कोलकाता: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ कुलाधिपति के तौर पर जब आज एक बैठक में हिस्सा लेने के लिए जाधवपुर विश्वविद्यालय पहुंचे तो उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा। जिसके बाद वह वापस लौट गए। सोमवार की तरह मंगलवार को भी छात्रों ने उनके काफिले का रास्ता रोका। वह काफी देर तक विश्वविद्यालय के बाहर फंसे रहे। इसके अलावा उन्हें काले झंडे दिखाए गए और उनके खिलाफ नारे लगे। वापस जाने से पहले उन्होंने कहा कि एक चांसलर और राज्यपाल के तौर पर यह मेरे लिए पीड़ादायक क्षण है। राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। सरकार ने शिक्षा को बंदी बना लिया है।
विरोध के बीच राज्यपाल ने तीन ट्वीट किए हैं। उन्होंने लिखा, 'जाधवपुर विश्वविद्यालय में हूं ताकि छात्रों को अपनी मेहनत का फल मिल सके और वह समाज में अपना योगदान दे सकें। दुर्भाग्य से विश्वविद्यालय के अंदर मौजूद कार्यक्रम स्थल का रास्ता बंद है। अस्वाभाविक। कार्रवाई के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं। चिंतापूर्ण परिस्थिति है।' दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा, 'रास्ता रोकने वालों की संख्या केवल पचास के आसपास है।
सिस्टम को बंधक बना लिया गया है और कार्य से जुड़े लोग अपने दायित्वों से बेखबर हैं। यह एक तरह का पतन है जो केवल अनचाहे परिणामों को जन्म दे सकता है। यहां कानून के नियम कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं। यह संवैधानिक प्रमुख से संबंधित है।'
तीसरे ट्वीट में राज्यपाल धनखड़ ने लिखा, 'ऐसी परिस्थितियों में मीडिया को लोक कल्याण पर भी ध्यान देने और यह संकेत देने की आवश्यकता है कि छात्र हितों को खतरे में नहीं डाला जा सकता है।' चौथे ट्वीट में कहा, 'एक पीड़ादायक परिदृश्य कि जादवपुर विश्वविद्यालय के कुलपति अपने दायित्वों के बारे में जान-बूझकर अनजान हैं और बहानों की तलाश कर रहे हैं। वह कानून के शासन के पतन की अध्यक्षता कर रहे हैं।'
सोमवार को भी हुआ था विरोध
इससे पहले राज्यपाल जब सोमवार को जाधवपुर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे थे तो छात्रों ने उनका विरोध किया था। छात्रों ने अचानक उनकी कार को घेर लिया और नारेबाजी शुरू कर दी थी। छात्रों ने 'भाजपा कार्यकर्ता जगदीप धनखड़ वापस जाओ' ने नारे लगाए। इस दौरान राज्यपाल लगभग 45 मिनट तक अपनी कार के अंदर ही बंद रहे। बाद में सुरक्षा गार्ड की मदद से उन्हें बाहर निकाला गया।