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कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस ने अपने 22वें स्थापना दिवस को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध के तौर पर बुधवार को ‘नागरिक दिवस’ के रूप में मनाया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने इस अवसर पर पार्टी कार्यकर्ताओं को बधाई दी। बूथ स्तर पर पार्टी स्थापना दिवस को ‘नागरिक दिवस’ के रूप में मना रही है। ममता ने ट्वीट किया, ‘‘ हम तृणमूल कांग्रेस के स्थापना दिवस को प्रत्येक बूथ में ‘नागरिक दिवस’ के तौर पर मना रहे हैं। हम लोग सभी नागरिक हैं और तृणमूल हमेशा लोगों के अधिकारों के लिए लड़ती रहेगी। जय हिंद। जय बांग्ला।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ तृणमूल कांग्रेस आज 22 साल की हो गयी। यह यात्रा 1 जनवरी 1998 को शुरू हुई थी। यात्रा काफी संघर्षों से भरी है लेकिन लोगों के लिए लड़ाई लड़ने के अपने संघर्ष में हम अटल हैं। हम लगातार मिल रहे समर्थन के लिए मां-मानुष-माटी का धन्यवाद करते हैं। हमारे कार्यकर्ता ही हमारी सबसे बड़ी पूंजी हैं।’’ तृणमूल कांग्रेस की स्थापना एक जनवरी, 1998 को तत्कालीन सत्तारूढ़ वाम मोर्चे को सत्ता से बाहर करने के लिए हुई थी।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने सोमवार को दावा किया कि अपने वोट बैंक को सुरक्षित करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी किसी भी हद तक जा सकती है और आरोप लगाया कि देश में किसी भी अच्छी चीज का विरोध करना उनकी आदत बन चुकी है।

नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में जनसभा को संबोधित करते हुए घोष ने कहा कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस हमेशा विपक्षी दलों की राजनीतिक गतिविधियों को रोकने की ताक में रहती है। शहर के दक्षिणी हिस्से में रैली के लिए जाते समय घोष के काफिले को तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों के विरोध का सामना करना पड़ा। प्रदेश भाजपा प्रमुख ने कहा, ''संविधान की शपथ लेने वाली बनर्जी संसद में पारित कानून का विरोध कर रही हैं। अगर वह सोचती हैं कि वह इस तरह अपना वोट बैंक सुरक्षित रख सकती हैं तो वह गलत हैं।

कोलकाता: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विश्वविद्यालयों में प्रदर्शन जारी रहने के बीच केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार शैक्षाणिक संस्थानों को किसी भी कीमत पर राजनीति का अखाड़ा नहीं बनने देगी। उन्होंने कहा कि राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए हर कोई स्वतंत्र है लेकिन कॉलेज और विश्वविद्यालय को इससे दूर रखना चाहिए क्योंकि कई छात्र दूर दराज से अध्ययन के लिए आते हैं। उन्होंने कहा, 'नरेंद्र मोदी सरकार इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी।'

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, दिल्ली विश्वविद्यालय, यादवपुर विश्वविद्यालय और प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय समेत देश के कई अन्य विश्वविद्यालयों के छात्र संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। पोखरियाल ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल जानबूझकर सीएए के बारे में गलत जानकारी फैला रहे हैं। उन्होंने कहा, 'धार्मिक आधार पर देश को बांटने के लिए जिम्मेदार कांग्रेस सीएए के बारे में गलत सूचनाएं फैला रही है।'

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रगान 'जन गण मन' ने देशवासियों को एकजुट रहने के लिए प्रेरित किया है। ममता ने नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रवींद्रनाथ टैगोर को याद किया जिन्होंने ‘जन गण मन' की रचना की। 1911 में आज के दिन पहली बार इसे गाया गया था। ममता ने टैगोर की रचना 'आमार सोनार बांग्ला' का भी जिक्र किया जिसे 1905 में अंग्रेजों द्वारा बंगाल के विभाजन के विरोध में लिखा गया था। उन्होंने कहा कि बंगाल के विभाजन के खिलाफ टैगोर के विरोध के तरीके ने लोगों को रास्ता दिखाया।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ 1911 में आज के दिन पहली बार ‘जन गण मन’ गाया गया था। हमारे राष्ट्रगान ने हमें वर्षों से एकजुट किया है और राष्ट्र को प्रेरित किया है। इसका रचना रवींद्रनाथ टैगोर ने की थी। वह हमारी शान हैं। 'जन गण मन' पहली बार कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में गाया गया था। 24 जनवरी, 1950 को संविधान सभा ने गीत 'भारत भाग्य विधाता' के पहले हिस्से को राष्ट्रगान के रूप में स्वीकार किया था।

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