नई दिल्ली: पश्चिम बगांल में पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा के मामले में कोलकाता हाईकोर्ट मुख्य न्यायाधीश ने कोर्टरूम में हिंसा की लाइव फुटेज देखने के बाद इलेक्शन कमिश्नर और गृह सचिव को समन जारी किया है। वहीं इस मामले में केंद्र सरकार ने राज्य की ममता बनर्जी सरकार से रिपोर्ट मांगी है। बता दें कि सोमवार (14 मई) को राज्य में शाम 5 बजे तक संपन्न हुए पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा में अब तक 11 लोगों के मारे जाने की खबर है। पश्चिम बंगाल हिंसा को लेकर केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा है कि सीएम ममता बनर्जी पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा पर चुप क्यों है?
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कोर्ट रूम में देखी लाइव तस्वीरें
बार काउंसिल के सदस्य सुप्रदीप राय ने कोलकाता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ज्योतिर्मय भट्टाचार्य को राज्य में पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा की जानकारी दी थी। इसके साथ उन्होंने मुख्य न्यायाधीश से इस हिंसा की लाइव तस्वीरें देखने का भी अनुरोध किया था। इस पर जज साहब सहमत हुए और उन्होंने कोर्ट रूम में ही मोबाइल पर हिंसा की तस्वीरें देखीं।
इसके बाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने पश्चिम बंगाल के गृह सचिव और चुनाव आयुक्त को समन जारी कर इस मामले में रिपोर्ट फाइल करने को कहा। इसके साथ ही जज ने यह भी कहा कि यदि कोई अन्य वकील भी इस मामले में नया केस फाइल करना चाहता है तो वह भी कर सकता है।
गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से मांग रिपोर्ट
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार से हिंसा को जन्म देने वाली परस्थितियों तथा शांति बहाल करने तथा हिंसा में शामिल लोगों को दंडित करने के लिए उठाये गये कदमों की विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा गया है। पश्चिम बंगाल में व्यापक सुरक्षा इंतजाम के बावजूद सोमवार को पंचायत चुनाव में जबर्दस्त हिंसा हुई जिससे 6 लोग मारे गये तथा 43 घायल हो गए। उत्तरी और दक्षिण 24 पगरना , नदिया , मुर्शिदाबाद और दक्षिण दिनाजपुर जिलों समेत राज्य के कई हिस्सों में सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी दलों के समर्थकों के बीच झड़प हुई।
पश्चिम बंगाल और पड़ोसी राज्यों से 60,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी पंचायत चुनाव में तैनात किये गये थे। तृणमूल कांग्रेस ने जहां इस हिंसा पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे मामूल घटना बताया तो भाजपा ने पश्चिम बंगाल में तुरंत राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। सीपीएम ने इस चुनावी हिंसा के लिए टीएमसी को जिम्मेदार ठहराया। इस चुनावी हिंसा की चपेट में चुनाव कवर कर रहे स्थानीय पत्रकार भी आ गए. करीब पांच पत्रकार हिंसा में घायल हुए। पत्रकारों के अनुसार, टीएमसी कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला बाेला और उन्हें बुरी तरह पीटा।
बाबुल सुप्रियो ने कहा, हमें ये पहले से पता था
पश्चिम बंगाल में आसनसोल से सांसद और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने इस चुनावी हिंसा पर गुस्सा जाहिर करते हुए कहा, सुबह से जो हो रहा है, उसे देखकर हम कतई आश्चर्यचकित नहीं हैं। बंगाल सरकार एक बेशर्म सरकार है। आप उनसे किसी भी तरह के नियमों के पालन की उम्मीद नहीं कर सकते। मैं मांग करता हूं कि राज्य में तुरंत राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।