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मुंबई/गुवाहाटी: शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, राज्य के गृह मंत्री और डीजीपी को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि 38 विधायकों के परिवारों के सदस्यों की सुरक्षा को दुर्भावनापूर्ण रूप से वापस लिया गया है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि अगर उनके परिवारों को कुछ होता है, तो उसके लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, शरद पवार, संजय राऊत और आदित्य ठाकरे जिम्मेदार होंगे।

शिंदे ने 38 बागी विधायकों के हस्ताक्षर वाली चिट्ठी में सुरक्षा हटाए जाने के बाद पंजाब में विधायकों और नेताओं की सुरक्षा हटाए जाने के बाद क्या हुआ था, इसका भी जिक्र किया है। पत्र में ये भी आरोप लगाया गया है कि एमवीए सरकार के विभिन्न नेता अपने-अपने दलों के कार्यकर्ताओं को हिंसा करने के लिए उकसा रहे हैं। मराठी में लिखे गए पांच पन्ने की चिट्ठी में विधायकों ने साफ तौर पर लिखा है कि हम वर्तमान विधायक हैं, तथापि, हमारे आवास पर और साथ ही हमारे परिवार के सदस्यों को प्रोटोकॉल के अनुसार प्रदान की गई सुरक्षा को प्रतिशोध के रूप में अवैध रूप से वापस ले लिया गया है।

मुंबई: महाराष्ट्र में जारी सियासी संग्राम और गहरा गया है। अब लड़ाई राजभवन और विधानसभा तक पहुंच गई है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे महाविकास अघाड़ी सरकार और पार्टी (शिवसेना) को बचाने की कोशिशों में जुटे हैं। शिवसेना ने डिप्टी स्पीकर को 16 बागी विधायकों की सदस्यता खत्म करने का अनुरोध पत्र सौंपा है, जिस पर आज कुछ कार्रवाई होने की उम्मीद है। उधर बागी एकनाथ शिंदे का गुट भी शुक्रवार को राजभवन और विधानसभा पहुंचा और अपने गुट को असली शिवसेना बताते हुए दावा पेश किया। इस बीच, ठाकरे गुट ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की आज बैठक बुलाई है।

ताजा घटनाक्रम से पता चलता है कि बागी नेता एकनाथ शिंदे का गुट 37 विधायकों की महत्वपूर्ण संख्या तक पहुंच चुका है, जो दलबदल विरोधी कानून का उल्लंघन किए बिना विधानसभा में पार्टी को विभाजित करने के लिए पर्याप्त है। इसके साथ ही शिंदे गुट में अब 42 विधायक हो गए हैं। उन्होंने दावा किया था कि 50 से अधिक विधायक उनका समर्थन कर रहे हैं। जिनमें शिवसेना के 40 विधायक शामिल हैं।

मुंबई: महाराष्ट्र में चल रहे सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इमोशनल कार्ड खेलना जारी रखा है। शुक्रवार रात जारी मैसेज में उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को फिर से एक भावुक संदेश दिया है। उन्होंने पूछा है कि अगर कहो तो पार्टी ही छोड़ दूं। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया है कि उन्हें एकनाथ शिंदे पर पहले से शक था।

एकनाथ शिंदे पर पहले से था शक

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे कुछ दिन पहले एकनाथ शिंदे पर शक हुआ था। तब मैंने शिंदे को बुलाकर कहा था कि वह अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें और शिवसेना को आगे लेकर जाएं। मैंने उनसे कहा था कि भाजपा के साथ जाना ठीक नहीं है। तब शिंदे ने कहा था कि एनसीपी और कांग्रेस मिलकर हमें खत्म करना चाहते हैं। उन्होंने कहा था कि विधायक भाजपा के साथ जाना चाहे हैं। इस पर मैंने उनसे कहा था कि उन विधायकों को मेरे पास ले आएं जो ऐसा करना चाहते हैं।

मुंबई: महाराष्‍ट्र के सियासी संकट के बीच सीएम उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को पार्टी के जिला प्रमुखों की बैठक में भावुक संबोधन दिया। शिवसेना में आई दोफाड़ की स्थिति के बीच उन्‍होंने कहा कि आप पेड़ के फूल फल और टहनी ले जा सकते हैं लेकिन जड़ें नहीं नहीं तोड़ सकते।” इस बीच, शिवसेना के एक और विधायक के गुवाहाटी पहुंचकर एकनाथ शिंदे के अगुवाई वाले बागी गुट से जुड़ने की खबर है। शिंदे गुट की पार्टी पर पकड़ मजबूत होती जा रही है। वहीं महाराष्‍ट्र के सियासी संकट में बागी गुट के मजबूत होने के बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार, अजित पवार और अन्‍य एनसीपी नेता, सीएम उद्धव ठाकरे के घर मिलने के लिए पहुंचे।

महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट संबंधी ताजा घटनाक्रम इस प्रकार है कि महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहारी जिरवाल विधान भवन पहुंचे। दो निर्दलीय विधायकों ने दावा किया कि जिरवाल के पास एकनाथ शिंदे के गुट के विधायकों को अयोग्य घोषित करने का कोई अधिकार नहीं है। शिवसेना नेता नीलम गोर्हे ने कहा कि एकनाथ शिंदे शिवसेना के नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकते, उनके समूह का भारतीय जनता पार्टी में विलय होना चाहिए।

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