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मुंबई: महाराष्‍ट्र में सियासी संकट को लेकर सीएम उद्धव ठाकरे ने चुप्‍पी तोड़ी है। अपनी पार्टी शिवसेना में तेज होती बगावत के बीच अपने भावुक संदेश में मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि वे अपना पद छोड़ने के लिए तैयार हैं। बुधवार को फेसबुक संबोधन में उन्‍होंने कहा, "मैं अपना इस्‍तीफा तैयार रख रहा हूं। आइए और मुझे बताइए कि क्‍या आप चाहते हैं कि मैं पद छोडूं।" उद्धव ने जोर देकर कहा कि शिवसेना कभी भी हिंदुत्‍व को नहीं छोड़ेगी। उन्‍होंने कहा कि हिंदुत्‍व हमारी पहचान है। मैं ऐसा पहला सीएम हूं जो हिंदुत्‍व पर बात करता हूं। उन्‍होंने कहा कि महाराष्‍ट्र कोविड महामारी के प्रकोप से जूझ रहा था। सीएम के तौर पर मैं जिस तरह कोविड पर नियंत्रण कर पाया, वह आपके समर्थन से संभव हुआ।

उन्‍होंने कहा, "मुझ पर लोगों/पार्टी जनों से नहीं मिलने के आरोप लगाए गए। जहां तक लोगों से न मिलने की बात है तो इसका कारण यह था कि मैं अस्‍वस्‍थ था और इस कारण लोगों से मिल नहीं पा रहा था। ऐसा नहीं है कि मेरे अस्‍वस्‍थ्‍य नहीं रहने के दौरान प्रशासनिक काम नही हो रहा था वह चल रहा था।"

उद्धव ने कहा, "लोग कहते हैं कि यह बाला साहेब की शिवसेना नहीं रही मैं पूछता हूं क्‍या फर्क है। यह अभी भी पहले वाली ही शिवसेना है।"

मुख्‍य विपक्षी पार्टी पर अपनी सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाते हुए उन्‍होंने कहा कि विधान परिषद चुनाव के पहले भी हमें अपने विधायकों को एकजुट रखने क लिए मशक्‍कत करनी पड़ रही, यह कैसा लोकतंत्र है। भाजपा के साथ पार्टी का गठबंधन टूटने पर कहा कि हमें ढाई साल पहले अलग राह पकड़नी पड़ी, कांग्रेस और एनसीपी के साथ आना पड़ा। शरद पवार ने भी मुझ पर भरोसा किया लेकिन जब मेरे लोग ही मुझ पर भरोसा नहीं कर रहे तो मैं क्‍या करूं। मैं अब भी उन्‍हें अपना मानता हूं।

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