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दार्जिलिंग: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को यहां मॉल रोड पर चहलकदमी की और यहां फंसे हजारों पर्यटकों की कुशलता तथा उन्हें बाहर निकालने के लिए किए गए परिवहन के इंतजामों का जायजा लिया। गोरखालैंड कार्यकर्ताओं द्वारा हिंसा तथा आगजनी के बाद ममता ने दार्जिलिंग में अपने प्रवास की अवधि बढ़ा दी है। तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने गोरखा जनमुक्ति मोर्चा द्वारा किए गए हंगामे तथा बंद को 'समृद्धि की देवी को दुख पहुंचाना' करार दिया, क्योंकि पहाड़ी इलाके की आजीविका का मूल आधार पर्यटन है। गुरुवार को हुई हिंसा के बाद 45,000 पर्यटक फंस गए, जिनमें से 15,000 लोग दार्जिलिंग में, जबकि 30,000 लोग अन्य पहाड़ी हिस्सों में फंसे हुए हैं। ममता ने कहा, "पर्यटक दार्जिलिंग के लिए देवी लक्ष्मी समान हैं। इस तरह तोड़फोड़ कर वे दार्जिलिंग की लक्ष्मी को दूर कर रहे हैं। मुझे समझ में नहीं आता कि वे किस तरह के आंदोलन में लिप्त हैं।" जीजेएम ने 'अपने शांतिपूर्ण प्रदर्शन के खिलाफ भेदभावपूर्ण पुलिस कार्रवाई' के विरोध में उत्तरी बंगाल के पहाड़ी इलाकों में 12 घंटों के बंद का आह्वान किया है, जिनमें दार्जिलिंग व कलिमपोंग जिला तथा मिरिक प्रमंडल शामिल हैं। अपने अधिकारियों के साथ दार्जिलिंग के मॉल रोड पर चहलकदमी करते हुए उन्होंने फंसे पर्यटकों के लिए परिवहन व्यवस्था का जायजा लिया और कभी-कभी रुक कर परेशान पर्यटकों की शिकायतें सुनीं और उन्हें चिंता नहीं करने को कहा।

उन्होंने कुछ पर्यटकों को सलाह दी, "कृपया तेनजिंग नॉर्गे बस अड्डा पहुंचिए. वहां से 8-10 बसें सिलिगुड़ी जा रही हैं। हमने सिलिगुड़ी से कोलकाता के लिए मुफ्त में बसों की व्यवस्था की है। आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है।" ममता ने कहा, "राज्य सरकार उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है। केवल बंगाल ही नहीं राजस्थान, उत्तर प्रदेश, ओडिशा तथा यहां तक कि विदेशों से भी यहां पर्यटक आते हैं। हम सबकी मदद करेंगे।" घाटी में हिंसा फैलाने के प्रयास के लिए जीजेएम के प्रमुख बिमल गुरुंग पर कटाक्ष करते हुए ममता ने स्थानीय लोगों को पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया और उनसे गुरुंग की विचारधारा का समर्थन न करने की अपील की। उन्होंने कहा, "हम दार्जिलिंग के भाइयों व बहनों के साथ हैं। हम उनका पूर्ण समर्थन करेंगे और उनसे बिमल गुरुंग की विचारधारा का समर्थन नहीं करने को कहेंगे।" ममता ने गुरुवार को यहां मंत्रिमंडल की बैठक की. 45 वर्षों के इतिहास में पहली बार इस पहाड़ी जिले में मंत्रिमंडल की बैठक हुई है। बैठक के बाद क्षेत्र के गंभीर हालात तथा पर्यटकों के फंसे होने को लेकर ममता तथा दो मंत्री दार्जिलिंग में ही ठहरे हुए हैं।

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