ग्रेटर नोएडा: जीरो प्वाइंट पर धरना दे रहे 34 किसान नेताओं को पुलिस ने बुधवार रात हिरासत लेकर लुक्सर जेल भेज दिया। वहीं गुरुवार को जिले के विभिन्न इलाकों से प्रदर्शनकारी 43 किसान नेताओं को गिरफ्तार करके जेल भेजा है। किसान नेताओं को जेल भेजने के विरोध में एक बार फिर किसान संगठन और पुलिस प्रशासन के बीच टकराव की स्थिति बन गई है। संयुक्त किसान मोर्चा ने एलान किया है कि शुक्रवार दोपहर 12 बजे फिर से सैंकड़ों की संख्या में किसान दिल्ली कूच करने के इरादे से जीरो पाइंट पर पहुंचेंगे। किसानों ने कहा कि प्रशासन और सरकार उनकी आवाज को दबाने का काम कर रही है। जेल से छूटने के बाद आंदोलन तेज होगा।
गौरतलब है जिले के किसान 10 प्रतिशत आबादी भूखंड, बढ़ा हुआ 64.7 प्रतिशत मुआवजे और नए भूमि अधिग्रहण कानून को लागू करने की मांग लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे हैं। 10 से अधिक किसान संगठनों ने संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले आकर 25 नवंबर से महापंचायत शुरू कर पहले ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पर धरना दिया था।
इसके बाद किसानों ने यमुना विकास प्राधिकरण कार्यालय के बाहर डेरा डाला। तीन दिन पहले हजारों किसानों ने दिल्ली के लिए कूच था, लेकिन नोएडा पुलिस ने उन्हें दलित प्रेरणा स्थल में रोक लिया गया था।
वरिष्ठ अधिकारियों से वार्ता के बाद किसानों ने एक सप्ताह तक दलित प्रेरणा स्थल में धरना जारी रखने को कहा था। मगर मंगलवार को करीब 123 किसान नेताओं को हिरासत में लेकर जेल भेजा गया था। इससे नाराज किसान संगठनों ने साथी किसानों की रिहाई के साथ बुधवार को ग्रेटर नोएडा के जीरो प्वाइंट पर महापंचायत बुलाई थी। इस पंचायत में सैकड़ों किसान शामिल हुए थे। वरिष्ठ अधिकारियों से वार्ता के बाद जेल भेजे गए किसानों को बुधवार देर शाम रिहा कर दिया गया था।
इसके बाद रिहा हुए किसानों ने महापंचायत में पहुंचकर आंदोलन को तेज करने की बात कही थी। बुधवार रात करीब 11 बजे जब जीरो प्वाइंट पर किसान सो रहे थे तो पुलिस ने उन्हें जबरन उठाकर बस, पुलिस वैन आदि में भरकर जेल पहुंचा दिया। रात करीब डेढ़ बजे तक किसान सुखबीर खलीफा, सोरन प्रधान समेत 34 किसान नेताओं को हिरासत में लेकर जेल पहुंचाया गया। वहीं गुरुवार सुबह किसान नेताओं को जेल भेजे जाने के विरोध में किसान नेताओं ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी व्यक्त की।
दनकौर सहित अन्य देहात इलाकों में ग्रेटर नोएडा के जीरो प्वाइंट पहुंचने का आह्वान किया। इस दौरान पहले से अलर्ट पुलिस ने महिला सिपाहियों की मदद से महिला समेत 100 से अधिक किसानों को हिरासत में लेकर जेल पहुंचाया गया। हालांकि जेल पहुंचने के बाद पुलिस ने महिला किसानों को छोड़ दिया, लेकिन उनके साथ आए 42 पुरुष किसानों को जेल में दाखिल किया गया है। जहां सभी किसानों को सामान्य बैरक में रखा गया है। वहीं पुलिस अधिकारियों का कहना रहा कि बिना अनुमति के धरना करने के लिए जीरो पाइंट से दलित प्रेरणा स्थल नोएडा की ओर निकले किसानों को गिरफ्तार किया गया है।
धरना स्थल को खाली कराया, बैरिकेड लगाकर चेकिंग
बृहस्पतिवार को सुबह से धरना स्थल पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। धरना स्थल की ओर जाने वाले सभी प्रमुख मार्गों पर बैरिकेड लगाकर चेकिंग की गई। किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर के नेतृत्व में जीरो पाइंट से दिल्ली कूच करते हुए किसानों को गिरफ्तार किया। इस दौरान किसानों ने केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।
किसानों को गिरफ्तार करने के दौरान महिलाओं और पुलिस के बीच धक्का मुक्की हुई। ग्रेटर नोएडा के जीरो प्वाइंट के पास धरना स्थल को पुलिस ने खाली करा दिया है। वर्तमान में एक भी किसान धरनास्थल पर नहीं है। पुलिस की ओर से जीरो प्वाइंट पर सतर्कता के रूप में नजर रखी न रही है। किसान नेताओं पर दबाव बनाने के लिए किसान नेताओं के परिजनों को थाने में बैठाया जा रहा है। कई किसान नेताओं को उनके घरों पर नजर बंद कर दिया है।
किसान नेता वीर सिंह नागर ने कहा, संयुक्त किसान मोर्चा की कमेटी ने अधिकारियों से बातचीत कर सहमति बनाई थी कि 5 दिसंबर आंदोलन के आगे की कार्रवाई एवं वार्ता तय की जाएगी। पुलिस प्रशासन ने वादा खिलाफी करते हुए रात में किसानों को जेल दिया।
भारतीय किसान परिषद के नेता उदल आर्य ने कहा, पुलिस के उत्पीड़न से किसानों में आक्रोश भर रहा है। पुलिस किसान नेताओं के परिजनों को परेशान करने से आंदोलन खत्म करने का प्रयास कर रही है। गांव-गांव में किसानों ने हजारों की संख्या में गिरफ्तारी देने को तैयार हैं।-
किसान सभा के जिलाध्यक्ष डॉ रूपेश वर्मा ने कहा, लड़ाई आर पार की है। संकल्प करके आंदोलन शुरू किया था। किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचलना लोकतंत्र पर हमला है। इससे किसानों में आक्रोश है।