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संभल हिंसा: सपा सांसद बर्क और पार्टी विधायक के बेटे पर मुकदमा

मुंबई: महाराष्ट्र में जारी सियायी उथल-पुथल के बीच उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व कर रहे एकनाथ शिंदे ने 40 विधायकों के समर्थन का दावा किया है, लेकिन इसे पार्टी नेता संजय राउत ने चुनौती दी है। पार्टी नेता ने दावा किया है कि शिंदे के पाले में गए 40 में से कम से कम आधे विधायक वापस आने के लिए "संपर्क में" हैं।

गुवाहाटी में लगभग 42 विधायकों के साथ डेरा डाले हुए एकनाथ शिंदे ने एक विधायक के पत्र को ट्वीट कर शिवसेना नेतृत्व पर पार्टी नेताओं के लिए "गैरमौजूद" होने का आरोप लगाया, पत्र में कहा गया है, "मुख्यमंत्री के दरवाजे हमारे लिए 2.5 साल से बंद थे, जबकि एकनाथ शिंदे हमेशा हमारे लिए थे।" इधर, सियासी संकट के बीच उद्धव ठाकरे द्वारा बुलाई बैठक में केवल 13 विधायक ही शामिल हुए, जिससे तस्वीर साफ हो गई है।

आज सुबह, शिवसेना के तीन विधायक- दीपक केसकर (सावंतवाड़ी से विधायक), मंगेश कुडलकर (चेंबूर) और सदा सर्वंकर (दादर) ने असम के लिए उड़ान भरी, जहां बागी विधायक डेरा डाले हुए हैं।

मुंबई: महाराष्ट्र कैबिनेट मंत्री व शिवसेना नेता एकनाथ के पार्टी से बगावत के बाद राज्य की राजनीति अस्थिर हो गई है। महाविकास अघाड़ी सरकार के गिरने की स्थिति बन गई है। गठबंधन में शामिल तीनों पार्टियां सरकार को किसी भी तरह बचा लेने की कवायद में लगी हुई है। इसी के तहत बुधवार की शाम सीएम उद्धव ठाकरे फेसबुक लाइव आए। सारे पद छोड़ने की पेशकश की और फिर देर शाम सीएम आवास 'वर्षा' छोड़कर पारिवारिक आवास मातोश्री चले गए। इधर, इन्ही सियासी गतिविधियों के बीच पार्टी की ओर से बागी नेताओं को चेतावनी दी गई है कि वो समय रहते संभल जाएं और भाजपा की चालों में ना फंस कर समझदारी की पहचान दें।

पार्टी मुखपत्र सामना में कहा गया है, "महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रमों का अंत क्या होगा ये कोई भी नहीं कह सकता है। उस पर से हमारे राज्यपाल कोरोना से ग्रस्त हो गए हैं। इसलिए राज्य के विपक्षियों का राजभवन में आना-जाना भी थोड़ा थम गया है। राजनीति में सब कुछ अस्थिर होता है और बहुमत उससे भी चंचल होता है।

मुंबई: महाराष्ट्र में मचे राजनीतिक घमासान के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा सरकारी आवास खाली कर दिया है। खुद उद्धव ने बुधवार को फेसबुक लाइव में इस बात की घोषणा की थी अगर उनकी पार्टी का एक एक भी विधायक उनके खिलाफ है तो वे सीएम पद से इस्तीफा देने को तैयार हैं। उन्होंने कहा था कि वे मुख्यमंत्री का सरकारी आवास 'वर्षा' भी खाली करने को तैयार हैं।

आज शाम को उद्धव ने मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास खाली कर दिया है और वे अपने घर मातोश्री चले गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उद्धव मातोश्री से ही सीएम का कामकाज करेंगे। हालांकि उन्होंने अभी सीएम पद से इस्तीफा नहीं दिया है। कुछ तीस्वीरें सामने आई हैं, जिनमें देखा जा सकता है कि सीएम उद्धव का सामान वर्षा बंगले से मातोश्री ले जाया जा रहा है। महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे अपनी मां रश्मि ठाकरे और भाई तेजस ठाकरे के साथ मुंबई में अपने आधिकारिक आवास से निकलकर मातोश्री चले गए हैं।

इससे पहले ठाकरे ने एक वर्चुअल संबोधन में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी।

मुंबई: महाराष्‍ट्र में सियासी संकट के बीच बागी शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने फिर कहा है कि शिवसेना के लिए कांग्रेस और एनसीपी का साथ छोड़ना जरूरी है। शिदे ने मराठी भाषा में किए ट्वीट में लिखा, "पिछले ढाई साल में महा विकास आघाडी में फायदा दूसरे दलों को हुआ है और शिवसेना को केवल नुकसान हुआ है। दूसरे दल जहां मजबूत होते गए तो वहीं शिवसेना की ताकत कम होती चली गई।" उन्‍होंने कहा कि पार्टी और शिवसैनिकों को टिकाए रखने के लिए अनैसर्गिक गठबंधन से बाहर निकलना ज़रूरी है। महाराष्ट्र के हित के लिए यह फैसला लेना बेहद जरूरी है। सीएम उद्धव के फेसबुक के जरिये संबोधन के बाद शिंदे की ओर से यह प्रतिक्रिया आई है।

गौरतलब है कि महाराष्‍ट्र में सियासी संकट गहराने के बीच एकनाथ शिंदे ने अपने 'धड़े' को वास्‍तविक शिवसेना करार दिया है और 46 विधायकों के समर्थन का दावा किया है। शिंदे के समर्थक विधायकों ने राज्‍यपाल और महाराष्‍ट्र विधानसभा के डिप्‍टी स्‍पीकर का पत्र लिखकर आग्रह किया है कि एकनाथ शिंदे, जिन्‍हें शिवसेना ने वर्ष 2019 में विधायक दल का नेता नियुक्‍त किया था, इस पद पर बने रहेंगे।

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