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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): राज्यसभा में गुरुवार को कांग्रेस और विपक्ष के सदस्यों ने नियम 267 पर भारी हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी गई। सभापति जगदीप धनखड़ ने सुबह सदन की कार्यवाही शुरू करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार और भारतीय जनता पार्टी के‌ हर्ष महाजन को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी। इसके बाद उन्होंने आवश्यक विधायी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवायें।

नियम 267 के तहत न्यायाधीशों पर चर्चा नहीं की जा सकती: सभापति

सभापति धनखड़ ने सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए कहा कि उन्हें नियम 267 के अंतर्गत छह नोटिस मिले हैं। इनमें से पांच के बारे में पहले ही व्यवस्था दी जा चुकी है, जबकि छठा नोटिस इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश के आचरण के संबंध में है। उन्होंने कहा कि नियम 267 के अंतर्गत न्यायालय और न्यायाधीशों पर चर्चा नहीं की जा सकती। इसके लिए सदस्य को अन्य नियमों का सहारा लेना चाहिए, इसलिए ये सभी नोटिस खारिज किया जा रहे हैं। इस पर कांग्रेस के सदस्य हंगामा करने लगे।

कांग्रेस के रणदीप सिंह सुरजेवाला और दिग्विजय सिंह ने कुछ बोलने का प्रयास किया तो धनखड़ ने कुछ भी रिकॉर्ड में नहीं लेने के निर्देश दिए। इस पर कांग्रेस के अन्य सदस्य भी शोर -शराबा करने लगे। इस बीच सदन के नेता जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि सभापति के निर्णय और निर्देशों पर सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए। उनके निर्देशों की अवधारणा करना सदन और सभापति का अपमान है। इसके बाद आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और कांग्रेस के सदस्य जोर-जोर से बोलने लगे और सदन में शोर शराबा होने लगा।

हंगामे के बीच सदन के नेता ने कहा कि विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कल एक संवाददाता सम्मेलन में सभापति पर आरोप लगाये हैं और उनकी आलोचना की है। यह लोकतंत्र और संसदीय परंपरा के विरुद्ध है तथा गलत परंपरा की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि सभापति ने विपक्ष के नेता को अनेक बार अपने कक्ष में संवाद के लिए बुलाया है। विपक्ष के नेता हाल में हुई कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में भी नहीं आए।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से सभापति को ‘चीयर लीडर’ कहा जा रहा है। इसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी भी प्रजातांत्रिक और संसदीय मूल्यों का सम्मान नहीं किया है। वह संविधानिक व्यवस्थाओं का भी सम्मान नहीं करती है। कांग्रेस अमेरिकी निवेशक जार्ज सोरोस और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के संबंधों से ध्यान हटाने के लिए यह ड्रामा कर रही है।

उन्होंने कहा कि यह सदन और देश का आम आदमी जानना चाहता है कि इन दोनों के बीच क्या संबंध है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सोरोस की कठपुतली बन गई है। इस पर खरगे ने कहा कि सत्ता पक्ष ऐसे मुद्दे उठाकर वास्तविक मुद्दे को दबाना चाहता है। इसके बाद सदन में दोनों पक्षों की ओर से जोरदार हंगामा होने लगा। सदन की स्थिति को देखते हुए सभापति ने सदन की कार्यवाही 2:00 बजे तक स्थगित करने की घोषणा कर दी।

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