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नई दिल्ली/दार्जीलिंग: केंद्र सरकार ने हिंसा प्रभावित दार्जीलिंग में स्थिति सामान्य करने में पश्चिम बंगाल सरकार की मदद के लिए मंगलवार को अर्द्धसैनिक बलों के 600 जवानों को भेजा, जहां जीजेएम दवारा आहूत अनिश्चतकालीन बंद के दूसरे दिन पथराव की घटनाएं सामने आईं।केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से इस पर्वतीय जिले में मौजूदा हालात पर विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि दार्जीलिंग भेजे गये जवानों में 200 महिलाएं भी शामिल हैं। पश्चिम बंगाल में पहले से ही मौजूद करीब 400 जवानों को भी अतिरिक्त बलों के साथ पहाड़ी क्षेत्र में तैनात किया गया है। गृह मंत्रालय ने कहा कि वह दार्जीलिंग के हालात पर करीब से नजर रख रहा है और राज्य सरकार को यहां स्थिति सामान्य करने के लिए हरसंभव सहायता देने को तैयार है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में राज्य सचिवालय में संवाददाताओं से कहा कि पर्वतीय जिले में स्थिति शांतिपूर्ण है। हालांकि उन्होंने कहा कि केंद्र ने दार्जीलिंग के हालात पर राज्य सरकार से कोई रिपोर्ट नहीं मांगी है। दार्जीलिंग में अनिश्चितकालीन बंद के दूसरे दिन गोरखालैंड समर्थकों को कई सरकारी कार्यालयों में बंद आहूत किए जाने से रोका गया, जिसके बाद उन्होंने कई इलाकों में पुलिस पर पथराव किया।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि वह गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) की 'धमकियों' से नहीं डरेंगी। उन्होंने कहा कि जीजेएम हिंसा उकसाने के बाद भाग जाएगा। ममता ने कहा, "मैं धमकियों के आगे झुकने वाली नहीं हूं। अगर मुझे धमकाया जाता है, तो मुझे पता है कि कैसे काम किया जाता है। क्या आपने नहीं देखा है कि कैसे उन्होंने (जीजेएम ने) मुझे दार्जिलिंग में डराने की कोशिश की। उन्होंने कहा था कि वे मुझे पहाड़ी क्षेत्र में पहुंचने नहीं देंगे लेकिन मैं वहां गई, बैठकें की और शांति बनाई।" दक्षिण 24 परगना जिले में एक सार्वजनिक सभा में ममता ने कहा, "वे दो दिन बम फेंकेंगे और आप देखेंगे कि फिर भाग जाएंगे। लोग वहीं रहेंगे। पहाड़ी क्षेत्र के लोग बहुत अच्छे हैं। गुंडे कभी भी देश की संपत्ति नहीं हो सकते।" जीजेएम ने उत्तरी पश्चिम बंगाल पहाड़ी क्षेत्र में एक अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर बंद का आह्वान किया है, जो सोमवार से शुरू हुआ है। तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने भांगर में निर्दोष गांव वालों से जमीन कम कीमत में बेचने की धोखाधड़ी करने के लिए रियल एस्टेट डेवलपर्स के एक वर्ग को फटकार भी लगाई। भांगर का राजनीतिक हिंसा का इतिहास रहा है। राज्य सरकार द्वारा पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पीजीसीआईएल) के लिए यहां 16 एकड़ खेती की जमीन के 'जबरदस्ती अधिग्रहण' को लेकर इस साल के शुरू में हिंसा हो चुकी है।

कोलकाता: पृथक गोरखालैंड की मांग को लेकर गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के आह्वान पर सरकारी कार्यालयों का बंद आज (सोमवार) सुबह आरंभ हुआ। इस बीच आगजनी में शामिल होने के मामले में जीजेएम के आठ संदिग्ध कार्यकर्ताओं को गिरफतार किया गया है। दार्जिलिंग में कड़ी सुरक्षा के बीच बंद आरंभ हुआ। हालांकि बंद से होटलों और परिवहन को छूट दी गई थी, कई होटल बंद रहे और सड़कों पर बहुत कम वाहन दिखाई दिए। इस बंद में स्कूलों एवं कॉलेजों को भी शामिल नहीं किया गया है। राज्य पुलिस के सूत्रों ने बताया कि बीजनबाड़ी ब्लॉक के फूलबाजार स्थित बीडीओ कार्यालय में आग लगाने की कोशिश करने के संबंध में जीऐएम से कथित रूप से जुड़े करीब आठ लोगों को आज सुबह हिरासत में लिया गया। पुलिस ने बताया, सरकारी कार्यालयों और गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन कार्यालयों के पास अवरोधक लगाए गए हैं और पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। बड़ी संख्या में महिला पुलिस कमर्यिों को तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि बैकअप के तौर पर सेना भी मौजूद है। डीएम ने कहा कि प्रशासन इस बात का ध्यान रखेगा कि किसी पर्यटक को कोई परेशानी नहीं हो। जीऐएम अध्यक्ष बिमल गुरंग ने पर्यटकों से अप्रिय घटनाएं होने की आशंका से चलते शहर से जाने को कहा है। संपर्क करने पर जीजेएम महासचिव रोशन गिरि ने कहा कि पार्टी लोगों से बंद में शामिल होने और कार्यालय नहीं जाने की अपील करेगी।

दार्जिलिंग (पश्चिम बंगाल): गोरखालैंड आंदोलन के पुनरद्धार के लिये प्रभावशाली गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) की ओर से बुलाये गये 12 घंटे के बंद के एक दिन बाद यहां का जनजीवन फिर से सामान्य हो रहा है। लोग अपने रोजमर्रा के काम पर लौट रहे हैं और नियमित रूप से आज (शनिवार) यहां के होटल, दुकानें, खाने-पीने की दुकानें और बाजार खुले रहे। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा समर्थकों और पुलिस के बीच बृहस्पतिवार को हुयी हिंसा के बाद, जीजेएम युवा मार्चा ने कल पहाड़ी क्षेत्र के विद्यालयों में बांग्ला भाषा अनिवार्य किये जाने और अलग गोरखालैंड के विरोध समेत अन्य मुद्दांे पर बंद का आह्वान किया था। परिवहन की सुविधा शुर होने के बाद दार्जिलिंग में धीरे धीरे पर्यटकों का आना फिर से शुरू हो गया है। हालांकि अनेक होटल मालिकों ने बताया कि उनके पास बुकिंग रद्द करने के लिये अनेक पर्यटकों के फोन आ रहे हैं। माल इलाके के करीब एक होटल के प्रबंधक शिबशंकर मजूमदार ने बताया, ‘‘पर्यटकों के लिहाज से यह सबसे अच्छा समय है और हमने यहां पर्यटकों के आने की कमी देखी है, यदि पर्यटकों के आने में कमी बनी रहती है, तो हमारा कारोबार डूब जाएगा, क्योंकि आजीविका के लिये हम पर्यटकों के इसी मौसम पर निर्भर हैं।’’

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