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नई दिल्ली: उत्तर बंगाल के दिनाजपुर जिले में अपनी निजी जमीन पर सड़क बनाए जाने का विरोध कर रही दो बहनों के साथ दुर्व्यवहार किए जाने की खबर है। आरोप है कि वहां तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व वाली पंचायत के नेता और ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर न सिर्फ दोनों बहनों को बांधा बल्कि पीटा और घसीटा भी।

टीएमसी सांसद निलंबित

मामले में दोनों बहनों में से एक 29 साल की स्मृति काना दास ने पुलिस में रविवार को शिकायत दर्ज कराई। मामले का वीडियो सामने आने के बाद आरोपी नेता अमल सरकार को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। हालांकि कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। भारतीय जनता पार्टी का दावा है कि पीड़ित महिलाएं भगवा पार्टी की समर्थक थी। गंगारामपुर पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर इंचार्ज पुर्नेंदू कुमार कुंडू ने बताया कि हमें शिकायत मिली है और जांच शुरू कर दी गई है। स्मृति ने शिकायत में कहा कि अमल सरकार ने चार अन्य के साथ मिलकर लोहे की सरिया से उन्हें पीटा। दोनों बहने अपनी पुश्तैनी जमीन के लिए लड़ रही थीं।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के राजनीतिक गलियारे में इस तरह की चर्चा जोरों पर है कि प्रशांत किशोर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। प्रशांत किशोर को जद(यू) ने बुधवार (29 जनवरी) को पार्टी से निष्कासित कर दिया। संपर्क किए जाने पर तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने इस तरह के किसी घटनाक्रम की पुष्टि नहीं की, लेकिन निकट भविष्य में इस तरह की संभावनाओं को खारिज भी नहीं किया। तृणमूल कांग्रेस के लिए चुनावी रणनीतिकार की भूमिका निभा रहे किशोर ने इस संबंध में कोई खुलासा नही किया है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तरह किशोर भी संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर की आलोचना करते रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक, पार्टी की सुप्रीमो बनर्जी के साथ किशोर के बहुत अच्छे संबंध हैं। तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने संवाददाताओं से कहा, ''चुनावी रणनीतिकार के तौर पर प्रशांत किशोर ने पार्टी के लिए बहुत अच्छा काम किया है। अब वह तृणमूल कांग्रेस से जुड़ेंगे या नहीं, इस बारे में वह (किशोर) और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व फैसला करेंगे।"

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि वे प्रधानमंत्री मोदी से बात करने के लिए तैयार हैं। लेकिन उन्हें पहले संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को वापस लेना होगा। ममता बनर्जी ने कहा, 'यह अच्छा है कि प्रधानमंत्री बात करने के लिए तैयार हैं लेकिन उन्हें सीएए वापस लेना होगा। उन्होंने कश्मीर, सीएए पर फैसला लेने से पहले सर्वदलीय बैठक नहीं बुलाई। एनआरसी, एनपीआर और सीएए देश के लिए खराब हैं। सीएए के खिलाफ आयोजित प्रदर्शन के दौरान ममता बनर्जी ने कहा कि एनआरसी और एनपीआर को लागू नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि हम एकजुट भारत चाहते हैं। हम एकजुट बंगाल चाहते हैं।

इससे पहले पश्चिम बंगाल विधानसभा में सोमवार को सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया। बंगाल ऐसा करने वाला चौथा राज्य बन गया। इस मौके पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि यह विरोध प्रदर्शन सिर्फ अल्पसंख्यकों का ही नहीं बल्कि सभी का है।

कलकत्ता: पश्चिम बंगाल में कलकत्ता विश्वविद्यालय के छात्रों ने राज्यपाल जगदीप धनकड़ की गाड़ी का रास्ता रोक दिया। इतना ही नहीं छात्रों ने उनके खिलाफ गवर्नर गो बैक के नारे लगाए। वह वहां दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने के लिए विश्वविद्यालय पहुंचे थे। छात्रों के विरोध प्रदर्शन के कारण राज्यपाल को मजबूरन वापस लौटना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने राज्यपाल का रास्ता रोका, उन्हें काले झंडे दिखाए और वापस जाने के नारे लगाए। इस दौरान कुछ लोग परिसर के बाहर 'नो सीएए' और 'नो एनआरसी' के पोस्टर लेकर खड़े थे। धनखड़ लगभग दोपहर डेढ़ बजे बिना कार्यक्रम में शामिल हुए परिसर से वापस चले गए।

इससे पहले पिछले महीने राज्यपाल को इसी तरह की परिस्थिति का सामना करना पड़ा था। तब वह जादवपुर यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे थे। वहां भी छात्रों ने उनके काफिले का रास्ता रोक दिया था। चटर्जी ने कही थी राज्यपाल के बिना दीक्षांत समारोह करने की बात पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी ने 14 जनवरी को कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो कलकत्ता विश्वविद्यालय का आगामी दीक्षांत समारोह राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बिना भी आयोजित किया जा सकता है क्योंकि उन्होंने राज्य सरकार को निशाने पर लेते हुए लगातार कई बयान दिए हैं।

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