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मुंबई: महाराष्ट्र में शिवसेना के उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट के बीच ताकत बढ़ाने और शह-मात का खेल तेज हो गया है। बागी कैंप की ताकत 40 तक पहुंच गई है, इस स्थिति में सीएम उद्धव ठाकरे के पास बेहद सीमित विकल्प बचे हैं। ऐसे में 12 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की अर्जी दी गई है। शिवसेना में उद्धव ठाकरे गुट ने पार्टी के 12 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग करते हुए ये याचिका दी है। इसमें बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे और भरत गोगावाले का भी नाम है।

एनडीटीवी से बात करते हुए अरविंद सावंत ने कहा कि गुरुवार दोपहर को हमने 12 विधायको की सदस्यता रद्द करने की मांग की है। एनसीपी की बैठक थी इसलिए नरहरि झिरवाल (डिप्टी स्पीकर) आए नहीं थे। उन्होंने कहा कि यह 44 पन्नों की अर्जी है, इसलिए समय लगा। कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। पार्टी की ओर से व्हिप जारी करने के बावजूद वो मीटिंग में नहीं आए, इसलिए इनकी सदस्यता रद्द की जाए। हमारी याचिका को स्वीकार कर लिया गया है।

जिन 12 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की गई है, उनके नाम हैं: महेश शिंदे, अब्दुल सत्तार, संदीपन भुमरे, भरतसेठ गोगावले, संजय शिरसाट, यामिनी जाधव, प्रभाकर सुर्वे, तानाजी सावंत, एकनाथ शिंदे, बालाजी किनिकार, अनिल बाबर, लता सोनवाने।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सभी बागी विधायकों की जगह 12 के करीब विधायकों के खिलाफ अयोग्‍यता की अर्जी दाखिल की गई है। बताया जा रहा है कि अगर ठाकरे गुट अयोग्यता की याचिका इन विधायकों के खिलाफ डिप्टी स्पीकर को देता है तो उस पर पहले फैसला होगा। ऐसे में अगर एकनाथ शिंदे का गुट डिप्टी स्पीकर के समक्ष कोई भी अन्य आवेदन दाखिल करता है, तो इस पर बाद में विचार होगा। सभी बागी विधायकों के विरोध में अयोग्यता का आवेदन इसलिए नहीं दिया जा रहा है कि अगर 30 या उससे ज्यादा विधायक डिसक्वालीफाई हो जाते हैं तो इससे विधानसभा में गठबंधन की ताकत कम होगी। ऐसे में भाजपा अपनी ताकत से ही सरकार बनाने की स्थिति में भी पहुंच सकती है।

गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली महाविकास अघाड़ी सरकार, शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाले गुट की 'कठिन चुनौती' का सामना कर रही है। शिंदे गुट की ताकत लगातार बढ़ती जा रही है और अब तक करीब 40 विधायक इसके साथ जुड़ चुके हैं। सियासी संकट के बीच उद्धव सरकार में शिवसेना की सहयोगी एनसीपी और शिवसेना ने अपने-अपने विधायकों की बैठक बुलाई थी। राज्‍य के सियासी संकट को लेकर राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की ओर से बुलाई गई बैठक में सीएम उद्धव ठाकरे के प्रति पूरा समर्थन जताया गया। कांग्रेस ने भी ऐसे ही संकेत दिए हैं।

एनसीपी नेता और डिप्‍टी सीएम अजित पवार ने कहा, " महाराष्ट्र मे जो कुछ राजनीतिक परिस्थिति निर्माण हुई है उसमें हम उद्धव ठाकरे के साथ पूरी तरह से खड़े हैं।" उधर, महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने पार्टी की अहम बैठक के बाद कहा, "शिवसेना चाहे तो बाहर से समर्थन देने को भी तैयार है। अगर शिवसेना चाहेगी तो कांग्रेस बाहर से भी उसको समर्थन देने के लिए तैयार हैं।"

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