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नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की मां ने कहा है, ‘ कृपया मेरे बेटे को आतंकवादी मत कहिए।’ बिहार के बेगुसराय जिले में पड़ोसी के घर पर टीवी समाचार देखकर वह रो पड़ीं। उसकी मां मीना देवी ने बिहार से फोन पर बताया, ‘हमें जब से पता चला है कि कन्हैया को गिरफ्तार कर लिया गया है, तब से हम लगातार टीवी देख रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि पुलिस उसे बहुत ज्यादा नहीं पीटेगी। उसने कभी भी अपने माता पिता का अपमान नहीं किया, देश की बात तो भूल ही जाइए। कृपया मेरे बेटे को आतंकवादी नहीं बोलिए। वह यह नहीं हो सकता है।’ मीना एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं और साढ़े तीन हजार रुपये प्रति माह कमाती हैं। उन्होंने कहा कि वह और उनका बड़ा बेटा मणिकांत ही घर में कमाने वाले हैं क्योंकि उनके 65 वर्षीय पति लकवाग्रस्त होने की वजह से सात वर्षों से बिस्तर पर हैं।

नई दिल्ली: घाटे का सौदा होने के कारण हर रोज ढाई हजार किसान खेती छोड़ रहे हैं। और तो और देश में अभी किसानों की कोई एक परिभाषा भी नहीं है। वित्तीय योजनाओं में, राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो और पुलिस की नजर में किसान की अलग अलग परिभाषाएं हैं। ऐसे में किसान हितों से जुड़े लोग सवाल उठा रहे हैं कि कुछ ही समय बाद पेश होने वाले आम बजट में गांव, खेती और किसान को बचाने के लिए क्या पहल होगी। लेखक एवं सामाजिक कार्यकर्ता किशन पटनायक ने कहा कि खेती और किसान की वर्तमान दशा के बीच यक्ष प्रश्न यह उठ खड़ा हुआ है कि वास्तव में किसान कौन हैं, किसान की क्या परिभाषा हो? ऐसा इसलिए है कि वित्तीय योजनाओं के संदर्भ में किसान की एक परिभाषा है, तो राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो का कोई दूसरा मापदंड है, पुलिस की नजर में किसान की अलग परिभाषा है। इन सबके बीच किसान बदहाल और परेशान हैं। उतार-चढ़ाव के बीच कृषि विकास दर रफ्तार नहीं पकड़ रही है।

नई दिल्ली(जनादेश ब्यूरो): जेएनयू में देशद्रोह के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल से जांच कराई जा सकती है। वहीं गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस मामले में बयान दिया है कि जेएनयू में जो हुआ, उसे हाफिज़ का समर्थन हासिल था। गृहमंत्री ने कहा कि जेएनयू में जो देश विरोधी नारे लगे, उन्हें हाफिज़ का समर्थन हासिल था। इस पूरी घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि देश के खिलाफ नारे लगाने वालों को माफी नहीं दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा- मैं सभी राजनीतिक पार्टियों से गुजारिश करता हूं कि जब भी भारत विरोधी नारे लगाए जाने जैसी स्थिति आए, पूरे राष्ट्र को एक ही सुर में बोलना चाहिए। उन्होंने कहा कि जेएनयू में जो हुआ, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने साफ कहा कि देश विरोधी नारे लगानेवालों को माफ़ी नहीं दी जाएगी। गौरतलब है कि जेएनयू में कथित 'देशद्रोह' के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल से जांच कराई जा सकती है। स्थानीय पुलिस ने इस बाबत औपचारिक रूप से इस केस के ट्रांसफर करने की सिफारिश की है।

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को निशाने पर लेते हुए कहा कि अभी जो सरकार है उसमें प्रधानमंत्री के शब्द अंतिम होते हैं। जेटली ने यह टिप्पणी डॉ. सिंह के उस बयान के जवाब में की जिसमें उन्होंने कहा था- 'नरेंद्र मोदी को यह समझना चाहिये कि वे पूरे देश के प्रधानमंत्री हैं।' डॉ. सिंह की सलाह के जवाब में जेटली ने अपने फेसबुक पेज पर 'डॉ. मनमोहन सिंह को अपनी पार्टी को क्या सलाह देनी चाहिये' शीर्षक से लिखी पोस्ट में लिखा- 'पूर्व प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति बहुत कम ही बोलते हैं, लेकिन जब बोलते हैं तो पूरा देश उन्हें ध्यान से सुनता है।

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