कि उन्होंने अपनी खबरों के जरिए त्रिपुरा की छवि खराब की है।

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (ईजीआई) और इंडियन वुमेन प्रेस कॉर्प्स (आईडब्ल्यूपीसी) ने असम पुलिस द्वारा दो महिला पत्रकारों को हिरासत में लिए जाने की निंदा की थी। असम पुलिस के एक अधिकारी ने बताया था कि दोनों पत्रकारों को रात भर के लिए सरकार द्वारा संचालित महिला आश्रय गृह में रखा गया है।

नई दिल्ली: दक्षिणपंथी समूह विश्व हिंदू परिषद (वीएसपी) की शिकायत के बाद त्रिपुरा में दो महिला पत्रकारों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। वहीं, महिला पत्रकारों ने पुलिसकर्मियों पर डराने-धमकाने का आरोप लगाया है। पत्रकार समृद्धि सकुनिया और स्वर्णा झा ने आरोप लगाया है कि पुलिस उनके होटल में आई और उन्हें "डराया-धमकाया"। देर शाम उन्हें हिरासत में ले लिया गया है। इन पत्रकारों पर दो धार्मिक आधार पर दो समूहों के बीच वैमनस्यता फैलाने का आरोप लगा है। विहिप नेता कंचन दास द्वारा दर्ज कराई शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई की है।

त्रिपुरा पुलिस के आईजी (लॉ एंड ऑर्डर) अरिंदम नाथ ने कहा कि पुलिस ने दोनों महिला पत्रकारों समृद्धि सकुनिया और स्वर्णा झा के खिलाफ कई केस दर्ज किए हैं। झूठी और बनावटी खबरों को प्रकाशित करने और सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने के मामले में उन पर केस दर्ज किया गया है। जबकि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि त्रिपुरा में एक मस्जिद को नुकसान पहुंचाने और तोड़फोड़ के बारे में सोशल मीडिया पर प्रसारित खबरें फर्जी हैं और गलतबयानी की गई है।

अगरतला: त्रिपुरा में मस्जिद को नुकसान पहुंचने और तोड़फोड़ को कवर करने पर दो महिला पत्रकारों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। दक्षिणपंथी समूह विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की शिकायत के बाद यह केस दर्ज किया गया। वहीं, महिला पत्रकारों ने पुलिसकर्मियों पर डराने-धमकाने का आरोप लगाया है। पत्रकार समृद्धि सकुनिया और स्वर्णा झा ने आरोप लगाया है कि पुलिस उनके होटल में आई और उन्हें "डराया". शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस की एक टीम उनसे पूछताछ करने गई थी।

स्वर्णा झा ने अपने ट्वीट में लिखा, "कल रात लगभग 10:30 पीएम बजे हमारे होटल के बाहर पुलिस आई, लेकिन उस समय उन्होंने हमसे कोई बात नहीं की। सुबह 5:30 बजे के करीब जब हम चेकआउट करने गए, तब पुलिस ने हमारे अगेंस्ट जो शिकायत हुई है, उसके बारे में बताया और पूछताछ के लिए धर्मनगर पुलिस स्टेशन ले जाने को कहा।" उन्होंने अपने पोस्ट में एफआईआर की कॉपी भी शेयर की है। शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस की एक टीम उनसे पूछताछ करने गई थी।

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