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कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एनपीआर प्रक्रिया को एक खतरनाक खेल बताया। उन्होंने कहा कि एनपीआर, एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून एक-दूसरे से जुड़ा है और राज्यों को इसे वापस करने के लिए प्रस्ताव पारित करना चाहिए। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को साफ किया कि पश्चिम बंगाल की विधानसभा में भी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया जाएगा।

उन्होंने कहा, 'मैं सभी राज्यों से एनपीआर की कवायद में शामिल न होने का आग्रह करती हूं क्योंकि स्थिति बहुत बुरी है। इससे पहले केरल और पंजाब विधानसभा ने सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है। राजस्थान में इसे पास करने की तैयारी है।' ममता ने भाजपा शासित पूर्वोत्तर-त्रिपुरा, असम, मणिपुर और अरुणाचल तथा विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों से अपील की। 

उन्होंने कहा कि सभी राज्य एनपीआर को अपने राज्य में लागू करने से पहले इसे अच्छे से पढ़ें। इसके बाद ही इस कानून को लागू करने को लेकर किसी निष्कर्ष पर पहुंचें।

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि जो कानून आपके माता-पिता के जन्म का विवरण मांगता हो वह एनआरसी के अलावा और कुछ नहीं हो सकता। सरकार कह रही है कि माता-पिता के जन्म का विवरण देना अनिवार्य नहीं तो फिर एनपीआर में ऐसा सवाल ही क्यों पूछा जाएगा। इस सवाल को ही हटा देना चाहिए। ऐसी आशंका है कि यदि यह कॉलम फॉर्म में बरकरार रहता है तो इसे न भरने वाले अपने आप बाहर हो जाएंगे।

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