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हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, 28 को लेंगे शपथ

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज (शनिवार) अपने नेपाली समकक्ष के पी ओली के साथ व्यापक बातचीत की,जिसमें व्यापार और नेपाल के राजनीतिक हालात सहित परस्पर हित के कई मुद्दे शामिल थे। ओली छह दिन के राजकीय दौरे पर कल यहां पहुंचे। पिछले साल अक्तूबर में प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के तहत भारत पहुंचे ओली के साथ 77 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आया है। यात्रा के तहत नेपाल के नये संविधान से जुड़े मुद्दों से प्रभावित हुए दोनों देशों के संबंधों को सुधारने पर मुख्य ध्यान दिया जा रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने दोनों नेताओं की तस्वीर डालते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘‘भविष्य की तरफ तेज कदम बढ़ाते हुए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली का हैदराबाद हाउस में स्वागत किया।’’ मोदी और ओली ने बातचीत के दौरान द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं का जायजा लिया।

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस पर निशाना साधते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कहा है कि जेएनयू छात्र नेता कन्हैया कुमार पर अदालत परिसर के भीतर हमला ‘संगठित और पूर्व नियोजित’ लगता है। आयोग ने यह भी आरोप लगाया है कि कुमार पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाया गया और अदालत में उपस्थित होने से पहले बयान जारी करवाया गया। आयोग की तथ्य खोजने वाली टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा ‘वकीलों के कपड़े पहने कुछ लोगों ने पटियाला हाउस अदालत परिसर में 17 फरवरी को कन्हैया कुमार को गालियां दीं और हमला किया।’ रिपोर्ट में आगे लिखा गया है कि ‘अदालत कक्ष के भीतर पुलिस की उपस्थिति में कन्हैया को पीटा गया और पुलिस ने हमले को रोकने या हमलावरों को पकड़ने के लिए कुछ नहीं किया जबकि कुमार ने इन लोगों की शिनाख्त भी की है। कुमार पर हमला संगठित एवं पूर्व नियोजित लगता है।’

नई दिल्ली: वामपंथी दलों, जनता दल (यू) और कुछ अन्य दलों के नेताओं ने शुक्रवार को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मुलाकात की। इन विपक्षी दलों ने जेएनयू के विवाद में राष्ट्रपति से तुरंत हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया। इन नेताओं ने इस संबंध में राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भी सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने छात्र नेता कन्हैया कुमार को तुरंत रिहा करने और उनके खिलाफ देशद्रोह सहित सभी मामलों को वापस लेने की मांग की। ज्ञापन में कहा गया कि आरएसएस और भाजपा लोगों के लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकारों पर खुलेआम हमला कर रहे हैं और देश में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण कर रहे हैं। ऐसे में राष्ट्रपति से हस्तक्षेप कर स्थिति को सामान्य बनाने का अनुरोध किया गया। प्रतिनिधिमंडल में शामिल इन नेताओं ने कहा कि सरकार द्वारा लगाए गए आरोप मनगढ़ंत हैं और इन आरोपों को गढने वाले लोगों के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए। ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वाले लोगों में माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा महासचिव एस सुधाकर रेड्डी, जदयू के पवन वर्मा, राजद के प्रेमचंद गुप्ता, एनसीपी के डीपी त्रिपाठी शामिल हैं।

नई दिल्ली: जनता दल (यू) अध्यक्ष शरद यादव ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय का अल्पसंख्यक दर्जा वापस लेने के कथित कदम को लेकर सरकार पर आज (शुक्रवार) हमला किया। उन्होंने कहा कि यह मुस्लिमों के अधिकारों का उल्लंघन करेगा और संविधान के खिलाफ होगा। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर समुदाय के भीतर अशांति है। उन्होंने एक वक्तव्य में कहा, ‘यह संविधान और देश के धर्मनिरपेक्ष ताना-बाना के खिलाफ है। यह बेतुका है कि अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा बनाए गए संस्थान अपना अल्पसंख्यक दर्जा खो देंगे। यह न सिर्फ उनका मनोबल गिराएगा बल्कि लोग भी खतरा महसूस करेंगे क्योंकि यह दिखाएगा कि संविधान और संसद द्वारा पारित अधिनियम का कोई मूल्य नहीं है।’

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