चंडीगढ़: जाट आंदोलन के दौरान सोनीपत के मुरथल के नजदीक जीटी रोड पर दस महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने का शर्मनाक मामला सामने आया है। इस पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। जस्टिस एनके सांघी ने बुधवार को हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को मामला भेजते हुए कार्रवाई का आग्रह किया। मुख्य न्यायाधीश ने भी इसपर त्वरित कार्रवाई करते हुए मामले को गुरुवार के लिए सूचीबद्ध कर दिया है। अब इसपर जनहित याचिका के तौर पर सुनवाई होगी। जस्टिस सांघी ने मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा कि यह अत्यंत शर्मनाक घटना है। इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। अगर इस मामले में प्रशासन की तरह हाईकोर्ट भी अपनी आंखें बंद कर लेगा और इस पर संज्ञान नहीं लेगा तो यह उसके अपने कर्तव्य में विफल होने जैसा होगा। इसकी जांच देश की सबसे बड़ी एजेंसी से होनी चाहिए।
17 फरवरी की घटना सूत्रों के मुताबिक 17 फरवरी को सुबह करीब चार बजे करीब 30 उपद्रवियों ने मुरथल के पास एनएच-1 एनसीआर की तरफ जाने वाले वाहनों को रोका और कई वाहनों को आग लगा दी। कई लोग जान बचाकर भागे, लेकिन अचानक हुए इस हमले से कुछ महिलाएं नहीं भाग पाईं। इसके बाद उपद्रवियों ने इन महिलाओं से बदतमीजी की और उनके कपड़े फाड़ दिए। बाद में उन्होंने 10 महिलाओं के साथ गैंगरेप किया। चश्मदीदों के मुताबिक गैंगरेप के बाद इन महिलाओं को खेतों में छोड़ दिया गया। इसके बाद जीटी रोड के पास के गांव हसनपुर और कुराड़ के लोग कपड़े और कंबल लेकर आए और इन महिलाओं तन ढकने के लिए दिया। रिपोर्ट दर्ज नहीं करने की सलाह सूचना मिलते ही जिला प्रशासन के कई अधिकारी भी आ वहां गए, लेकिन आरोप है कि मामले की जांच या पीडि़तों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के बजाय परिजनों पर महिलाओं को घर ले जाने का दबाव बनाया गया। जिला प्रशासन ने पीड़ितों और उनके परिवारों को इज्जत की दुहाई देकर रिपोर्ट दर्ज नहीं कराने की नसीहत दी। डीजीपी का इनकार हरियाणा के पुलिस महानिदेशक यशपाल सिंह सिंघल ने गैंगरेप की घटना को अफवाह करार दिया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं से दुष्कर्म की खबरें गलत हैं। इनकी जांच पुलिस महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी भी कर चुके हैं और ये पूरी तरह से निराधार पाई गई हैं।