दार्जिलिंग: पश्चिम बंगाल में गुरुवार को गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हुई झड़पों ने हिंसक रूप ले लिया। प्रदर्शनकारियों ने कुछ गाड़ियों में आग भी लगा दी। बाद में स्थिति से निपटने के लिए सेना की दो टुकड़ियां तैनात की गई। वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि जीजेएम के पास कोई मुद्दा नहीं है। वहीं जीजेएम ने तृणमूल कांग्रेस पर अपनी फूट डालो राज करो की नीति के तहत दार्जिलिंग की शांतिभंग करने की कोशिश का आरोप लगाया। जीजेएम ने 9 जून को 12 घंटे के बंद का आह्वान किया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कोलकाता से बाहर दार्जिलिंग में पहली कैबिनेट बैठक के दौरान हुई इस झड़प में एक पुलिस उपाधीक्षक समेत 10 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए। हिंसक प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के चार वाहनों में आग भी लगा दी। सेना के सूत्रों ने दिल्ली में बताया कि राज्य सरकार ने स्थिति से निपटने के लिए सेना भेजने का अनुरोध किया था इसके बाद वहां सेना की दो टुकड़ियां भेजी गई हैं। उल्लेखनीय है कि सैकड़ों जीजेएम कार्यकर्ताओं ने पुलिस बैरिकेड तोड़कर बैठक स्थल राजभवन की ओर बढ़ने का प्रयास किया। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उन्होंने पुलिस पर पथराव किया। प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा। बाद में उग्र प्रदर्शनकारियों पर पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े।
प्रदर्शनकारी स्कूलों में बांग्ला भाषा लागू किये जाने का विरोध समेत कई मुद्दों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जीजेएम के प्रदर्शन पर कहा, उनके पास लोकतांत्रिक अधिकार है। उन्हें ऐसा करने दीजिए। उनके पास कोई मुद्दा नहीं है। विकास के लिए प्रतिस्पर्धा होने दीजिए। जीजेएम महासचिव रोशन गिरि ने कहा, टीएमसी व्यवस्थित तरीके से पुलिस और अपने गुंडों का इस्तेमाल कर पहाड़ों पर शांति भंग कर रही है।