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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में मकर संक्रांति के मौके पर गंगासागर मेले के दौरान भगदड़ में 6 लोगों के मारे जाने, जबकि 15 अन्‍य के घायल होने की ख़बर है। बताया जा रहा है कि ये भगदड़ यहां के काचुबेरिया इलाके में मेले से लौटती भीड़ के बीच हुई। मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया गया है। बताया जा रहा है कि भगदड़ कचुबेरिया इलाके में जेटी नंबर पांच पर हुई।कोलकाता से 100 किलोमीटर दूर दक्षिण चौबीस परगना जिले में स्थित सागर द्वीप पर हर साल मकर संक्रांति के मौके पर गंगासागर मेले का आयोजन होता है। भगदड़ तब हुई जब लोग बोट पर सवार हो रहे थे। यहां हर साल मकर संक्रांति के दौरान मेला लगता है। इसमें हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं ये यहां गंगा नदी में डुबकी लगाने आते हैं। बताया जा रहा है कि तीर्थयात्री स्टीमर पर चढ़ने के लिए बैरिकेड के पहले कतार में खड़े थे। सभी तीर्थयात्रियों में घर जाने की जल्दबाजी थी। इसी बीच उनका धैर्य टूट गया और वे एक साथ स्टीमर पर चढ़ने के लिए आगे बढ़े। उनमें स्टीमर पर बैठने की होड़ शुरू हो गई, जिसमें बैरिकेड टूट गया और भीड़ अनियंत्रित हो गई। पश्चिम बंगाल के पंचायत मंत्री का कहना है कि नदी में भाटा का समय था। स्टीमर पर बैठने की होड़ की वजह से यह हादसा हुआ। प्रशासन द्वारा गंगासागर मेले को देखते हुए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।

श्रद्धालुओं ने शनिवार तड़के दो बजकर 52 मिनट के बाद से पवित्र स्नान शुरू किया और रविवार सुबह दो बजकर 15 दिन मिनट तक स्नान करने का शुभ समय था, जिसके लिए लाखों की संख्‍या में श्रद्धालु यहां आए हुए थे। राज्य और दक्षिण 24 परगना जिला प्रशासन ने तीर्थयात्रियों की मदद के लिए 9,000 पुलिसकर्मियों और स्वयंसेवकों की तैनाती की थी। प्रशासन ने बताया कि करीबी नजर रखने के लिए 165 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। इससे पहले साल 2010 में गंगासागर मेले में भगदड़ मचने से सात श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 12 घायल हो गए थे। मकर संक्राति के दिन यह भगदड़ उस समय मची थी जब श्रद्धालु स्नान के लिए जाने के वास्ते एक नौका पर चढ़ने का प्रयास कर रहे थे।

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