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अगरतला: त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देव ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राज्य के गवर्नर एसएन आर्य को त्यागपत्र सौंप दिया है। मीडिया रिर्पोटस के मुताबिक, देव ने किन वजहों से त्यागपत्र दिया है, इसका अभी तक कोई पता नहीं चला है। बिप्लब कुमार देव ने अपने त्यागपत्र पर कहा कि पार्टी चाहती है कि वो संगठन की मजबूती के लिए काम करें। पार्टी नेताओं का कहना है कि भाजपा विधायक दल की बैठक त्रिपुरा में शनिवार को ही होगी और इसमें नए नेता का चुनाव किया जाएगा। भाजपा विधायक दल की बैठक में नए नेता के चुनाव के लिए भूपेंद्र यादव, विनोद तावड़े को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा जाएगा।

त्रिपुरा में अगले साल यानी मार्च 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं। जबकि पिछला विधानसभा चुनाव फरवरी 2018 में हुआ था। त्रिपुरा में 60 सदस्यों वाली विधानसभा है। तब 43 फीसदी वोट हासिल करने के साथ भाजपा ने 36 सीटें जीतकर पहली बार राज्य में सरकार बनाई थी और वहां लंबे समय से चले आ रहे वामपंथी शासन को खत्म किया था।

उस चुनाव में लेफ्ट पार्टियों को महज 16 सीटें ही मिली थीं। जबकि करीब तीन दशकों से त्रिपुरा में वामपंथियों का सत्ता में वर्चस्व बना हुआ था।

बिप्लब कुमार देब के इस्तीफे को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने उन पर कटाक्ष किया है। तृणमूल कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा, बिप्लब कुमार देब लोगों की आकांक्षाओं पर खरा उतरने में नाकाम रहे। उन्होंने पहले ही काफी नुकसान कर दिया है। यही वजह है कि उनकी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भी उनकी अकर्मण्यता से परेशान हो गया। यह भी कहा जा रहा है कि भाजपा नेतृत्व त्रिपुरा में टीएमसी के बढ़ते प्रभाव से भी असहज हो गया है।

बिप्लब कुमार देव ने एक दिन पहले ट्वीट किया था, उसमें लिखा कि नई दिल्ली में आज गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। हमने विकास कार्यों और संगठन को लेकर विस्तृत चर्चा की।

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