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कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर फिर से हमला करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज (बुधवार) कहा कि नोटबंदी के तीन महीने बाद भी लोगों को परेशानियों का का सामना करना पड़ रहा है। ममता ने अपने कई ट्वीट में कहा, ‘आज तीन महीने से ऊपर हो गए हैं, लेकिन प्रतिबंध और परेशानी खत्म नहीं हुई। जनता ने अपनी आर्थिक स्वतंत्रता खो दी है। जब आर्थिक स्वतंत्रता नहीं रहती है तब मुख्य स्वतंत्रता भी खत्म हो जाती है।’ तृणमूल सुप्रीमो ने नोटबंदी और नये नोट जारी करने की प्रक्रिया का हवाला देते हुए आगे कहा, ‘डीमो-रिमो (डिमोनेटाइजेशन-रिमोनेटाइजेशन) ने देश को पटरी से उतार दिया है। दूरदर्शिता विहीन, मिशन विहीन, दिशा विहीन।’ उन्होंने कहा, ‘अर्थव्यवस्था काफी धीमी हो गयी है। देश स्पष्ट तौर पर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। यह कब तक चलेगा? महज कुछ उद्योगपतियों को इससे दिक्कत नहीं हो रही है।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना जिले में बानगांव में एक अदालत ने तश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकियों को शनिवार को सरकार विरोधी गतिविधि के मामले में मौत की सजा सुनाई। इन आतंकियों में दो पाकिस्तानी नागरिक शामिल हैं। इन्हें 2007 में बीएसएफ द्वारा पेट्रोपोल में भारत-बांग्लादेश सीमा से गिरफ्तार किया गया था। सीआईडी डीआईजी (आपरेशन) निशाद परवेज ने बताया कि पाकिस्तानी आतंकी मोहम्मद यूनुस और अब्दुल्ला तथा एक भारतीय मुजफ्फर अहमद राठौड़ को न्यायधीश बिनय कुमार पाठक की बोनगांव फास्ट ट्रैक अदालत-1 ने मौत की सजा सुनाई। इन तीनों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121 और 122 के तहत मामला दर्ज किया गया था। अब्दुल्ला पाकिस्तान के कराची और यूनुस हरिपुर का रहने वाला है, जबकि राठौड़ जम्मू कश्मीर के अनंतनाग से है। इन्हें चार अप्रैल, 2007 को पेट्रोपोल में बांग्लादेश से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा से भारत में घुसपैठ करते समय गिरफ्तार किया गया था। उनकी जम्मू कश्मीर में सेना के शिविरों में हमले की योजना थी लेकिन इससे पहले ही उन्हें बीएसएफ ने गिरफ्तार कर लिया और बानगांव पुलिस स्टेशन को सौंप दिया।

कोलकाता: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि स्वतंत्र सोच और खुली अभिव्यक्ति पर अब भारतीय विश्वविद्यालयों में ‘खतरा’ है। कांग्रेस नेता ने कहा कि हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय और जेएनयू में छात्र समुदाय की खुली अभिव्यक्ति के साथ हस्तक्षेप के हालिया प्रयास खासतौर पर चिंता का विषय थे और शांतिपूर्ण असहमति को दबाने को ‘सीखने के लिए अहितकर’ और ‘अलोकतांत्रिक’ करार दिया। प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय के द्विशताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए 84 वर्षीय सिंह ने कहा, ‘खेद है कि भारतीय विश्वविद्यालयों में स्वतंत्र सोच और खुली अभिव्यक्ति को अब खतरा है। शांतिपूर्ण असहमति को दबाने के प्रयास न सिर्फ सीखने के लिए अहितकर, बल्कि अलोकतांत्रिक भी हैं।’ सिंह ने कहा, ‘सही राष्ट्रवाद वहां पाया जाता है जहां छात्रों, नागरिकों को सोचने और खुलकर बोलने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है और उसे दबाया नहीं जाता है। यह सिर्फ रचनात्मक संवाद के जरिए होता है---हम सही मायने में मजबूत, अधिक जोड़ने वाले और सतत लोकतंत्र का अपने देश में निर्माण कर सकते हैं।’ उन्होंने हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला आत्महत्या प्रकरण का परोक्ष तौर पर उल्लेख किया।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नोटबंदी को लेकर विरोध का सिलसिला आज (शुक्रवार) बंगाल वैश्विक व्यापार सम्मेलन के पहले दिन भी जारी रहा। उन्होंने कहा कि राज्य के उद्योग इसकी वजह से परेशानियों का सामना कर रहे हैं। ममता ने आज यहां कहा, ‘राज्य के उद्योग नोटबंदी तथा बैंकिंग प्रणाली में नए नोट डालने की प्रक्रिया की वजह से परेशानी का सामना कर रहे हैं। अर्थव्यवस्था में सुस्ती आ रही है और व्यापारी, किसान और असंगठित क्षेत्र के श्रमिक परेशानियों का सामना कर रहे हैं। इसके बावजूद मैं सभी को राज्य में निवेश के लिए आमंत्रित करती हूं।’ इस सम्मेलन में देश के वरिष्ठ उद्योगपतियों के साथ विदेशी प्रतिनिधि भी भाग ले रहे हैं। ममता ने कहा, ‘हम उद्योग को राहत दे रहे हैं। राज्य के पास अधिशेष बिजली, कौशल और सस्ता श्रम, भूमि बैंक आदि है। राज्य में उद्योग के लिए जमीन की कमी नहीं है।’ बंगाल को पूर्वोत्तर तथा दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के लिए गेटवे बताते हुए ममता ने कहा कि यहां किया गया निवेश इन स्थानों के अलावा पड़ोसी देशों बांग्लादेश, भूटान, नेपाल तथा चीन के कुछ हिस्सों में पहुंचेगा। कार्य संस्कृति में सुधार का जिक्र करते हुए ममता ने कहा कि छह साल पहले उनकी पार्टी के सत्ता में आने के बाद से एक भी श्रम दिवस का नुकसान नहीं हुआ है। पूर्ववर्ती वामदलों की सरकार के समय 78 लाख श्रमदिवसों का नुकसान हुआ था। उन्होंने कहा कि हम हड़ताल या तालाबंदी का समर्थन नहीं करते। हम मुद्दों को 24 घंटे में सुलझाने का प्रयास करते हैं।

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