ताज़ा खबरें
हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, 28 को लेंगे शपथ

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पटियाला हाउस कोर्ट में जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की पेशी की कार्रवाई को टालने का आदेश दिया है। आज (बुधवार) जब कन्हैया कुमार को कोर्ट में पेश किया जा रहा था तो वकीलों के समूह ने उन पर हमला कर दिया। हालांकि पुलिस ने उन्हें बचा लिया। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को पटियाला हाउस कोर्ट परिसर को पूरी तरह खाली कराने का आदेश दिया है। कोर्ट ने पांच वकीलों और एक पुलिस अधिकारी की टीम बनाई है, जो तुरंत पटियाला हाउस कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था की जांच करेगी और रिपोर्ट सौंपेगी। इस टीम में दुष्यंत दवे, एके सिन्हा, कपिल सिब्बल, एडी राव, हरिन रावल और राजीव धवन के नाम शामिल हैं। गौरतलब है कि कोर्ट परिसर में आज फिर एक पत्रकार की पिटाई और वकीलों के हंगामे से सुप्रीम कोर्ट नाराज हो गया। कोर्ट ने नोटिस देकर दिल्ली पुलिस को फिर हाजिर होने का आदेश दिया। कोर्ट ने पुलिस को 10 मिनट में हाजिर होने का आदेश दिया था और कहा कि आखिर क्यों नहीं आदेश का पालन हुआ।

नई दिल्ली: पटियाला हाउस कोर्ट में पत्रकारों, छात्रों और शिक्षकों की पिटाई में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने में पुलिस की निष्क्रियता की शिकायत करने वाली और जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के लिए हिंसा के डर और पूर्वाग्रह से मुक्त निष्पक्ष सुनवाई की मांग करने वाली याचिका पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान 'वंदे मातरम' के नारे लगाए गए। सुनवाई के दौरान वकील राजीव ने कोर्ट में वंदे मातरम के नारे लगाए। इस पर जजों ने कहा कि शीर्ष कोर्ट में यह क्या हो रहा है? हालांकि बाद में राजीव ने माफी मांग ली। इससे पहले कोर्ट ने पटियाला हाउस अदालत कक्ष में सीमित प्रवेश का आदेश दिया, जहां आज जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को पेश किया जाना है। अदालत कक्ष में कार्यवाही के दौरान आरोपी और अभियोजन के वकीलों को छोड़कर कोई अन्य वकील मौजूद नहीं रहेगा।

नई दिल्ली: जेएनयू में देशद्रोही नारे लगाए जाने के मामले में दिल्ली पुलिस आरोपी छात्रों की तलाश में जुटी है। पुलिस की तरफ से उत्तर प्रदेश, बिहार और श्रीनगर में छापेमारी की जा रही है। टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस ने दिल्ली और जम्मू के भी कई इलाकों में देशद्रोही नारे लगाने के आरोपी उमर खालिद समेत पांच छात्रों की तलाश में छापेमारी की। इस बीच जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की पुलिस कस्टडी बुधवार को समाप्त हो रही है। दिल्ली पुलिस उन्हें कोर्ट में पेश करेगी और आगे की कार्रवाई के लिए भी रिमांड की मांग कर सकती है। सुरक्षा एजेंसियों से मिली जानकारी के मुताबिक, हो सकता है कि पिछले दिनों जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित हुए एक विवादित कार्यक्रम में जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने देश विरोधी नारे न लगाए हों या भड़काउ भाषण न दिए हों।

नई दिल्ली: राष्ट्रीय मीडिया के संपादक और सैकड़ों पत्रकारों ने आज (बुधवार) सड़क पर उतर कर उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जिन्होंने कल एक अदालत परिसर में पुलिस की मौजूदगी में मीडियाकर्मियों की पिटाई की थी। साथ ही, पत्रकारों ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की हिफाजत के लिए उच्चतम न्यायालय से हस्तक्षेप करने की भी मांग की। पत्रकारों ने मोदी सरकार और दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रेस क्लब ऑफ इंडिया से उच्चतम न्यायालय तक मार्च किया तथा शीर्ष न्यायालय के रजिस्ट्रार को एक ज्ञापन सौंप कर हमले में संलिप्त वकीलों का लाइसेंस रद्द करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने पटियाला हाउस अदालत परिसार में सुरक्षाकर्मियों की अकर्मण्यता को लेकर पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी को बख्रास्त करने की भी मांग की। उस वक्त पत्रकार, छात्र और जेएनयू के शिक्षकों पर वकीलों की पोशाक (काला कोट) पहने लोगों ने हमला किया था।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख