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कोलकाता: मध्य कोलकाता में गुरुवार (25 मई) को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के दौरान जबर्दस्त हंगामा हुआ। झड़प में बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता व पुलिस कर्मी घायल हुए हैं। पुलिस के एक वाहन में आग लगा दी गई। मध्य कोलकाता पूरी तरह से एक युद्ध का मैदान जैसा लगने लगा। पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर पानी की बौछारों व आंसू गैस के गोले छोड़े व लाठीचार्ज किया। भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर ईंट-पत्थर की बौछार कर दी। भाजपा कार्यकर्ताओं ने शहर पुलिस मुख्यालय लालबाजार की तरफ बढ़ने की कोशिश में बैरीकेड तोड़ दिए। कार्यकर्ताओं द्वारा बैरीकेड तोड़ने के बाद पुलिस ने वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय, राज्य भाजपा प्रमुख दिलीप घोष, पार्टी सांसद रूपा गांगुली व कोलकाता की पूर्व उप महापौर मीना देवी पुरोहित को गिरफ्तार कर लिया गया। इन नेताओं की अगुवाई में कार्यकर्ता लालबाजार की तरफ बढ़ रहे थे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया। अभिनेत्री से भाजपा नेता बनी रूपा गांगुली पुलिस कर्मियों के साथ हाथापाई व धक्का-मुक्की के बाद बीमार पड़ गईं। पुलिस की भाजपा कार्यकर्ताओं से भी झड़प हुई। अभिनेत्री से कार्यकर्ता बनीं लॉकेट चटर्जी की भी तबियत खराब होने के कारण उन्हें इलाज के लिए कोलकाता मेडिकल कॉलेज ले जाया गया।

लालबाजार के पास बी. बी. गांगुली मार्ग पर एक पुलिस वाहन को आग लगा दी गई व एक अन्य सरकारी वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया गया. बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी भी विरोध प्रदर्शन में घायल हो गए. ऐसे आरोप हैं कि कार्यकर्ताओं के बम फेंकने से पुलिसकर्मी घायल हुए। लेकिन, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने इससे इनकार किया। सिन्हा ने कहा, "पुलिस यह कह कर सभी को गुमराह करने की कोशिश में रही है कि उस पर बम फेंके गए, लेकिन वास्तव में यह आंसू गैस के गोलों की आवाज थी, जो पुलिस द्वारा छोड़े गए।" सिन्हा को भी गिरफ्तार किया गया है, उन्हें भी चोट लगी है। भाजपा कार्यकर्ता 'भारत माता की जय', 'जय श्री राम' व 'वंदे मातरम' के नारे लगा रहे थे। कार्यकर्ता तीन जगहों पर, मध्य कोलकाता में धर्मताल वाई चैनल, हावड़ा स्टेशन व शहर के उत्तरी भाग में कॉलेज स्कवॉयर पर बड़ी संख्या में जमा हुए, जहां से यह रैली दोपहर बाद एक बजे शुरू हुई। दिलीप घोष हावड़ा से बड़े जुलूस की अगुवाई कर रहे थे। उन्हें पुलिस ने ब्राबोर्न रोड से गिरफ्तार किया। पुलिस ने यहां भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें, डंडे व आंसू गैल का इस्तेमाल किया। हालांकि, जुलूस के औपचारिक तौर पर शुरू होने से पहले ही भाजपा के कार्यकर्ताओं के एक समूह ने एक निजी बस से अचानक लालबाजार पहुंचकर पुलिस को चौंका दिया। भाजपा के करीब 20 कार्यकर्ता नादिया जिले के हरिंगघटा से एक निजी बस से बिपिन बिहारी गांगुली सड़क पार कर शहर के पुलिस मुख्यालय लाल बाजार पहुंच गए। हालांकि, वहां तैनात पुलिस कर्मियों ने उन्हें तुरंत रोका और हिरासत में ले लिया। भाजपा के राज्य उपाध्यक्ष जय प्रकाश मजूमदार ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य प्रशासन पर अपना नियंत्रण खो दिया है और दावा किया कि वास्तव में सरकार पुलिस द्वारा चलाई जा रही है। मजूमदार ने कहा, "ममता बनर्जी का कानून व व्यवस्था पर कोई नियंत्रण नहीं है। कुछ वरिष्ठ पुलिस व आईएएस अधिकारी इस सरकार को चला रहे हैं और ममता बिना किसी शक्ति के शासन में हैं।" उन्होंने कहा, "यह सरकार नहीं जानती कि एक लोकतांत्रिक आंदोलन को कैसे नियंत्रित किया जाता है।" मध्य कोलकाता में स्थित लाल बाजार सुबह से ही एक किले में तब्दील हो गया था. भाजपा की रैली को रोकने के लिए फेअर्स लेन, टी बोर्ड ऑफ इंडिया कार्यालय व बेंटिंक स्ट्रीट के जोड़ने वाले तीन प्रमुख रास्तों पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए बैरिकेड्स, गार्ड रेल व करीब 200 सशस्त्र कर्मियों सहित प्रतिरोधी बलों, रैपिड एक्शन फोर्स और कमांडों को तैनात किया गया था। यह विरोध वामपंथी किसान यूनियन के 'नभाना (राज्य सचिवालय) मार्च' के तीन दिन बाद हो रहा है। वामपंथी मार्च में करीब 200 लोग घायल हो गए थे।

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