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कोलकाता: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी को लेकर पश्चिम बंगाल में चल रहे टीएमसी के भारी विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपनी दो दिवसीय यात्रा पर कोलकाता पहुंच गए हैं। जहां उन्होंने राजभवन में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की। इस मुलाकात का वीडियो भी सामने आया है। इस मुलाकात के बाद ममता ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), एनआरसी और एनपीआर जैसे मुद्दों पर फिर से विचार करने तथा इन्हें वापस लेने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि मोदी ने उन्हें नयी दिल्ली आकर इन मुद्दों पर चर्चा करने के लिए कहा है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के साथ बैठक को ‘शिष्टाचार भेंट’ करार दिया। बनर्जी ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री के समक्ष बकाया वित्तीय सहायता के विषय को उठाया, जिसे राज्य को केंद्र से मिलना अभी बाकी है। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी। मैंने उन्हें 28,000 करोड़ रुपये के बारे में बताया, जो राज्य को केंद्र सरकार से मिलना अभी बाकी है।’’ तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ‘‘मैंने उन्हें यह भी कहा कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
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कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 जनवरी यानी आज से कोलकाता के दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे। वे कोलकाता एयरपोर्ट पर पहुंच चुके हैं। इस दौरान उनका कोलकाता बंदरगाह ट्रस्ट की 150वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित समारोह में शामिल होने और धरोहर इमारतों को राष्ट्र को समर्पित करने का कार्यक्रम है। इस बीच यह भी खबर आ रही है कि नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर जारी तल्खी के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा कर सकती हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार, शनिवार को प्रधानमंत्री कोलकाता में चार धरोहर इमारतों को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। बयान में कहा गया है कि इन इमारतों में पुराना करेंसी बिल्डिंग, बेल्वेदेरे हाउस, मेटकॉफ हाउस और विक्टोरिया मेमोरियल हाल शामिल है। संस्कृति मंत्रालय ने इनकी मरम्मत एवं साज सज्जा का काम किया है। मंत्रालय विभिन्न मेट्रो शहरों में ऐसी प्रसिद्ध इमारतों के आसपास सांस्कृतिक स्थलों का विकास कर रही है। इसके तहत कोलकाता, दिल्ली, मुम्बई, अहमदाबाद और वाराणसी में परियोजना को लिया गया है।
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कोलकाता: सीएए के मुद्दे पर लगातार हमलावर विपक्षी दलों के बीच दरार के संकेत मिल रहे हैं। सोनिया गांधी के नेतृत्व में 13 जनवरी को दिल्ली में आयोजित विपक्षी दलों की बैठक में ममता बनर्जी ने हिस्सा लेने से इंकार कर दिया है। ममता बनर्जी ने बंगाल विधानसभा में कहा कि कांग्रेस और वाम दलों ने बुधवार को बंद के दौरान राज्य में उपद्रव मचाया। इसके विरोध में हम कांग्रेस की तरफ से आयोजित बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। साथ ही ममता बनर्जी ने कहा कि सीएए, एनआरसी, एनपीआर के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी। लेकिन बंद और हिंसक प्रदर्शनों का हम समर्थन नहीं करेंगे।
गौरतलब है कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को भी ट्रेड यूनियनों की 24 घंटे की देशव्यापी हड़ताल के समर्थन के लिए कांग्रेस और वाम दलों पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था, ''जिनका राजनीतिक तौर पर कोई अस्तित्व नहीं है वे लोग हड़ताल कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि ये लोग बंद जैसी ओछी राजनीति करके यहां की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने की कोशिश कर रहे हैं। बनर्जी ने कहा था कि वह बंद के मकसद का समर्थन करती हैं, लेकिन उनकी पार्टी और सरकार किसी भी तरह के बंद के विरोध में हैं।
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नादिया: पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलिप घोष का एक वीडियो सामने आया है, जिसपर की विवाद हो सकता है। यह वीडियो नादिया जिले का है। जहां घोष एक रैली को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान वहां एक रैली आई जो वहां से गुजरने की कोशिश कर रही थी जिसके रास्ते को उन्होंने मुड़वा दिया। वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि घोष लोगों को संबोधित कर रहे हैं। तभी एक एंबुलेंस वहां से गुजरने की कोशिश करती है। चूंकि रैली के कारण सड़क बंद थी इसलिए भाजपा नेता ने लोगों को एंबुलेंस का रूट डाइवर्ट (रास्ता बदलवाना) करने को कहा।
उन्होंने कहा कि रैली को बाधित करने के लिए यह तृणमूल कांग्रेस की रणनीति है। घोष को यह कहते हुए सुना जा सकता है, 'एंबुलेंस के रास्ते को बदल दो क्योंकि यहां पर हजारों लोग बैठे हुए हैं। वह (टीएमसी) ऐसा जानबूझकर कर रहे हैं। यह रैली को बाधित करने की उनकी रणनीति है।' इसके लिए भारी आलोचना का शिकार होने के बावजूद घोष ने माफी नहीं मांगी और कहा कि वे आगे भी ऐसा ही करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी सरकार ने उनकी जनसभा को बाधित करने के मकसद से ही एंबुलेंस भेजा था।
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