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हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, 28 को लेंगे शपथ

नई दिल्ली: जेएनयू मामले को लेकर कन्हैया कुमार की पटियाला हाउस कोर्ट में पेशी के दौरान वकीलों के एक समूह द्वारा जेएनयू के छात्रों, शिक्षकों और पत्रकारों पर हमले को लेकर बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने कहा कि यह घटना शर्मनाक है। कुछ वकीलों की वजह से देशभर के वकीलों की छवि खराब हुई है। बार काउंसिल ने मीडिया से माफी मांगते हुए कहा है कि दोषी वकीलों के खिलाफ कार्रवाई होगी। जरूरत पड़ी तो लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है। इसके लिए उन्होंने हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी भी गठित की है। यह कमेटी तीन हफ्तों में रिपोर्ट देगी। पटियाला हाउस कोर्ट में पत्रकारों, जेएनयू के छात्रों और शिक्षकों पर 15 जनवरी को वकीलों के एक समूह ने हमला किया था। इस मामले में तीन वकीलों को समन भी किया गया था,लेकिन तीनों में से कोई भी पेश नहीं हुआ।

नई दिल्ली: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी के एक प्रतिनिधि मंडल ने जेएनयू विवाद पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपा। इस मुलाकात में राहुल ने जेएनयू विवाद और देश के विभिन्न हिस्सों में कथित तौर पर छात्रों को निशाना बनाये जाने के मुद्दे को उठाया। मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने मीडिया से बातचीत में सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि देश भर में छात्रों की आवाज़ को दबाने की कोशिश की जा रही है। राहुल ने कहा 'देशप्रेम मेरे खून में है। मेरे परिवार ने इस देश के लिए बार बार कुर्बानी दी है। अगर किसी ने इस देश के खिलाफ कुछ बोला है तो उसे कानून के मुताबिक सज़ा मिलनी चाहिए।' लेकिन इसके साथ ही राहुल ने यह भी कहा कि 'सरकार का काम संस्थानों को बंद करना या खत्म करना नहीं है।' आरएसएस पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा कि पूरे देश पर एक तरह की विचारधारा को थोपने की कोशिश की जा रही है।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को अपनी मंत्रिपरिषद को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी कि परियोजनाओं को तय समय सीमा के भीतर पूरा किया जाए तथा सरकार की उपलब्धियों का सही से प्रचार किया जाए। मंत्रिपरिषद को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं को पूरा करने में विशेष रूप से समय सीमा का ध्यान रखा जाए और इसमें किसी भी कीमत पर देरी न हो। उन्होंने कहा कि जब सरकार एक योजना की घोषणा करती है तो इससे लोगों की अपेक्षाएं बढ़ जाती हैं। समझा जाता है कि उन्होंने अपने मंत्रियों से कहा, 'लोग परिणाम पर नजर रखते हैं। लोगों की आकांक्षाओं पर खरा उतरने के लिए हमें समय सीमा नहीं गंवानी चाहिए।'

नई दिल्ली: देश के अग्रणी जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में बढ़ते विवाद पर केंद्र के निपटने के तरीके और दक्षिणपंथी धड़े की फासीवादी ताकतों की कार्रवाई को 'वैध करार' देने पर भाजपा की छात्र संगठन एबीवीपी की जेएनयू इकाई के तीन पदाधिकारियों ने आज (बुधवार) इस्तीफा दे दिया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की जेएनयू इकाई के संयुक्त सचिव प्रदीप नरवाल ने कहा कि उन्होंने पार्टी छोड़ दी है। विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज (एसएसएस) की एबीवीपी इकाई के अध्यक्ष राहुल यादव और इसके सचिव अंकित हंस ने भी कहा कि उन्होंने पार्टी छोड़ दी है। तीनों नेताओं ने एक संयुक्त बयान में कहा कि उन्होंने एबीवीपी छोड़ने का फैसला किया है, क्योंकि राजग सरकार जिस तरह से इन मुद्दों से निपट रही है उससे उनका जबर्दस्त मतभेद है। उन्होंने यह भी कहा कि 'सवाल पूछने, विचारों के दमन और समूचे वाम का राष्ट्र विरोधी के तौर ब्रांडिंग' करने के बीच फर्क है।

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