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हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, 28 को लेंगे शपथ

नई दिल्ली: भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को सीधे निशाने पर लिया है। जेएनयू में देश की संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु के समर्थन में नारे लगाने वाले छात्रों पर कार्रवाई के विरोध में राहुल गांधी और लेफ्ट के नेताओं के साथ कुछ कांग्रेसी नेताओं ने छात्रों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया था। अमित शाह ने एक ब्लॉग पर लिखा, 'जेएनयू में राहुल गांधी ने वर्त्तमान भारत की तुलना हिटलर के जर्मनी से कर डाली। इतनी ओछी बात करने से पहले वह भूल जाते है कि स्वतंत्र भारत की हिटलर के जर्मनी से सबसे निकट परिकल्पना सिर्फ श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए 1975 के आपातकाल से की जा सकती है। स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति तो दूर, आपातकाल में विरोधियों को निर्ममता के साथ जेल में ठूंस दिया गया था। वामदलों के नेता जिनकी वह आज हिमायत करते घूम रहे है, वह भी इस बर्बरता की शिकार हुए थे। हिटलरवाद सिर्फ कांग्रेस के डीएनए में है, भाजपा को राष्ट्रवाद और प्रजातंत्र के मूल्यों की शिक्षा कांग्रेस पार्टी से लेने की जरूरत नहीं है।' इस घटना के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की यह पहली प्रतिक्रिया है। उन्होंने कहा कि जेएनयू में जो कुछ हुआ, वह देशहित में नहीं है।

नई दिल्ली: सियाचिन में हिमस्खलन की चपेट में आने से शहीद हुए 9 सैनिकों के शव लेह से राजधानी दिल्ली लाए गए। मौसम साफ न होने की वजह से रविवार को सैनिकों के पार्थिव शरीर दिल्ली नहीं लाए जा सके थे। सेना के एक प्रवक्ता के मुताबिक रविवार को मौसम के साफ होने पर सेना के हेलीकॉप्टरों के जरिये सियाचिन में शहीद हुए नौ सैनिकों के शव बेस कैंप के नजदीक स्थित हवाई पट्टी लाए गए थे। प्रवक्ता ने बताया कि शुक्रवार को भी तीन बार शव लाने की कोशिश की गई जो खराब मौसम के चलते नाकाम रही थी। गौर हो कि मद्रास रेजीमेंट के एक जूनियर कमीशन प्राप्त अधिकारी और नौ अन्य सैनिक तीन फरवरी को हिमस्खलन में जिंदा दफन हो गए थे। इसी हादसे में कर्नाटक स्थित धारवाड़ जिले के लांस नायक हनुमनथप्पा छह दिन बाद 35 फीट बर्फ के नीचे से जीवित निकाले गए थे लेकिन उनकी नई दिल्ली में इलाज के दौरान मौत हो गई थी।

नई दिल्ली: 'जेएनयू में जो कुछ हुआ, उसे लश्‍कर-ए-तैयबा के प्रमुख और आतंकवादी हाफ़िज़ सईद का समर्थन हासिल था', अपने इस बयान को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह विवाद में फंस गए हैं। विपक्ष उनसे सबूत मांग रहा है कि जेएनयू में जो कुछ हुआ, उसमें हाफ़िज़ सईद की संलिप्‍तता के बारे में गृह मंत्री को जानकारी कैसे मिली? राजनाथ के बयान के तुरंत बाद विपक्षी पार्टियों ने मांग की कि गृह मंत्री जेएनयू परिसर में हुए कार्यक्रम को लेकर किए गए अपने दावे को साबित करने के लिए सबूत दें। देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की रिहाई की मांग कर रहे छात्रों को उस वक्त बड़ी ताकत मिली जब देश की 40 यूनिवर्सिटी के शिक्षक संघों ने जेएनयू के छात्रों एवं शिक्षकों की ओर से किए जा रहे प्रदर्शन को समर्थन देने की घोषणा की। जेएनयू शिक्षक संघ भी मामले से ठीक से न निपटने को लेकर यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ खुलकर सामने आ गया है। शिक्षक संघ खासकर इस बात से नाराज है कि यूनिवर्सिटी की ओर से गठित उच्च-स्तरीय जांच समिति की छानबीन पूरी होने से पहले पुलिस कार्रवाई की इजाजत क्यों दी गई। शिक्षक छात्रों के समर्थन में उतर आए हैं।

नई दिल्ली: संसद के 23 फरवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र में कांग्रेस अर्थव्यवस्था की स्थिति पर श्वेतपत्र जारी करने की सरकार से पुरजोर मांग करेगी । कांग्रेस का दावा है कि उसके इस कदम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘‘शेखी भरे ’’ दावों की पोल खुल जाएगी। विपक्षी दल राज्यपाल के पद के कथित दुरूपयोग , दलितों पर अत्याचार और विश्वविद्यालय परिसरों तथा अन्य उत्कृष्ठ संस्थानों में ‘‘तनाव तथा नियोजित संघषर्’’ के मुद्दों को भी उठाएंगे। राज्यसभा में पार्टी के उप नेता आनंद शर्मा ने यह बात कही। उन्होंने बताया कि कांग्रेस प्रधानमंत्री के ‘‘शेखीभरे दावों ’’ के मद्देनजर अर्थव्यवस्था पर श्वेतपत्र की मांग करेगी। शर्मा ने दावा किया कि अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में मंदी है । विनिर्माण और औद्योगिक उत्पादन में गिरावट है , पिछले 13 महीनों से निर्यात में भारी गिरावट है , निर्यात विनिर्माण क्षेत्र में हजारों नौकरियां चली गयी हैं , घरेलू निवेश में भारी गिरावट है और सकल घरेलू उत्पाद अनुपात रिण में वृद्धि हो रही है ।

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