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दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल): केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के काफिले पर कथित रूप से तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को तब हमला किया जब वह ताप विद्युत केंद्र के आधिकारिक दौरे के लिए जा रहे थे, हालांकि उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचा। केंद्रीय भारी उद्योग और सार्वजनिक उपक्रम राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के कथित कार्यकर्ताओं ने उनके काफिले पर तब हमला किया जब वह दिन में अपने आसनसोल निर्वाचन क्षेत्र में दुर्गापुर इस्पात ताप विद्युत केंद्र के आधिकारिक दौरे पर जा रहे थे। सुप्रियो ने आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली हालांकि सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने द्वार पर तृणमूल कांग्रेस के क्रुद्ध समर्थकों का भारी जमावड़ा देखकर उनको सूचित किया था। सुप्रियो ने आरोप लगाया, ‘सीआईएसएफ ने स्थानीय पुलिस से मदद के लिए आग्रह किया लेकिन पुलिस से कोई जवाब नहीं मिला।’ जिला पुलिस ने घटना के बारे में विवरण नहीं दिया लेकिन कहा कि वह मामले पर गौर कर रही है। चार जनवरी को तृणमूल कांग्रेस के 100 से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने कोलकाता में सुप्रियो के घर के सामने धरना देते हुए रोज वैली चिटफंड घोटाले में उनकी गिरफ्तारी की मांग की थी।

कोलकाता: कांग्रेस सांसद एवं लेखक शशि थरूर ने आज कहा कि जलियांवाला बाग की 2019 में 100वीं बरसी अंग्रेजों के लिए अपने शासन काल के दौरान भारतीयों पर की गई सभी गलतियों के लिए माफी मांगने का ‘‘अच्छा मौका’’ होगा। पूर्व राजनयिक थरूर यहां कोलकाता साहित्य महोत्सव .2017 का उद्घाटन करने से पहले अपनी पुस्तक ‘एन एरा आफ डार्कनेस: द ब्रिटिश इम्पायर इन इंडिया’ पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘या तो ब्रिटेन के प्रधानमंत्री या शाही परिवार का कोई सदस्य आकर भारत के लोगों से खेद व्यक्त कर सकता है, केवल उस :जलियांवाला बाग नरसंहार: अत्याचार के लिए नहीं बल्कि अपने शासन काल के दौरान की गई सभी गलतियों के लिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उस मौके का इस्तेमाल क्यों न किया जाए?..वह बहुत ही सही भाव होगा क्योंकि सभी गलत चीजें राजशाही के नाम पर की गई।’’ थरूर के अनुसार स्वीकारोक्ति के लिए कभी भी देर नहीं होती। ‘‘यद्यपि तथ्य यह है कि जो अंग्रेजों ने किया वह सही नहीं था।’’

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में मकर संक्रांति के मौके पर गंगासागर मेले के दौरान भगदड़ में 6 लोगों के मारे जाने, जबकि 15 अन्‍य के घायल होने की ख़बर है। बताया जा रहा है कि ये भगदड़ यहां के काचुबेरिया इलाके में मेले से लौटती भीड़ के बीच हुई। मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया गया है। बताया जा रहा है कि भगदड़ कचुबेरिया इलाके में जेटी नंबर पांच पर हुई।कोलकाता से 100 किलोमीटर दूर दक्षिण चौबीस परगना जिले में स्थित सागर द्वीप पर हर साल मकर संक्रांति के मौके पर गंगासागर मेले का आयोजन होता है। भगदड़ तब हुई जब लोग बोट पर सवार हो रहे थे। यहां हर साल मकर संक्रांति के दौरान मेला लगता है। इसमें हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं ये यहां गंगा नदी में डुबकी लगाने आते हैं। बताया जा रहा है कि तीर्थयात्री स्टीमर पर चढ़ने के लिए बैरिकेड के पहले कतार में खड़े थे। सभी तीर्थयात्रियों में घर जाने की जल्दबाजी थी। इसी बीच उनका धैर्य टूट गया और वे एक साथ स्टीमर पर चढ़ने के लिए आगे बढ़े। उनमें स्टीमर पर बैठने की होड़ शुरू हो गई, जिसमें बैरिकेड टूट गया और भीड़ अनियंत्रित हो गई। पश्चिम बंगाल के पंचायत मंत्री का कहना है कि नदी में भाटा का समय था। स्टीमर पर बैठने की होड़ की वजह से यह हादसा हुआ। प्रशासन द्वारा गंगासागर मेले को देखते हुए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।

कोलकाता: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि उनका संगठन हिंदू समुदाय को एकजुट और मजबूत बनाने के लिए काम कर रहा है और यह किसी के खिलाफ नहीं है। भागवत ने यह भी कहा कि सिर्फ हिंदुओं की कमजोरी ही पड़ोसी देश बांग्लादेश में उनके दमन के लिए जिम्मेदार बताई जाती हैं। उन्होंने कोलकाता में आरएसएस की एक रैली में यह कहा. इस रैली के लिए नगर पुलिस ने इससे पहले इजाजत देने से इनकार कर दिया था। लेकिन कलकत्ता हाईकोर्ट ने आरएसएस को कार्यक्रम की इजाजत दे दी थी। भागवत ने कहा, 'हमने यह संगठन किसी का विरोध करने के लिए नहीं बनाया, बल्कि खुद को मजबूत करने के लिए बनाया। हिंदू समाज का इस देश में एक गौरवशाली इतिहास रहा है।' उन्होंने पूछा, 'ऐसे गौरवशाली इतिहास के बावजूद क्या हिंदू समाज की स्थिति वैसी ही है, जैसा इसे होना चाहिए था।' भागवत ने कहा, 'क्या हिंदू पूरे भारत में अपनी धार्मिक रस्मों और गतिविधियों को मुक्त रूप से अदा करने में सक्षम हैं? क्या इस देश में हिंदुओं का मानवाधिकार बखूबी स्थापित है? उन्होंने कहा, 'यदि जवाब न में है तो फिर आप क्यों आश्चर्यचकित होते हैं, जब बांग्लादेश में हिंदुओं का दमन होता है? अपनी हालत के लिए हिंदू ही जिम्मेदार हैं। हिंदू इस स्थिति का सामना कर रहे हैं, क्योंकि वे एकजुट और मजबूत नहीं हैं।

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