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मिदनापुर (पश्चिम बंगाल): क्रिकेटर सौरभ गांगुली को ‘धमकी भरा पत्र’ भेजने के आरोप में पुलिस ने पश्चिमी मिदनापुर जिले से आज (शनिवार) एक प्रौढ़ व्यक्ति को गिरफ्तार किया। जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि सौरभ गांगुली की शिकायत पर निर्मल्या सामंत को आज गिरफ्तार किया गया। सौरभ ने शिकायत दी थी कि सात जनवरी को उनके आवास पर एक धमकी भरा पत्र आया जिसमें उन्हें मिदनापुर के विद्यासागर विश्वविद्यालय में 19 जनवरी को होने वाले कार्यक्रम में भाग नहीं लेने को कहा गया था। सौरभ की मां के नाम से आए गुमनाम पत्र में लिखा था, ‘आपके पुत्र को कार्यक्रम में भाग लेने के खिलाफ चेतावनी दी जाती है। यदि वह चेतावनी को नजरअंदाज करता है और यहां आता है, तो आप फिर से उसका चेहरा नहीं देख सकेंगी।’ क्रिकेटर ने इसकी शिकायत कोलकाता पुलिस से की थी। उसने इसकी सूचना मिदनापुर पुलिस के साथ साझा किया था। अधिकारी का कहना है कि पूछताछ में निर्मल्या ने कहा कि पांच जनवरी को एक चाय की दुकान पर कुछ लोगों सौरभ गांगुली को पत्र लिखने के लिए उकसाया था।
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कोलकाता: पुलिस द्वारा अनुमति देने से इंकार करने के बाद कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार को आरएसएस को यहां कुछ शर्तों के साथ एक कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति दी। इस कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल होंगे। न्यायमूर्ति जायमाल्यो बागची ने कहा कि दोपहर दो बजे से शाम छह बजे तक प्रस्तावित कार्यक्रम शहर के बीचोंबीच ब्रिगेड परेड ग्राउंड में आयोजित हो सकता है। इसके लिए शर्तों में कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों की संख्या चार हजार सीमित रखना शामिल है। कोलकाता पुलिस ने आयोजकों को पिछले स्थल भूकैलाश पार्क और बिग्रेड परेड ग्राउंड दोनों में कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति नहीं दी थी। न्यायमूर्ति बागची ने कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति के लिए आरएसएस के आवेदन के संबंध में पिछले आदेश का पालन नहीं करने पर कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार पर नाखुशी जताते हुए उनके खिलाफ स्वत: संज्ञान अवमानना नोटिस भी जारी किया। याचिकाकर्ताओं ने अदालत के सामने पुलिस के इंकार को चुनौती देते हुए कहा कि मकर संक्रान्ति उत्सव एक वार्षिक कार्यक्रम है और यह एक विशेष तारीख पर आयोजित होता है तथा इसे महाधिवक्ता जयंत मि़त्रा के सुझाव के अनुसार स्थगित नहीं किया जा सकता। याचिकाकर्ताओं की तरफ से वकील अनिंध्या मित्रा ने कहा कि आयोजकों ने सेना से अनुमति पहले ही ले ली है जो ब्रिगेड परेड ग्राउंड के मैदान क्षेत्र की देखरेख करती है।
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कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद कुणाल घोष से सीबीआई ने यहां सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित अपने कार्यालय में 12 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। सीबीआई सूत्रों ने बताया कि सांसद से सारदा चिटफंड घोटाला में उनकी कथित संलिप्तता पर अधिक सूचना के बारे में पूछताछ की जा रही थी। घोष को इससे पहले घोटाले में उनकी संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें बाद में शहर की एक अदालत ने जमानत दे दी थी। घोष के एक पारिवारिक मित्र ने बताया कि राज्यसभा सदस्य ने अपने परिवार के सदस्यों को सूचित किया था कि वह अपराह्न तीन बजे तक सीजीओ कॉम्प्लेक्स से बाहर आ जाएंगे लेकिन एजेंसी के अधिकारी रात 11 बजकर 55 मिनट तक उनसे पूछताछ कर रहे थे। घोष के एक पारिवारिक मित्र ने बताया, ‘हमें कुछ भी पता नहीं है कि वह कब बाहर आएंगे।’ घोष ने पिछले सप्ताह निजी कारणों का हवाला देते हुए टेलीफोन परामर्श समिति (टीएसी) की सदस्यता ठुकरा दी थी।
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कोलकाता: यहाँ की एक मस्जिद के इमाम ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर नोटबंदी के जरिये लोगों को बेवकूफ बनाने का आरोप लगाते हुए फतवा जारी कर दिया। भाजपा में इस फतवे को लेकर आक्रोश है और इमाम की गिरफ्तारी की मांग तेज हो गई है। कोलकाता की टीपू सुल्तान मस्जिद के शाही इमाम सैयद मोहम्मद नुरूर रहमान बरकती ने कहा, ‘नोटबंदी के कारण हर रोज लोगों को प्रताड़ित होना पड़ रहा है और समस्याएं झेलनी पड़ रही हैं। मोदी नोटबंदी के नाम पर समाज और देश की भोली-भाली जनता को बेवकूफ बना रहे हैं। अब कोई उन्हें प्रधानमंत्री बनाना नहीं चाहता।’ उन्होंने यह बात ऑल इंडिया मजलिस-ए-सुरा और ऑल इंडिया मायनॉरिटी फोरम के संयुक्त सम्मेलन में कही। इमाम के इस फतवे की निंदा करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थ नाथ सिंह ने दिल्ली में कहा, ‘हम ममता बनर्जी से मांग करते हैं कि इमाम को तत्काल गिरफ्तार किया जाए। हमारे प्रधानमंत्री के खिलाफ यह फतवा अत्यंत निंदनीय है। वह जब फतवा जारी कर रहे थे तो तृणमूल के सांसद इदरीस अली भी उनके साथ बैठे हुए थे।’ इमाम के खिलाफ कार्रवाई नहीं तो होगा विरोध प्रदर्शन सिंह ने कहा कि यदि राज्य सरकार इमाम के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती है तो विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। यह कोई भाजपा और तृणमूल का मसला नहीं है। यह एक ऐसे धार्मिक नेता द्वारा प्रधानमंत्री का अपमान किया जाना है जिन्हें मुख्यमंत्री का करीबी माना जाता है।
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