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मुंबई (जनादेश ब्यूरो): महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर एक बार फिर से सियासत तेज हो गई है। इस बीच उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राऊत के विधायक भाई सुनील राऊत ने महाराष्ट्र विधानसभा के तीन दिवसीय विशेष सत्र के पहले दिन ईवीएम के दुरूपयोग का आरोप लगाते हुए विधायक पद की शपथ लेने से इंकार ​कर दिया। बाद मेंं उन्होंने कहा कि वह रविवार को शपथ लेंगे। हालांकि शनिवार शाम तक 173 सदस्यों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली।

एमवीए विधायक भाई सुनील राऊत अपने इस्तीफे की पेशकश भी की है। दरअसल, सुनील राऊत ने चुनाव में इस्तेमाल किए गए ईवीएम के द्वारा जारी नतीजों पर एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है और कहा है कि अगर बैलेट पेपर से दोबारा चुनाव हों, तो वह विधायक पद से इस्तीफा देने को तैयार हैं। संजय राऊत के भाई सुनील राऊत विक्रोली से विधायक हैं और उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट कर अपने चुनावी जीत पर भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने लिखा है कि महाराष्ट्र के नतीजे अविश्वसनीय हैं, उन्हें खुद अपने क्षेत्र में 40,000 से 50,000 वोटों के अंतर से जीतना चाहिए था, पर 16 हजार के अंतर से जीते।

'अब दूध का दूध और पानी का पानी होने दो': संजय राऊत

वहीं, सुनील राऊत ने दावा किया है कि विक्रोली विधानसभी सीट के हजारों मतदाताओं को भी महाराष्ट्र चुनाव के ये नतीजे स्वीकार्य नहीं हैं। विधायक की मांग है कि अगर चुनाव बैलेट पेपर से होंगे, तो वह अभी इस्तीफा देने को तैयार हैं। उन्होंने पोस्टर में लिखा, "अब दूध का दूध और पानी का पानी होने दो।"

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में चुनावी नतीजे घोषित होने के करीब 2 हफ्ते बाद महायुति की नई सरकार का गठन हुआ। इसके बाद से ही विपक्ष ने एक बार फिर से चुनावी नतीजों पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए और ईवीएम में घपले के आरोप दोबारा लगने शुरू हो गए। एमवीए के बारे में शरद पवार, उद्धव ठाकरे गुट के नेताओं समेत कई सीनियर नेताओं का दावा है कि जनता खुद कह रही है उन्होंने महायुति को वोट नहीं दिया, फिर भी उनकी बंपर जीत हुई। ऐसे में दोबारा चुनाव कराए जाने चाहिए।

वहीं, महायुति के नेता दावा कर रहे हैं कि विपक्षी गठबंधन महाराष्ट्र की जनता को भड़काने का काम कर रहा है। उनका कहना है कि एमवीए के नेताओं से हार पच नहीं रही, इसलिए तर्कहीन आरोप लगाए जा रहे हैं।

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