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कोलकाता: पश्चिम बंगाल भाजपा प्रमुख दिलीप घोष ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि घुसपैठिए सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के वोट बैंक बन गए हैं और इसलिए राज्य में एनआरसी जरूरी है। उन्होंने एनपीआर का विरोध करने पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना की और आरोप लगाया कि देश के लिए हर अच्छी चीज का विरोध करना उनकी आदत बन चुकी है। घोष ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल में एनआरसी लागू होना चाहिए। ममता बनर्जी को घुसपैठियों की मदद की जरूरत है, क्योंकि वो उनके वोटबैंक बन चुके हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पहले यहां नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू होने दीजिए फिर हम देखेंगे कि एनआरसी के साथ क्या हो सकता है।’’ असम में एनआरसी को अद्यतन किए जाने के संबंध में घोष ने कहा कि भाजपा का इससे कोई संबंध नहीं है क्योंकि यह उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन, कुछ चूक हुई है जिसका फिलहाल निराकरण किया जा रहा है।’’ एनपीआर के बारे में उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने 2010 में इसकी शुरूआत की थी। इसके बाद हम (भाजपा) सत्ता में आए।

कोलकाता: कर्नाटक की येदियुरप्पा सरकार द्वारा मंगलूरू हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा देने से इनकार करने को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर निशाना साधा है। ममता ने कहा कि भाजपा अपने वादे पूरी नहीं करती है। साथ ही बंगाल सीएम ने घोषणा की कि उनकी सरकार मारे गए लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजे के रूप में देगी। ममता ने भाजपा को आग से नहीं खेलने की सलाह देते हुए कहा कि जब तक नागरिकता संशोधित कानून (सीएए) को वापस नहीं लिया जाता, तब तक शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रहेंगे।

तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने शहर में आयोजित प्रदर्शन रैली में भाजपा पर अपने वादे पूरे नहीं करने का आरोप लगाया। उन्होंने मंगलूरू में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन में पुलिस गोलीबारी में मारे गए दो लोगों के परिवारों के लिए मुआवजा रोकने संबंधी कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के बयान का भी जिक्र किया। येदियुरप्पा ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा था कि यदि जांच में 19 दिसंबर को प्रदर्शनों में हुई हिंसा में दोनों लोगों की संलिप्तता साबित होती है तो उनके परिवारों को एक भी रुपया नहीं दिया जाएगा। साथ ही बनर्जी ने छात्रों से प्रदर्शन जारी रखने को कहा।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ कुलाधिपति के तौर पर जब आज एक बैठक में हिस्सा लेने के लिए जाधवपुर विश्वविद्यालय पहुंचे तो उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा। जिसके बाद वह वापस लौट गए। सोमवार की तरह मंगलवार को भी छात्रों ने उनके काफिले का रास्ता रोका। वह काफी देर तक विश्वविद्यालय के बाहर फंसे रहे। इसके अलावा उन्हें काले झंडे दिखाए गए और उनके खिलाफ नारे लगे। वापस जाने से पहले उन्होंने कहा कि एक चांसलर और राज्यपाल के तौर पर यह मेरे लिए पीड़ादायक क्षण है। राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। सरकार ने शिक्षा को बंदी बना लिया है।

विरोध के बीच राज्यपाल ने तीन ट्वीट किए हैं। उन्होंने लिखा, 'जाधवपुर विश्वविद्यालय में हूं ताकि छात्रों को अपनी मेहनत का फल मिल सके और वह समाज में अपना योगदान दे सकें। दुर्भाग्य से विश्वविद्यालय के अंदर मौजूद कार्यक्रम स्थल का रास्ता बंद है। अस्वाभाविक। कार्रवाई के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं। चिंतापूर्ण परिस्थिति है।' दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा, 'रास्ता रोकने वालों की संख्या केवल पचास के आसपास है।

कोलकाता: नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर देशभर में हो रहे प्रदर्शनों के बीच, इस बार इसके विरोध में भाजपा के भीतर भी सुगबुगाहट शुरू हो गई है। पश्चिम बंगाल भाजपा के उपाध्यक्ष और सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र कुमार बोस ने इस कानून के विरोध में स्वर बुलंद किए हैं। बोस ने कहा है कि जब यह कानून धर्म से संबंधित नहीं है तो इसमें मुस्लिमों को क्यों नहीं शामिल किया गया? चंद्र कुमार बोस ने ट्वीट कर कहा, 'यदि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) किसी धर्म से संबंधित नहीं है तो हम क्यों हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई, पारसी और जैन की बात कर रहे हैं। तो मुस्लिम को क्यों शामिल नहीं किया गया? हमें पारदर्शी होने की जरूरत हैं।'

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'भारत की बराबरी या किसी अन्य राष्ट्र के साथ तुलना न करें- क्योंकि यह राष्ट्र सभी धर्मों और समुदायों के लिए खुला है।' बोस ने ट्वीट कर कहा, 'यदि मुसलमानों को उनके गृह देश में सताया नहीं जा रहा है तो वे नहीं आएंगे, इसलिए उन्हें शामिल करने में कोई बुराई नहीं है। हालांकि, यह पूरी तरह से सच नहीं है- पाकिस्तान और अफगानिस्तान में रहने वाले बलूच के बारे में क्या कहना है?

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