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कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि उनका राज्य 17 जनवरी को नई दिल्ली में केन्द्र सरकार द्वारा बुलाई गई राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) की बैठक में हिस्सा नहीं लेगा। उन्होंने राज्यपाल जगदीप धनखड़ को चुनौती दी कि वह केन्द्र सरकार के इशारों पर नहीं चलने के लिए राज्य सरकार को बर्खास्त कर दें। एनपीआर, संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का लगातार मुखर विरोध कर रही बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने पहले ही राज्य में एनपीआर को अपडेट (अद्यतन) करने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।

एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने 17 जनवरी को एनपीआर पर बैठक बुलाई है। मैं नहीं जाऊंगी और न ही मेरी सरकार का कोई प्रतिनिधि उस बैठक में शामिल होगा। उन्होंने कहा कि अगर मैं बैठक में शामिल नहीं हुई तो यहां कोलकाता में एक व्यक्ति (राज्यपाल धनखड़) जो केन्द्र सरकार का प्रतिनिधि है, वह कह सकते हैं कि वह मेरी सरकार को बर्खास्त कर रहे हैं। वह ऐसा कर सकते हैं, मुझे इसकी परवाह नहीं है। लेकिन मैं सीएए-एनपीआर-एनआरसी को अनुमति नहीं दूंगी।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के खिलाफ पुलिस में दो शिकायतें दर्ज की गईं हैं। यह शिकायत उनके सीएए को लेकर प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर दर्ज कराई गईं हैं। इनमें से एक शिकायत टीएमसी नेता कृष्णेन्दू बनर्जी द्वारा नादिया में दर्ज कराई गई है। दिलीप घोष ने 12 जनवरी को बंगाल के नादिया जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों को हमारे यूपी, असम, और कर्नाटक में कुत्तों की तरह गोली मार दी गई।

उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला करते हुए कहा था कि उन्होंने पिछले साल दिसंबर में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध प्रदर्शन के दौरान रेलवे की संपत्ति और सार्वजनिक परिवहन को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ लाठीचार्ज या गोली चलाने का आदेश नहीं दिया था। घोष ने कहा था, 'क्या यह उनके पिताजी की संपत्ति है? वह कैसे सरकार की संपत्ति को नुकसान पहुंचा सकते हैं जो करदाताओं के पैसों से बनी है? उत्तर प्रदेश, असम और कर्नाटक की सरकारों ने ऐसे राष्ट्र विरोधी तत्वों पर गोली चलाकर बिलकुल ठीक काम किया।'

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के इस बयान की निंदा की कि भाजपा शासित राज्यों में सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को कुत्तों की तरह गोली चलाकर मारा गया। ममता ने कहा कि राज्य पुलिस आंदोलनकारियों पर गोली नहीं चलाएगी। घोष के विवादास्पद बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के नेता अनुब्रत मंडल ने नाराजगी भरे स्वर में कहा कि केंद्र सरकार को इस अपराध के लिए घोष को गोली मार देनी चाहिए।

बनर्जी ने घोष का नाम लिये बिना कहा कि किसी नेता को लोगों पर गोली चलाने के लिए कहना शोभा नहीं देता। बनर्जी ने कहा, 'आपमें से कई चाहते हैं कि बंगाल में गोली चले और इसलिए आप सब ये नाटक कर रहे हैं।' मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कुछ अप्रिय होता है तो इस तरह की घटनाओं के लिए उकसा रहे लोगों की जिम्मेदारी होगी। तृणमूल की बीरभूम जिला इकाई के प्रमुख मंडल ने कहा, 'दिलीप घोष को गोली चलाकर मार दिया जाना चाहिए। अगर किसी ने सबसे पहले सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है तो वही है। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार को दिलीप घोष को गोली चलाकर मार देना चाहिए।'

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष की तरफ से सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों पर दिए बयान से भाजपा ने पल्ला झाड़ लिया है। केन्द्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने दिलीप घोष के बयान पर पार्टी की ओर से सफाई देते हुए कहा, दिलीप घोष ने जो कुछ भी कहा है उससे भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है। यह उनकी काल्पनिक सोच है। उत्तर प्रदेश और असम में भाजपा सरकार कभी भी किसी भी वजह से लोगों को गोली नहीं मारती है। यह दिलीप घोष का बेहद गैर-जिम्मेदाराना बयान है।

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के भाजपा प्रदेशाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा था, दीदी (ममता बनर्जी) की पुलिस उन लोगों पर कभी कार्रवाई नहीं करती हैं जो सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं, क्योंकि वे उनके वोटर्स हैं। हमारी सरकार यूपी, असम और कर्नाटक में ऐसे लोगों को कुत्तों की तरह पीटती हैं। दिलीप घोष ने कहा, 'आप यहां आते हो, हमारा खाना खाते हो, यहां रहते हो और सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करते हो. क्या यह आपकी जमिंदारी है?' साथ ही उन्होंने कहा कि हम आपको लाठी से मारेंगे, गोली मारेंगे और जेल में डालेंगे।

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