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नूंह: हरियाणा के नूंह में हिंदू संगठनों द्वारा आज शोभायात्रा निकालने के ऐलान के बाद सुरक्षा व्यवस्था काफ़ी चाक-चौबंद है। प्रशासन ने शोभायात्रा निकालने की इजाज़त नहीं दी है। नूंह में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। साथ ही धारा-144 भी लगाई गई है, ताकि लोग एकत्रित न हो सकें। सुरक्षा के मद्देनजर सोहना टोल से नूंह की तरफ़ जाने वाली हर गाड़ी की जांच की जा रही है, गाडि़यों के नंबर नोट किये जा रहे हैं। लोगों को बताया जा रहा है कि वो नूंह की तरफ़ न जाएं। हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी लोगों से अपील की है कि वह अपने क्षेत्र के ही मंदिरों में जलाभिषेक करें।

पुलिस नूंह में किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए तैयार नजर आ रही है। जिले की सीमाओं को सील कर दिया गया है। हरियाणा पुलिस के 675 अधिकारी व कर्मचारी मोर्चा संभाल रहे हैं, तो तीन एचएपी की बटालियन लगाई गई हैं। इसके अलावा अर्द्धसैनिक बलों के हजारों जवान नूंह शहर में हर हरकत पर नजर रख रहे हैं। पुलिस ने शहर में प्रवेश से पहले भी बैरिकेडिंग की हुई है। बैरिकेटिंग पर कैमरे से हर हरकत पर नजर रखी जा रही है।

नूंह: हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा के बाद फिर से ब्रजमंडल की शोभायात्रा निकाले जाने की तैयारी है। जानकारी के मुताबिक, हिंदू संगठन ब्रजमंडल 28 अगस्त को शोभायात्रा निकालेगा। हालांकि, प्रशासन की ओर से इस शोभायात्रा की अनुमति नहीं दी गई है। प्रशासन ने किसी भी तरह की हिंसा और अनहोनी से बचने के लिए 25 से 29 अगस्त तक इंटरनेट सर्विस और बल्क एसएमएस पर रोक लगा दी है। इस दौरान सिर्फ कॉलिंग सर्विस ही चालू रहेगी।

नूहं जिले में डीसी ने इंटरनेट सेवा और बल्क एसएमएस 29 अगस्त तक बंद रखने के लिए एडिशनल चीफ सेकेट्री, हरियाणा होम डिपार्टमेंट पंचकुला को चिट्ठी लिखी है। डीसी ने कहा है कि 29 अगस्त तक सभी इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी जाएं, ताकि किसी तरह के भड़काऊ पोस्ट या भ्रामक प्रचार वायरल न हो सके।

13 अगस्त को नूंह से सटे पलवल के पोंडरी गांव में कई हिंदू संगठनों की ओर से बुलाई गई महापंचायत में नूंह के नल्हार मंदिर से इस शोभायात्रा को फिर से निकालने का फैसला लिया गया था।

नई दिल्ली: हरियाणा के नूंह में हिंसा के बाद से बंद इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई है। प्रशासन ने 13 दिनों के बाद जिले के विभिन्न क्षेत्रों में बंद इंटरनेट सेवा की शुरुआत कर दी। प्रशासन की तरफ से सोशल मीडिया पर निगरानी जारी रखी जाएगी। किसी भी तरह के विवादित पोस्ट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। नूंह में 31 जुलाई को सांप्रदायिक हिंसा भड़कने के बाद स्कूल और कॉलेज भी बंद कर दिए गए थे। जिसे बाद में हालात में सुधार के बाद खोल दिया गया था।

इधर नूंह में 31 जुलाई को हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद नूंह पलवल बॉर्डर पर पलवल जिले के पोंडरी गांव में रविवार को सर्व हिंदू समाज की महापंचायत हुई।

पंचायत करने की इजाजत इस शर्त पर दी गई थी कि इसमें कोई नफरत भरे भाषण नहीं दिये जाएंगे, लेकिन ऐसा हो न सका। महापंचायत के दौरान कुछ लोगों ने पुलिस की चेतावनी को नजरंदाज करते हुए धमकियां दीं।

पंचायत में एक वक्‍ता ने कहा, यदि आप उंगली उठाएंगे, तो हम आपके हाथ काट देंगे। महापंचायत के आयोजकों का दावा है कि वक्‍ताओं को नफरत भरे भाषण न देने की चेतावनी दी गई थी, लेकिन कुछ लोगों ने इसे नहीं माना।

पलवल: हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई की सांप्रदायिक हिंसा के बाद पलवल जिले के पोंडरी गांव में सर्व हिंदू समाज की महापंचायत हुई। महापंचायत में 51 सदस्‍यीय कमेटी ने कई अहम फैसले किये हैं। महापंचायत में फैसला किया गया कि जो जलाभिषेक यात्रा 31 जुलाई को नहीं हो पाई थी, वो अब 28 अगस्त को निकाली जाएगी। साथ ही कमेटी की ओर से कहा गया कि हिंसा की जांच एनआईए से कराई जाए। महापंचायत में सांप्रदायिक हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की भी मांग की गई है। साथ ही कमेटी ने कहा कि घायलों को 50- 50 लाख रुपए दिये जाएं।

महापंचायत के दौरान कमेटी ने मांग की कि दंगे में जो नुकसान हुआ है, उसकी वसूली आरोपियों से की जाए। दूसरे देशों से आए लोगों के लिए सख्त कानून बनाकर उन्हें बाहर निकाला जाए। नूंह और पलवल के लोगों को सेल्फ डिफेंस के लिए सरकार हथियारों का लाइसेंस दे। इसके साथ ही कमेटी ने अपने फैसले में सरकार से मांग करते हुए कहा कि अर्धसैनिक बल का एक हेडक्‍वार्टर नूंह में होना चाहिए, जिससे सुरक्षा रहे।

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