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नई दिल्ली: पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा पर राज्य सरकार की ओर से भेजी गई रिपोर्ट को अपर्याप्त बताते केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बंगाल सरकार से दूसरी विस्तृत रिपोर्ट भेजने को कहा है। अधिकारी के मुताबिक बुधवार को राज्य में कई बूथों पर पुनर्मतदान हुआ और इस दौरान भी जमकर हिंसा हुई। मंत्रालय ने इसके बाद ही राज्य सरकार को दूसरी रिपोर्ट भेजने के लिए कहा है।

गौरतलब है कि इससे पहले सोमवार (14 मई) को पंचायत चुनाव के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी, जिसमें एक दर्जन से अधिक लोग मारे गए थे। इसके बाद गृह मंत्रालय ने ममता बनर्जी सरकार से रिपोर्ट मांगी थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बंगाल सरकार से हिंसा के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों और शांति बहाली के लिए उठाए गए उपायों के बारे में जानकारी देने के लिए कहा है। बंगाल चुनाव में भारी सुरक्षा तैनाती के बावजूद राज्य भर में हिंसा हुई। पंचायत चुनाव के दौरान राज्य भर में 60,000 से अधिक सुरक्षा बलों के जवानों को तैनात किया गया है।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के पुनर्मतदान के बीच गोलपोखर जिले के उत्तर दिनापुर में बूथ नंबर- बूथ नंबर- 36/37 पर रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) और पुलिस ने लोगों पर लाठी चार्ज किया। पुलिस की तरफ से यह लाठी चार्ज भीड़ को नियंत्रित करने के लिए किया गया। समूचे पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) को जिन 568 मतदान केन्द्रों पर हिंसा की शिकायतें मिली थीं, वहां आज कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच फिर से मतदान कराये जा रहे हैं।

राज्य निर्वाचन आयोग ने बताया कि जिन मतदान केन्द्रों पर पुनर्मतदान हो रहे हैं वे राज्य के सभी 20 जिलों में स्थित हैं। राज्य में सोमवार को पंचायत चुनाव हुए थे। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार और पुलिस को व्यापक सुरक्षा इंतजाम करने के लिये कहा गया है ताकि पुनर्मतदान मुक्त एवं निष्पक्ष तरीके से हो। आयोग के अधिकारियों ने बताया, पुनर्मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ और यह शाम पांच बजे खत्म हो जायेगा। मतगणना कल (17 मई ) होगी।

नई दिल्ली: पश्चिम बगांल में पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा के मामले में कोलकाता हाईकोर्ट मुख्य न्यायाधीश ने कोर्टरूम में हिंसा की लाइव फुटेज देखने के बाद इलेक्शन कमिश्नर और गृह सचिव को समन जारी किया है। वहीं इस मामले में केंद्र सरकार ने राज्य की ममता बनर्जी सरकार से रिपोर्ट मांगी है। बता दें कि सोमवार (14 मई) को राज्य में शाम 5 बजे तक संपन्न हुए पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा में अब तक 11 लोगों के मारे जाने की खबर है। पश्चिम बंगाल हिंसा को लेकर केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा है कि सीएम ममता बनर्जी पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा पर चुप क्यों है?

हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कोर्ट रूम में देखी लाइव तस्वीरें

बार काउंसिल के सदस्य सुप्रदीप राय ने कोलकाता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ज्योतिर्मय भट्टाचार्य को राज्य में पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा की जानकारी दी थी। इसके साथ उन्होंने मुख्य न्यायाधीश से इस हिंसा की लाइव तस्वीरें देखने का भी अनुरोध किया था। इस पर जज साहब सहमत हुए और उन्होंने कोर्ट रूम में ही मोबाइल पर हिंसा की तस्वीरें देखीं।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में सोमवार को पंचायत चुनाव के दौरान व्यापक हिंसा होने से करीब 13 लोग मारे गये हैं, जबकि 43 अन्य घायल हुए हैं। इस हिंसा के बीच राज्य में 73 प्रतिशत मतदान हुआ है। पंचायत चुनाव में व्यापक सुरक्षा इंतजाम किये जाने तथा पश्चिम बंगाल और पड़ोसी राज्यों से 60000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किये जाने के बावजूद उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, पूर्वी मिदनापुर, बर्दवान, नदिया, मुर्शिदाबाद और दक्षिणी दिनाजपुर जिलों में हिंसक झड़प हुई। कई जगह पर हिंसा के दौरान मतदान केंद्रों को निशाना बनाया गया। तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई। कई मतदान केंद्रों के समीप देशी बम भी फेंके गये।

राज्य चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि शाम पांच बजे तक 73 फीसद मतदान हुआ और बाद में भी कई मतदाता कतार में थे। मतदान शाम पांच बजे तक था। विपक्षी दलों ने सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस पर आतंक का राज कायम करने और लोकतंत्र को नष्ट करने का आरोप लगाया। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, 'पहले तो, उन्होंने लोगों को नामांकन पत्र दाखिल नहीं करने दिया। फिर, नामांकन के बाद तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवारों को नाम वापस लेने के लिए धमकी देने लगी। जिन लोगों ने नाम वापस नहीं लिया, उन पर हमला किया गया। यह कुछ नहीं बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को पूरी तरह नष्ट करना है।'

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