नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): संसद में आज भी गतिरोध बरकरार है। दोनों सदनों में हंगामा देखने को मिल रहा है। कांग्रेस ने सोमवार को पोस्टरों से प्रदर्शन किया। मंगलवार को संसद में पोस्टर वाले प्रदर्शनों पर लोकसभा अध्यक्ष खफा नजर आए और उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर की। इस पर विपक्ष हंगामा करने लगा, जिसके बाद लोकसभा की कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक स्थगित करना पड़ा।
संसद में इससे पहले सोमवार को सत्तापक्ष के सांसदों की ओर से कांग्रेस के शीर्ष नेताओं पर जॉर्ज सोरेस के साथ संबंधों का बात कहने और जांच की मांग पर सदन में जबरदस्त हंगामा रहा। इस कारण लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों की कार्यवाही पूरे दिन नहीं चल पाई। संसद में सोमवार को भी कोई सरकारी कामकाज नही हो पाया। ऐसे आसार नजर नहीं आ रहे हैं कि आज भी संसद में कोई सरकारी कामकाज नहीं हो पाएगा। विपक्ष के हंगामे के बाद लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। लोकसभा में मंगलवार को हंगामे के चलते प्रश्नकाल की कार्यवाही एक बार फिर धुल गई।
दोपहर 12 बजे की कार्यवाही शुरू होते ही पीठासीन अधिकारी दिलीप सेकिया ने मंत्रियों और सदस्यों से कागजात सदन के पटल पर रखवाए। इस बीच सदन मेंं विपक्ष का हंगामा जारी रहा। जबरदस्त शोरशराबे के बीच पीठासीन अधिकारी ने लोकसभा की कार्यवाही को कल बुधबार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
उधर, राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे दोबारा शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने जॉर्ज सोरोस का मुद्दा राज्यसभा में उठाने पर सत्ता पक्ष के खिलाफ जमकर हंगामा किया और नारे लगाए। केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद जेपी नड्डा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के जॉर्ज सोरोस से सीधे संबंध हैं और पार्टी भारत को अस्थिर करने के लिए काम कर रही है। इसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
लोकतंत्र के मंदिर की मर्यादा न तोड़ें, देश देख रहा: स्पीकर
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही स्पीकर ओम बिरला ने संसद परिसर में पोस्टरों के साथ किए जा रहे विपक्ष के प्रदर्शन पर एतराज जताया। उन्होंने बड़े दुखी मन से कहा कि जिस तरह से संसद की मर्यादा तोड़ी जा रही और विपक्ष के वरिष्ठ नेता इसमें शामिल हो रहे हैं, वह बेहद अशोभनीय है।
राज्यसभा में सोमवार को लगातार जबरदस्त हंगामा बना रहा। सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित की गई। जेपी नड्डा ने कहा कि उनकी पार्टी के सदस्य गंभीर विषय पर नियम 267 के तहत चर्चा करना चाहते हैं। कांग्रेस ने इस पर हैरानी जताई। कांग्रेस ने कहा कि विपक्ष अपनी आवाज उठाने के लिए संसद में नियम 267 के तहत चर्चा की मांग करता रहा है, लेकिन यह पहली बार है जब सत्तापक्ष ऐसा कर रहा है।