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गुड़गांव: आरक्षण के लिए जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के अलग-अलग मामलों में गुड़गांव में करीब एक हजार लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। एक अधिकारी ने बताया कि शहर के विभिन्नों थानों में एक समुदाय के लोगों के खिलाफ सड़क जाम करने पर करीब तीन दर्जन प्राथमिकी दर्ज कराई गई हैं। कई लोगों के खिलाफ तो उनके नाम से प्राथमिकी दर्ज की गई है, लेकिन पुलिस ने विस्तृत जानकारी देने से इंकार कर दिया। चश्मदीदों ने पुलिस को बताया कि प्रदर्शन में भाग लेने वाले लोग सोने की चेन और अंगूठी पहन कर महंगी गाड़ियों में आए थे। वे सभी नौकरी में आरक्षण की मांग कर रहे थे। सूत्र ने कहा कि गुड़गांव मिश्रित संस्कृति का शहर है। लेकिन, कुछ लोगों ने इस लघु भारत में कानून एवं व्यवस्था को खराब करने की कोशिश की। इनके खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं। गुड़गांव के पुलिस आयुक्त नवदीप सिंह विर्क ने कहा कि हमने प्राथमिकी दर्ज की है। हम अभी इस मामले में और जानकारी नहीं दे सकते।

जींद: जाट आरक्षण आंदोलन की आड़ में सरकारी तथा निजी संपत्तियों में तोडफ़ोड़, आगजनी की वारदातों को अंजाम देने वाले नौ लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है। चौंकी प्रभारी ओमप्रकाश ने बीती 21 फरवरी को उचाना थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि 20 फरवरी शाम को लगभग 125 लोग पुलिस चौंकी में घुस आए और जमकर तोडफोड़ और आग लगा दी। बाद में उन्हीं उपद्रवियों ने उचाना थाना में पहुंचकर जमकर तोडफ़ोड़ की, जिससे लगभग साढ़े पांच लाख रुपये की सरकारी संपत्ति को नुकसान हुआ। पुलिस ने इस मामले में नीरज, विजय उर्फ काला, मनजीत उर्फ साधु, दीपक, राजेश, संदीप, रमेश, संदीप उर्फ मोनू, राजेश को गिरफ्तार किया है। जाट आरक्षण आंदोलन की आड़ में आगजनी, तोडफ़ोड़ से जिलेभर में करोड़ों रुपये की सरकारी तथा निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया।

चंडीगढ़: हरियाणा के सोनीपत जिले में मुरथल में जाट आंदोलन के दौरान कथित बलात्कार की घटनाओं पर राज्य पुलिस ने आज (सोमवार) पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में अपनी स्थिति रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि इस तरह की कोई घटना नहीं हुई है। स्थिति रिपोर्ट न्यायमूर्ति एसके मित्तल और न्यायमूर्ति एचएस सिद्धू की पीठ के समक्ष पेश की गई । पुलिस द्वारा दायर स्थिति रिपोर्ट में ‘सोनीपत जिले के मुरथल में 22-23 फरवरी की रात छेड़छाड़ और सामूहिक बलात्कार के आरोपों को खारिज किया गया ।’ खंडपीठ ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 14 मार्च लगाई । उच्च न्यायालय ने कथित आरोपों के बारे में एक स्थानीय दैनिक में छपी खबर के बाद मामले में स्वत: संज्ञान लिया था । पीठ ने मामले में अदालत की मदद के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता अनुपम गुप्ता को अदालत मित्र नियुक्त किया था । सुनवाई के दौरान अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मोहम्मद अकील और आरोपों की जांच कर रही तीन महिला पुलिस अधिकारियों की टीम की प्रमुख उपमहानिरीक्षक राजश्री सिंह भी मौजूद थीं ।

सोनीपत: हरियाणा में जाट आरक्षण को लेकर आंदोलन के दौरान मुरथल इलाके में महिलाओं से कथित गैंगरेप के मामले में पहली एफआईआर दर्ज हो गई है। इस मामले में मीडिया में खबरें आने के बाद एक महिला सामने आई है और उसने हरियाणा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि 22 फरवरी की रात मुरथल में उसके साथ गैंगरेप हुआ। पुलिस में दर्ज शिकायत में इस महिला ने कहा कि 22 और 23 फरवरी की दरमियानी रात को हुड़दंगियों ने कई महिलाओं के साथ गैंगरेप किया। गैंगरेप के आरोपों की जांच के लिए बनी विशेष जांच टीम की प्रमुख डीआईजी राजश्री के मुताबिक नरेला की इस महिला ने अपने देवर समेत सात लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराई है। इसलिए इस मामले में पुलिस काफ़ी सोच बूझ कर आगे बढ़ रही है। पुलिस को आशंका है कि महिला द्वारा शिकायत दर्ज कराने के पीछे का कारण 'पारिवारिक विवाद' हो सकता है।

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